प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए 1,600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की मंगलवार को घोषणा की। मोदी ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया जो 1988 के बाद से सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है।
प्रधानमंत्री ने राज्य के लिए इस सहायता की घोषणा की जो राज्य के खजाने में पहले से मौजूद 12,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है। प्रधानमंत्री ने बाढ़ और प्राकृतिक आपदा के शिकार हुए लोगों के निकटतम परिजनों को दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये देने की भी घोषणा की। इससे पहले उन्होंने बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और पंजाब में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
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गुरदासपुर पहुंचे पीएम
पंजाब और उसके पड़ोसी हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए एक दिवसीय दौरे पर आए मोदी हवाई सर्वेक्षण करने के बाद राज्य के सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में से एक गुरदासपुर पहुंचे। इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रदेश का दौरा किया और राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति का जायजा लिया।
गुरदासपुर में, मोदी ने बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ-साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरदासपुर में अधिकारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ एक आधिकारिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए राहत एवं पुनर्वास उपायों की समीक्षा की तथा पंजाब में हुए नुकसान का आकलन किया।
रिनोवेशन की होगी व्यवस्था
बैठक में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, पंजाब के राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां भी मौजूद थे।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष और पीएम किसान सम्मान निधि की दूसरी किस्त अग्रिम रूप से जारी की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने पूरे क्षेत्र और उसके लोगों की मदद के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत, स्कूलों का पुनर्निर्माण, पीएमएनआरएफ (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) के माध्यम से राहत प्रदान करना और पशुधन के लिए ‘मिनी किट’ वितरित करना जैसे उपाय शामिल होंगे।
पंजाब में आई है बाढ़
प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी और हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
उन्होंने पंजाब के उन परिवारों से भी मुलाकात की जो आपदाओं और बाढ़ से प्रभावित हुए तथा उन सभी लोगों के साथ अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त की जिन्होंने अपने परिवार के लोगों को खो दिया।
पंजाब इस समय दशकों में सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। सतलुज, व्यास और रावी नदियों में उफान के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण राज्य में बाढ़ आ गई।
भारी बारिश से स्थिति बिगड़ी
इसके अलावा, पंजाब में हाल के दिनों में हुई भारी बारिश से भी बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई। पंजाब में विनाशकारी बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 51 हो गई है जबकि 1.84 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
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राज्य सरकार ने राज्य में आई बाढ़ के कारण 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया है। बाढ़ के कारण कुल 2,064 गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक 329 गांव गुरदासपुर जिले में हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित जिले गुरदासपुर, अमृतसर, फाजिल्का, फिरोजपुर, कपूरथला, होशियारपुर, तरनतारन और पठानकोट हैं। राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, 15 जिलों में 3.87 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 23,000 से अधिक लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाल लिया गया है।