logo

ट्रेंडिंग:

चंडीगढ़ और पंजाब के बच्चों पर चौंकाने वाली रिपोर्ट आई सामने

पंजाब के रोपड़ जिले के पांच भूजल नमूनों में आर्सेनिक की मात्रा अधिक मिली है। एक नमूने की जांच में यूरेनियम अधिक पाया गया है। ब्लड लेड स्टेस्टिंग में कुल 149 नमूने में से 39 फेल मिले।

Chandigarh News.

पंजाब में दूषित मिला पानी। (AI generated image)

चंडीगढ़, रोपड़ और बठिंडा के बच्चों में सीसा और यूरेनियम की मात्रा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों से अधिक मिला है। चंडीगढ़ के पांच भूजल नमूने निर्धारित सीमा पर खरे उतरे। बठिंडा जिले का पानी सबसे अधिक दूषित मिला है। रोपड़ का सिर्फ एक भूजल नमूना निर्धारित मानक पर खरा नहीं उतरा। इसके बाद मानवाधिकार आयोग ने पंजाब और चंडीगढ़ के सभी स्कूलों में आरओ लगाने का आदेश दिया है। बाबा फरीद एनजीओ के सहयोग से पंजाब विश्वविद्यालय की भू-पर्यावरण अनुसंधान प्रयोगशाला ने पांच से 15 साल तक बच्चों में यह अध्ययन किया। स्टडी में 137 बालों, 37 भूजल और 149 रक्त नमूनों की जांच की गई। रिपोर्ट में चौंकाने वाले रिपोर्ट सामने आए हैं।

 

ब्लड लेड स्टेस्टिंग में कुल 149 नमूने में से 39 फेल मिले। इनमें लेड की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक 3.5 माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर से अधिक मिला है। सबसे भयावह स्थित पंजाब के बठिंडा जिले में देखने को मिली। यहां 18 नमूनों में लेड की मात्रा 10 माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर से ज्यादा रही। वहीं 68 में से 22 बच्चों में इसकी मात्रा असुरक्षित स्तर पर पाई गई। चंडीगढ़ में 19 में से 5 और रोपड़ में 62 में से 12 बच्चों में अधिक मात्रा मिली।

 

यह भी पढ़ें: चैतन्यानंद की बढ़ीं मुश्किलें, कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

 

चंडीगढ़, बठिंडा और रोपड़ में बाल-लेड के कुल 137 नमूने लिए गए। इनमें से 54 फेल मिले। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक बाल-लेड की मात्रा 2 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। लेकिन चंडीगढ़ में टेस्टिंग में शामिल 79% फीसद बच्चों में इसकी सीमा 21.4 फीसद दर्ज की गई। औसतन यह मात्रा 7.4 रही। रोपड़ में यह सीमा 22.9 तक रिकॉर्ड की गई। बठिंडा में करीब 26 फीसद बच्चों में असुरक्षित सीमा तक लेड पाया गया।

 

जांच में बठिंडा का पानी सबसे प्रदूषित मिला। वैश्विक मानक के लिहाज से यहां के सभी 19 नमूने फेल मिले। भारतीय मानक ब्यूरो की निर्धारित सीमा से अधिक यूरेनियम 17 नमूनों में मिला। रोपड़ भूजल के कुल 13 नमूने जुटाए गए। इनमें के एक नमूना में यूरेनियम की मात्रा डब्ल्यूएचओ और भारतीय मानक की निर्धारित सीमा से अधिक मिला। पांच नमूनों में आर्सेनिक की मात्रा अधिक रही।

 

यह भी पढ़ें: क्या है 'ऑपरेशन क्लॉग द टॉयलेट'? ट्रंप समर्थकों का भारत के खिलाफ नफरत

 

रिपोर्ट सामने आमने के बाद पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग और चंडीगढ़ मानवाधिकार आयोग ने मामले में दखल दिया। आयोग ने चंडीगढ़ नगर निगम और जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को 30 दिनों का समय दिया है। इस दौरान विभाग को सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्र में लगे आरओ सिस्टम का सत्यापन करना है। इसके अलावा दोनों राज्यों को मुख्य सचिवों को अगली सुनवाई तक प्रदेशस्तरीय सर्वे योजना पेश करने का निर्देश भी दिया है।

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap