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एक पिता, एक जैसा पता; 6 जिलों के अस्पतालों में तैनात 'अर्पित सिंह'

उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में फर्जी दस्तावेज के आधार पर एक नाम से छह लोगों के नौकरी करने का मामला सामने आया है। आरोपी पिछले 9 साल से सरकारी खजाने को चपत लगाने में जुटे थे।

Uttar Pradesh News.

सांकेतिक फोटो। (AI Generated Image)

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में एक ही नाम का व्यक्ति सात जगह तैनात मिला। एक जगह असली और बाकी छह जगह नकली। अब आप कहेंगे कि इसमें कौन सी अचरज की बात है? एक नाम के कई शख्स हो सकते हैं। मगर मामला सिर्फ इतना ही नहीं है। सभी के पिता का नाम भी एक है। छह में से पांच का पता भी एक है। साल 2016 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 403 सफल उम्मीदवारों की सूची जारी की। 80वें नंबर पर आगरा के रहने वाले अर्पित सिंह पुत्र अनिल कुमार सिंह का नाम था। पूरी सूची में कोई दूसरा अर्पित सिंह नहीं था। मगर पिछले नौ साल से यूपी के 6 जिला अस्पतालों में अलग-अलग अर्पित सिंह एक जैसी पहचान के साथ काम करते मिले।

 

परीक्षा पास करने वाले अर्पित सिंह को यूपी स्वास्थ्य विभाग ने साल 2016 में ही बतौर एक्स-रे तकनीशियन के पद पर हाथरस में तैनात किया। अब नौ साल बाद छह और एक्स-रे तकनीशियन मिले हैं। जिनका नाम अर्पित सिंह है। पिता का नाम भी एक है। सभी की नियुक्ति भी 2016 में हुई है। मामला प्रकाश में आने के बाद छह लोग फरार हो चुके हैं। लखनऊ पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।

 

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इन जिलों में मिले फर्जी 'अर्पित सिंह'

  • बांदा 
  • अमरोहा
  • बलरामपुर
  • फर्रुखाबाद
  • रामपुर
  • शामली

कैसे खुला मामला?

स्वास्थ्य विभाग ने सभी सात जिलों से रिपोर्ट मांगी। इसमें खुलासा हुआ कि छह आरोपियों ने जाली दस्तावेज से नौकरी हासिल की थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मानव संपदा पोर्टल की जांच के दौरान यह मामला सामने आया है। यह पोर्टल कर्मचारियों का रिकॉर्ड रखता है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उसको मामले की जानकारी मीडिया से मिली है। 

 

रामपुर जिला अस्पताल में तैनात आरोपी 1 सितंबर के बाद से ड्यूटी पर नहीं आया है। उधर, एक अन्य आरोपी फर्रुखाबाद के शमशाबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात था। वह भी 24 अगस्त से काम पर नहीं आया है।

 

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छह के खिलाफ लखनऊ में शिकायत

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशक (पैरामेडिकल) डॉ. रंजना खरे ने लखनऊ के वजीरगंज थाने में एक शिकायत लिखाई है। इसमें बताया गया कि पांच आरोपियों ने अपने आधार कार्ड पर आगरा और एक ने मैनपुरी जिले का पता लिखा रहा है। सभी पर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रतन पाल सिंह सुमन से असली अर्पित सिंह के बारे में जानकारी दी। उनका कहना है कि असली अर्पित सिंह हाथरस में रहते हैं। उनकी पत्नी और दो बच्चे भी साथ में हैं। उनकी तैनाती मुरसान के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में है।

 

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