महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया। सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के विधायकों ने किसानों के अलग-अलग मुद्दों को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। कांग्रेस और शिवसेना (UBT) के विधायकों ने विधानसभा की सीढ़ियों पर किसानों का कर्ज माफ करने और कपास की फसल के लिए बेहतर कीमत की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार, शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के शशिकांत शिंदे सहित महा विकास आघाडी के नेता विधान भवन की सीढ़ियों पर इकट्ठा हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
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पूरी तरह से लोन माफी की मांग
विपक्षी विधायकों ने सरकार पर सोयाबीन की खरीद में देरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस देरी की वजह से किसानों को अपनी उपज 4,000 रुपये में बेचनी पड़ी है, जो 5,328 रुपये के फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी कम है। उन्होंने नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए पूरी तरह से लोन माफी की मांग की।
इस बीच विपक्ष के आरोपों का केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हाल में महाराष्ट्र में मानसून की भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसलों को हुए भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों को हुए नुकसान का आकलन करके किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
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किसानों के खाते में पैसा डाला जाएगा
उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान शिवसेना के भुमारे एस. आसाराम के सलाव का जवाब देते हुए यह बात कही। शिवराज चौहान ने कहा कि नुकसान के आकलन में ‘क्रॉप कटिंग एक्सपेरीमेंट’ होगा, या अगर राज्य ने मौसम आधारित फसल बीमा योजना अपनाई है तो उसके आधार पर आकलन कर किसानों के खाते में पैसा डाला जाएगा।
उन्होंने कहा, 'मैं खुद भी महाराष्ट्र होकर आया हूं। फसलों को जितना नुकसान हुआ है, आकलन के आधार पर जो राशि होगी, केंद्र सरकार फसल बीमा योजना के अंतर्गत दिलाएगी और राष्ट्रीय आपदा प्रतिकिया कोष के तहत भी हम राज्य को राशि देने वाले हैं। महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट आ गई है, उसके आधार पर राज्य सरकार को मदद दी जाएगी।'