हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने रविवार को पुलिस प्रशासन से जुड़ा एक अहम आदेश जारी करते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया है। इस आदेश के तहत 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी ओम प्रकाश सिंह को हरियाणा का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी/HoPF) नियुक्त किया गया है, जबकि 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारी शत्रुजीत सिंह कपूर को हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन का अतिरिक्त प्रभार संभालने की जिम्मेदारी दी गई है।
गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार को तत्काल प्रभाव से डीजीपी का कार्यभार सौंपा गया है। वह यह जिम्मेदारी अपने मौजूदा दायित्वों के अतिरिक्त निभाएंगे। वहीं, इस आदेश के साथ ही शत्रुजीत सिंह कपूर को डीजीपी पद के कार्यभार से मुक्त कर दिया गया है। ओम प्रकाश सिंह 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं इसके बाद किसी अन्य व्यक्ति को या तो डीजीपी का चार्ज दिया जाएगा और या तो किसी को स्थायी रूप से इस पद पर नियुक्त किया जाएगा।
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तेज तर्रार अधिकारी हैं ओपी सिंह
आईपीएस अधिकारी ओम प्रकाश सिंह (1992 बैच, हरियाणा कैडर) को एक सख्त और पेशेवर पुलिस अधिकारी के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपने करियर में कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और विशेष रूप से नशा-रोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाई है।
1990 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शत्रुजीत सिंह कपूर लंबे समय से हरियाणा पुलिस के शीर्ष प्रशासनिक ढांचे का हिस्सा रहे हैं। डीजीपी के रूप में कार्यभार संभालने के दौरान उन्होंने पुलिस आधुनिकीकरण, आवासीय सुविधाओं और प्रशासनिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया। अब उन्हें हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन, पंचकूला के चेयरमैन का प्रभार सौंपा गया है, जहां वे पुलिसकर्मियों के आवासीय बुनियादी ढांचे और कल्याण से जुड़े प्रोजेक्ट्स की निगरानी करेंगे।
छुट्टी पर थे शत्रुजीत सिंह
दरअसल यह आदेश रविवार को इसलिए पारित किया गया क्योंकि 14 दिसंबर शत्रुजीत कपूर की दो माह की छुट्टी समाप्त हो रही थी। आईपीएस पूरन कुमार सुसाइड केस में उनका नाम आने के बाद उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया था। उनकी अनुपस्थिति में डीजी रैंक के आईपीएस अधिकारी को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
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UPSC ने वापस किया था प्रस्ताव
इस पद पर स्थायी नियुक्ति के लिए सरकार ने यूपीएससी को एक पैनल का नाम भेजा था जिसे यूपीएससी ने यह कहते हुए वापस लौटा दिया था कि डीजीपी का पद खाली नहीं है।
यूपीएससी ने कहा था कि पुलिस सुधारों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार राज्य सरकार को रिक्ति की प्रत्याशा में अपना प्रस्ताव भेजना जरूरी है जबकि शत्रुजीत कपूर केवल छुट्टी पर हैं और किसी भी समय डीजीपी के पद पर वापस आ सकते हैं।