मध्यप्रदेश के इंदौर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। इंदौर के होलकर साइंस कॉलेज में कुछ छात्रों ने परीक्षा रुकवाने के लिए प्रिंसिपल की मौत का झूठ सोशल मीडिया पर फैला दिया। छात्रों ने कॉलेज के कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्रिंसिपल डॉ. अनामिका जैन के मौत की झूठी खबर फैलाई तो कॉलेज में अफरा-तफरी मच गई। कई स्टूडेंट्स ने क्लास छोड़ दीं, कुछ ने परीक्षा टालने को लेकर सवाल किए। मामला कुछ ही समय में प्रिंसिपल तक पहुंचा तो वह खुद बच्चों के सामने आईं।
जानकारी के मुताबिक, बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन कोर्स के दो छात्रों, मयंक कछावा और हिमांशु जायसवाल ने यह पूरा प्लान बनाया था। दोनों तीसरे सेमेस्टर के छात्र हैं और उनकी सीसीई की परीक्षा थी और इसी परीक्षा को वह टालना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एक फर्जी लेटर हेड की मदद से कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. अनामिका जैन की मौत का झूठ फैलाया। प्रिंसिपल ने बाहर आकर बच्चों से मुलाकात की और उन्हें परीक्षा देने के लिए कहा। कॉलेज ने मामले की जांच की तो मयंक और हिमांशु की साजिश का खुलासा हो गया।
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दर्ज हुई शिकायत
प्रिंसिपल ने अपने लेवल पर जांच करने के बाद बुधवार शाम पुलिस को इस मामले की सूचना दी और शिकायत दर्ज करवाई। भंवरकुआं पुलिस थाने के प्रभारी राजकुमार यादव ने बताया कि यह मामला भारतीय न्याय संहिता की धारा 336(4) ( फर्जी दस्तावेज के जरिए जानब-बूझकर किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना) के तहत रजिस्टर किया गया है। इस धारा के तहत दोषी को तीन साल तक की जेल हो सकती है और उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
कॉलेज के अधिकारी ने बताया कि जरूरी सूचना के हेडिंग वाला एक फर्जी लेटर हेड सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था। इसमें प्रिंसिपल की मौत के कारण 15 अक्टूबर और 16 अक्टूबर को होने वाली ऑनलाइन परीक्षा स्थगित कर दी गई है और सभी कक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। इस फर्जी लेटर को कॉलेज के ग्रुप्स में वायरल कर दिया गया और कुछ ही समय में कॉलेज के हर छात्र तक यह फर्जी खबर पहुंच चुकी थी।
शोक मनाने घर पहुंचे लोग
इस घटना के बाद प्रिंसिपल डॉ. अनामिका जैन ने बताया कि इस फर्जी खबर से फैलने से मेरे परिजन बहुत परेशान हो गए थे। कुछ लोग तो इस खबर को सही मानकर मेरे घर पर शोक मनाने भी पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस को दोनों आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आगे इस तरह की हरकत ना हो। प्रिंसिपल ने आगे कहा कि कुछ लोग जान-बूझकर कॉलेज में अशांति फैलाना चाहते हैं। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ लोग अलग-अलग हरकतों से उन्हें परेशान कर रहे हैं ताकि अपना काम ठीक से ना कर सकें।
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फर्जी खबरों से बचने की सलाह
इस घटना के बाद कॉलेज ने छात्रों से कहा है कि वह इस तरह की फर्जी खबरों से बचें। कॉलेज प्रशासन ने सभी छात्रों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी खबर पर तब तक यकीन ना करें जब तक कॉलेज नोटिस बोर्ड या आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप पर पु्ष्टि ना हो जाए। कॉलेज प्रशासन ने बताया कि बच्चों की इस हरकत की वजह से कुछ देर के लिए कॉलेज में क्लास बंद हुई लेकिन प्रिंसिपल के आदेश पर तुरंत सभी बच्चों को क्लास में भेज दिया गया था। उस दिन होने वाली परीक्षाएं भी निर्धारित समय पर ही आयोजित की गई।