चक्रवाती तूफान मोंथा का असर पूर्वांचल में कहर बरसा रहा है। पूर्वांचल की करीब एक दर्जन जिलों में किसानों के बीच हाहाकार मचा हुआ है। वाराणसी समेत 10 जिलों में गुरुवार रात से ही बारिश हो रही है, जिससे उनकी पक चुकी धान और बाजरे की फसल चौपट हो गई है। किसानों ने त्यौहारी सीजन में धान और बाजरे की फसल को काटकर अरपने खेतों में ही छोड़ दिया था।
 
दिपावली, गोवर्धन और छठ का त्यौहार होने की वजह से किसानों ने कटी हुई फसल को खेत में ही छोड़ दिया था। किसानों ने त्यौहार बाद पटी हुई फसल को घर में लाना मुनासिब समझा। मगर, बिन मौसम हुई बरसात ने उनको इस कदर नुकसान पहुंचाया है कि उसकी भरपाई कोई नहीं है।
 
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किसानों ने सुनाई आपबीती
पूर्वांचल के गाजीपुर जिले में विक्रमपुर गांव के रहने वाले किसान नन्दलाल यादव ने बताया कि उन्होंने 2 बिघा खेत में धान की खेती की थी। दिवाली और छठ की वजह से उन्होंने फसल को काटकर खेत में ही छोड़ दिया था। उन्होंने कहा, 'हमने सोचा कि त्यौहार के बाद धान को सटकने के लिए घर में लाएंगे। हमें बारिश होने का ज़रा भी अंदेशा नहीं था, वरना हम फसल को पहले ही सटकने के लिए घर में ले आते।' उन्होंने कहा कि उनकी दो बिघा धान की फसल बारिश के पानी में डूबने की वजह से बरबाद हो गई है।
 

 
इसी तरह से रामपुर गांव के रहने वाले हरिहर चौहान की भी दो बिघा में काटकर रखी गई धान की फसल बर्बाद हो गई है। उनकी सारी कटी हुई फसल बारिश के पानी में डूब गई है। नन्दलाल और हरिहर चौहान जैसे कई पूर्वांचल के लाखों किसान हैं जिनकी फसल पानी में डूबी हुई है।
गाजीपुर में 8150 हेक्टेयर फसल बर्बाद
यही नहीं किसानों की बाजरे की भी पकी हुई फसल खेतों में काटकर रखी हुई थी, जिसे वह बाद में थ्रेसिंग करते। मगर, बारिश ने किसानों के असमानों पर पानी फेर दिया है। बताया गया है कि गाजीपुर में बारिश से 8150 हेक्टेयर में लगी धान की फसल बर्बाद हुई है। खेतों और खलिहान में पड़ी धान की फसल भीगने के साथ हवा से गिर गई है। करीब 14 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा से धान की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
 
बताया गया है कि गाजीपुर जिले में तकरीबन 1.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की खेती हुई है। जानकारों के मुताबिक, इनमें से करीब पांच फीसदी यानी 8150 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगी धान की फसल बारिश और तेज हवाएं चलने के कारण बर्बाद हो गई है।
 
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आजमगढ़-भदोही में भी फसल बर्बाद
इसी तरह से आजमगढ़ जिले में बारिश की वजह से फूलपुर, अहरौला, पवई, सगड़ी, पल्हना सहित कई क्षेत्रों में खेतों में खड़ी धान की फसल गिर गई है। कुछ किसानों की काटी गई फसल खेतों में जमा पानी में डूब गई है। इससे किसानों का भारी नुकसान हुआ है। उधर बलिया में गुरुवार को 20 एमएम बारिश दर्ज की गई। हवा संग बारिश से खेतों में खड़ी धान की फसल गिर गई है। 16 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने से ठंड का अहसास होने लगा है।
 

 
भदोही में भी खेतों में पकी हुई खड़ी धान की फसल गिर गई है। खेतों और खलिहानों में काटकर रखी हुई धान और बाजरे की फसल भींग गई। बारिश के कारण किसान चिंतित है। कई जगहों पर धान की बालियों में मिट्टी में लग गई हैं, जिससे उसमें फिर से अंकुरित होने का खतरा मंडराने लगा है। यूपी मौसम विभाग के मुताबिक, वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, जौनपुर, गाजीपुर और बलिया सहित पूर्वांचल के 31 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना है।
वाराणसी में बढ़ी ठंड
मौसम विभाग ने बताया कि 30 अक्तूबर को वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के सभी जिलों में बारिश हुई। जिससे पूर्वांचल में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया। मौसम विभाग ने 31 अक्तूबर को भी पूर्वांचल में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
 
मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान मोंथा मंगलवार की सुबह आंध्रा तट पर टकराने के साथ ही गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया। विभाग ने बताया कि शुक्रवार तड़के सुबह 5 बजे से लेकर 7 बजे तक तेज हवा के साथ बारिश हुई। बारिश की वजह से वाराणसी और उसके आसपास के जिलों में ठंड भी बढ़ गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, बारिश का असर यह रहा कि तापमान औसत से 7.9 डिग्री सेल्सियस नीचे 23.8 चला गया।