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सिस्टम से पीड़ित पूरन कुमार के लिए उम्मीद की किरण बने थे राजेश खुल्लर

कई वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना के आरोप लगाकर सुसाइड करने वाले पुलिस अधिकारी वाई एस पूरन कुमार ने राजेश खुल्लर की तारीफ की थी।

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राजेश खुल्लर, Photo Credit: Social Media

हरियाणा के IPS अधिकारी रहे वाई पूरन कुमार सुसाइड केस में कई अफसरों के नाम सामने आए हैं। पूरन कुमार ने अपने सुसाइड केस में कई अफसरों के नाम लेकर उन पर भेदभाव करने और प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। इस सबके बीच एक पूर्व अधिकारी की मानवीयता से वह सुर्खियों में आ गया है। स्वयं पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री हरियाणा के चीफ प्रिंसपिल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर का जिक्र किया है और कहा है कि जब वह सिस्टम से तंग आकर खुल्लर के पास गए थे तो उन्होंने पूरन कुमार की बात धैर्यपूर्वक सुनी थी और गृह सचिव को आदेश दिए थे कि इस मामले की पूरी जांच फिर से की जाए। वही राजेश खुल्लर अब सरकार और वाई पूरन कुमार के परिवार के बीच कड़ी बने हुए हैं।

 

वाई पूरन कुमार ने अपने इसी सुसाइड नोट में हरियाणा के डीजीपी रहे शत्रुजीत कपूर, ADGP अमिताभ ढिल्लों, ADGP संजय कुमार, आईजी पंकज नैन, IPS कला रामचंद्रन, IPS संदीप खीरवार, IPS सिबास कबिराज, IPS मनोज यादव, IPS पीके अग्रवाल और IAS टीवीएसएन प्रसाद जैसे अधिकारियों के नाम लिखे हैं। कई अधिकारियों पर उन्होंने आरोप भी लगाए हैं कि इन लोगों ने पूरन कुमार को प्रताड़ित किया।

 

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राजेश खुल्लर के बारे में क्या लिखा?

 

अब रिटायर हो चुके राजेश खुल्लर का जिक्र करते हुए वाई एस पूरन कुमार लिखते हैं, 'मैं उस वक्त हरियाणा के सीएम के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे राजेश खुल्लर से 15 नवंबर 2024 को मिला था और उनसे अनुरोध किया था कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें। मैंने उनसे अपील की थी कि मेरे खिलाफ चल रहे इस जाति आधारित भेदभाव और टारगेट करके की जा रही मानसिक प्रताड़ना को रोकें। इस मामले से संबंधित दस्तावेज जब मैंने राजेश खुल्लर को दिखाए तो वह मेरी बातों से सहमत दिखे। इसके बाद 27 दिसंबर 2024 को मैं फिर उनसे मिला क्योंकि 26 दिसंबर 2024 को मैंने एक न्यूज आर्टिकल में पढ़ा कि चार्जशीट तैयार करने की कोई प्रक्रिया चल रही थी।'

 

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वह आगे लिखते हैं, 'मुझे राजेश खुल्लर ने खुद ही दिखाया कि इस मामले को रूटीन की तरह ही मंजूरी मिली थी और वह जो समझ रहे थे, मामला इससे उलट था। उन्होंने तुरंत गृह सचिव को निर्देश दिए थे कि इस कार्यवाही को रोक दिया जाए और 10 जनवरी 2025 को मेरी ओर कही गई बातों के आधार पर फिर से जांच करवाई जाए। इस केस में भी जो बातें गोपनीय थीं और उन्हें सिर्फ गृह सचिव और डीजीपी के दफ्तर तक रहना था, वे स्थानीय मीडिया में प्रकाशित हो गईं। इससे मेरी छवि धूमिल हुई और सार्वजनिक तौर पर मेरा अपमान हुआ।'

 

रिपोर्ट के मुताबिक, इस केस में पूरन कुमार के खिलाफ ही चार्जशीट फाइल होने वाली थी जिसे राजेश खुल्लर ने रुकवाते हुए जांच के आदेश दे दिए थे।

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