logo

ट्रेंडिंग:

प्रेम कुमार बने बिहार विधानसभा में स्पीकर, BJP के लिए एक और जीत क्यों है?

बिहार में इस बार बीजेपी ने गृह मंत्रालय और स्पीकर, दोनों पद अपने पास रखा है। दबाव के बाद भी बीजेपी अपने मनचाहे पद हासिल करने में कामयाब रही है।

Bihar

बिहार विधानसभा स्पीकर प्रेम कुमार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। (फोटो- PTI)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

बिहार के नए विधानसभा स्पीकर डॉ. प्रेम कुमार चुने गए हैं। वह गया टाउन से विधायक हैं और बीते 3 दशक से हर विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीतते हैं। गया टाउन, भारतीय जनता पार्टी की दशकों से गढ़ बनी हुई है। बिहार में नई सरकार के गठन के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी लगातार उत्साहित है। वजह यह है कि इस बार जनता दल (यूनाइटेड) नहीं, बीजेपी की शर्तें मानी जा रहीं हैं। बीजेपी के पास दो अहम पद है, जिसकी वह मांग कर रही थी। 

बिहार में नीतीश कुमार सत्ता में आने के बाद से ही लगातार गृह मंत्रालय अपने पास रखते थे। अब उन्होंने गृह मंत्रालय, बीजेपी को दिया है। राज्य के गृह मंत्री सम्राट चौधरी हैं। बीजेपी स्पीकर पद भी मांग रही थी, दिलचस्प बात यह है कि जेडीयू ने बीजेपी की यह शर्त भी मान ली है। वह भी तब, जब खुद जेडीयू विधानसभा में बेहद मजबूत स्थिति में है। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार शुरुआत में यह पद देने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन सर्व सम्मति से बिहार को अब स्पीकर का पद मिल गया है। 

यह भी पढ़ें: राबड़ी देवी खाली कर सकती हैं सरकारी आवास, नया घर बनकर तैयार

विधानसभा स्पीकर का पद क्यों अहम है?

संविधान के अनुच्छेद 178 में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के पद का जिक्र है। संविधान के अनुच्छेद 180 में स्पीकर की शक्तियां बताई गई हैं। इस अनुच्छेद के मुताबिक विधानसभा स्पीकर सदन का संचालन करता है। सदस्यों को बोलने की इजाजत देता है, उसके पास किसी विधायक को निलंबित करने या सदन से बाहर करने का अधिकार भी है। वह सदन की समितियों के अध्यक्ष नियुक्त करता है, विशेषाधिकारों की रक्षा करता है तथा बराबर वोटिंग होने पर निर्णायक मत देता है।

दल-बदल कानून के तहत विधायक की सदस्यता समाप्त करने का फैसला स्पीकर ही करता है। बिहार जैसे राज्य में, जब किसी एक पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा नहीं है, तब यह पद और हम हो जाता है।

विधानसभा स्पीकर के पास वह ताकत होती है कि वह कुछ दिन सरकार बचाने और गिराने में निर्णायक फैसला निभा सकता है। किसी सदस्य के इस्तीफों को स्वीकार या लटकाने की शक्ति भी उसके पास है। आमतौर पर स्पीकर का पद निष्पक्ष होता है लेकिन स्पीकरों पर अपने दल के प्रति झुकाव के आरोप भी लगे हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़ी हर पार्टी अपने लिए यह पद चाहती है। 

यह भी पढ़ें: RJD नेता के खिलाफ आपराधिक गिरोह चलाने का आरोप, पुलिस ने ED को सौंपी रिपोर्ट

कौन हैं प्रेम कुमार?

प्रेम कुमार बीते 3 दशक से गया टाउन से विधायक हैं। वह साल 1990 से यह सीट जीतते आ रहे हैं। किसी भी पार्टी की लहर हो, कोई भी मुख्यमंत्री रहा हो, केंद्र में किसी की भी सरकार रही हो, प्रेम कुमार की सत्ता हिली ही नहीं। राज्य सरकार में पहले भी कई अहम पद उनके पास रह चुके हैं। नीतीश कुमार सरकार में भी वह मंत्री रहे हैं, अब वह बिहार विधानसभा में स्पीकर के पद पर चुने गए हैं। 

प्रेम कुमार, डॉक्टरेट कर चुके हैं। उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। साल 2015 में हुए चुनावों के बाद वह बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष चुने गए थे। वह अति पिछड़े वर्ग कहार समुदाय से आते हैं। बिहार में इस समुदाय को 'चंद्रवंशी' भी कहा जाता है। उन्होंने चुनावी हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 1 करोड़ से ज्यादा घोषित की है। 9 लाख रुपये का कर्ज भी घोषित किया है। 

Related Topic:#bihar news

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap