ओडिशा के सोनपुर जिले के एक सरकारी स्कूल का निलंबित प्रिंसिपल बड़ा घोटालेबाज निकला। राज्य सतर्कता विभाग ने सोमवार को आरोपी प्रिंसिपल को 55 लाख रुपये की हेराफारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया। यही नहीं प्रिंसिपल पैसों को ऑनलाइन सट्टेबाजी में भी लगाता था। आरोपी निलंबित प्रिंसिपल की पहचान सौम्य रंजन खेती के रूप में हुई है।
सतर्कता विभाग ने इस मामले में एक बयान जारी करके जानकारी दी है। इसमें कहा गया है, गिरफ्तार किया गया सौम्य रंजन सोनपुर जिले के बिनिका स्थित ओडिशा आदर्श विद्यालय का प्रिंसिपल है। इस स्कूल का प्रिंसिपल रहते हुए उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने इस दौरान 2021-22 से 2024-25 में मध्याह्न भोजन योजना, MO स्कूल अभियान और लड़कियों के छात्रावास निधि के लिए निर्धारित बजट 55,02,610 रुपये के सरकारी धन का गबन किया।
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छह महीनों में तीसरी गिरफ्तारी
सतर्कता विभाग ने आगे बताया कि प्रिंसिपल के एक ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े उनके निवेश और लेनदेन के सबूत मिले हैं। इस गिरफ्तारी ने ओडिशा में सरकारी अधिकारीयों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठा दिए हैं। दरअसल, पिछले छह महीनों में इसी तरह के अपराधों के लिए किसी सरकारी कर्मचारी की यह तीसरी गिरफ्तारी है।
कई अधिकारियों की हुई गिरफ्तारी
इससे पहले 21 मार्च को गंजम जिले के एक पंचायत कार्यकारी अधिकारी खेत्रमोहन नायक को 43 लाख रुपये के सरकारी पैसे का गबन करने और उस पैसे को एक ऑनलाइन सट्टेबाजी एप्लीकेशन में लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके अगले दिन एक अन्य पीईओ, देबानंद सागर को कालाहांडी जिले में क्रिकेट सट्टेबाजी के लिए 3.26 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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इसी तरह के एक और केस में सतर्कता विभाग ने कार्रवाई करते हुए सोमवार को पुरी जिले में दो पंचायत अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने 21.98 लाख रुपये की सरकारी पैसे का भ्रष्टाचार किया। ये पैसे 2022-23 और 2024-25 के दौरान वृद्धावस्था पेंशन और मधुबाबू पेंशन योजना के लिए जारी किए गए थे।