हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने राज्य के सिविल सर्जनों की जिम्मेदारी बढ़ी दी है। सरकार ने एक आदेश में हरियाणा के सभी सिविल सर्जनों को कहा है कि वह सरकारी अस्पतालों में सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए तेजी से कदम उठाएं। हरियाणा के स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशालय ने राज्य की सिविल सर्जन को इसको लेकर पत्र लिखा है। 
 
सरकार ने पत्र में सिविल सर्जनों को कहा कि अस्पतालों में सफाई व्यवस्था में कमी वहां की अव्यवस्था को दर्शाता है। इसमें आगे कहा गया है कि अस्पतालों में सफाई व्यवस्था की कमी अस्पतालों में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए ही नहीं, बल्कि अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए भी यह स्वास्थ्य के हित में नहीं है।
 
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दिए गए दिशा निर्देश
इस कमी को देखते हुए पत्र में कहा गया है कि राज्य के सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिए जाते हैं कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों की सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए। इसको लेकर सरकार ने कुछ सुझाव दिए हैं।
 
- अस्पतालों में ओपीडी शुरू होने से पहले ही सभी कमरों, पतिक्षा हॉलस रिसेप्शन आदि की सफाई सुनिश्चित की जाए।
- सभी प्रकार के वार्ड, प्रयोगशाला में भी समय से पहले ही सफाई व्यवस्था करवाई जाए।
- ब्लड बैंक, इमरजेंसी विभाग, प्रसूति कक्ष और जहां भी मरीजों और तीमारदारों का आना जाना अधिक रहता है, वहां हर एक-दो घंटे में सफाई सुनिश्चित की जाए। 
- इसी तरह से शौचालयों की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
- पीने वाले पानी, ऑवरहैंड टैंक की सफाई की जांच नियमित रूप से हर दो महीने में करवाई जाए। 
अधिकारियों को हिदायत दी गई
सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा है कि अस्पतालों में साफ-सफाई के लिए सिविल सर्जन लोगों की जन भागीदारी के तहत मदद ले सकते हैं। इसके अलावा कहा गया है कि अनेक समाजसेवी संस्थाएं, युवा क्लब, एनसीसी, बैंक, पीएसयू, धार्मिक संस्थाएं या रजिस्टर्ड अस्पतालों, प्रयोगशालाओं से सहयोग करने की अपील की गई है।
 
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इसके अलावा सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों को सफाई के लिए पीएनडीटी जांच केंद्रों, कैमिस्ट एसोसिएशन की मदद से अस्पतालों की सफाई के लिए सहयोग की अपील करें। सरकार ने कहा है कि जन भागीदारी से आम लोगों का विश्वास स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रति बढ़ेगा। आखिर में कहा गया है कि इस काम को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें।