logo

ट्रेंडिंग:

तमिलनाडु से स्विगी-जोमैटो का नाम मिटा देगा जारोज़? आखिर ये है क्या

जिस तरह से जारोज़ तमिलनाडु में अपनी जड़ें मजबूत कर रहा है और रेस्टोरेंट मालिकों के साथ में ग्राहकों को फायदा दे रहा है, आने वाले समय में यह कंपनी पूरे राज्य में अपना विस्तार कर सकती है।

zaaroz food delivery app

जारोज़ फूड डिलीवरी एप। Photo Credit- Zaaroz Website

इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में सभी रेस लगा रहे हैं। किसी के पास समय नहीं है या समय रहते हुए भी हम समय ना रहने का ढोंग कर रहे हैं। यही वजह है कि हम घर पर रहकर ही सब कुछ पा लेना चाहते हैं। घर पर रहकर वर्क फ्रॉम होम, घर पर रहकर राशन, घर पर रहकर बाहर का खाना, इसके अलावा ना जाने क्या-क्या हम घर पर रहकर ही पा लेना चाहते हैं। हम आराम तलब हो गए हैं। इसी आराम तलबी का फायदा कंपनियां उठा रही हैं, जिससे उनका बिजनेस दिन दूना- रात चौगुना बढ़ रहा है। देखते ही देखते हमारी आंखों के सामने ऐसी कई कंपनियां हैं जिन्होंने पिछले 8-10 सालों में हराजों करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर लिया है। लेकिन ये कंपनियां पर जनता की जेब पर भारी पड़ने लगी हैं इसलिए इनकी जगह लेने के लिए बाजार में दूसरी कंपनियां का जन्म होने लगा है।

 

स्विगी और जोमैटो नए जमाने की दो नई बड़ी कंपनियां हैं। यह दोनों कंपनियां ऑनलाइन फूड क्षेत्र में अग्रणी हैं। इसने आगे कोई और दूसरी नहीं है। इनसे हम घर बैठे खाना मिनटों में मंगवाते हैं, जिससे इनका बिजनेस और मुनाफा बहुत तेजी से बढ़ा है। मगर, अब लोगों का स्विगी और जोमैटो से मोह भंग होने लगा है। लोग इन कंपनियों के द्वारा अपने रेट में इजाफा करने की वजह से दूसरी कंपनियों की ओर देखने लगे हैं। स्विगी और जोमैटो से मुंह मोड़कर दूसरी ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी की तरफ लोग अपना रुख कर भी चुके हैं और इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।

 

यह भी पढ़ें: डकैत ने जज से मांगी फिरौती, कहा- 500 करोड़ दो नहीं तो अंजाम भुगतो

तमिलनाडु से हो गई शुरुआत

इसकी शुरुआत तमिलनाडु से हो चुकी है। दरअसल, तमिलनाडु के कई जिलों और शहरों में स्विगी और जोमैटो जैसी ऑनलाइन फूड एग्रीगेटर कंपनियों के साथ अपने संबंध तोड़ लिए हैं। इनके साथ अपने संबंध तोड़ते हुए कई जिलों के होटल ओनर्स एसोसिएशन ने अब ग्राहकों तक रेस्टोरेंट का खाना पहुंचाने के लिए घरेलू फूड एग्रीगेटर 'जारोज़' (Zaaroz) के साथ हाथ मिलाया है। आखिर ये पूरा मामला क्या है? क्यों लोगों और रेस्टोरेंट मालिकों का स्विगी और जोमैटो से मोह भंग हो रहा है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...

कुड्डालोर से उठी चुनौती की आग

तमिलनाडु में एक जिला है कुड्डालोर। पिछले दिनों कुड्डालोर होटल ओनर्स एसोसिएशन ने अब ग्राहकों तक रेस्टोरेंट का खाना पहुंचाने के लिए स्विगी और जोमैटो से अपना संबंध तोड़ते हुए जारोज़ के साथ हाथ मिलाया है। कुड्डालोर जिले के ज्यादातर रेस्टोरेंट मालिकों ने सोमवार (1 सितंबर, 2025) से इन लोकप्रिय एग्रीगेटर्स से खाने के ऑर्डर लेना बंद कर दिया है। सभी ने दोनों का बायकॉट कर दिया है और अब सभी रेस्टोरेंट मालिकों ने जारोज़ की ओर रुख कर लिया है। 

 

तमिलनाडु का ही एक और जिला है नमक्कल। यहां के रेस्टोरेंट मालिकों ने भी जुलाई महीने में जारोज़ में अपना विश्वास दिखाते हुए इसका सब्सक्रिप्शन ले लिया है। जारोज़ रेस्टोरेंट मालिकों, ग्राहकों और डिलीवरी बॉय को कई तरह के फायदे दे रहा है।

जारोज़ कैसे देता है फायदा?

जारोज़ तमिलनाडु में रेस्टोरेंट मालिकों से सिर्फ मासिक आधार पर सब्सक्रिप्शन लेता है। कुड्डालोर जिला होटल मालिक संघ के एक प्रवक्ता ने इस बड़े घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रवक्ता ने कहा कि स्विगी और जोमैटो अनावश्यक रूप से ग्राहकों के साथ-साथ रेस्टोरेंट पर टैक्स लगा रहे हैं। इससे ग्राहकों और रेस्टोरेंट को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं। उनका कहना है कि इससे ग्राहकों के साथ में रेस्टोरेंट भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि स्विगी-जोमैटो भारी कमीशन लगा रहे हैं या इसकी मांग कर रहे हैं।

 

कुड्डालोर जिला होटल मालिक संघ के प्रवक्ता ने आगे कहा कि फूड एग्रीगेटर्स द्वारा भारी कमीशन की मांग और होटल मालिकों की जानकारी के बिना ग्राहकों को भारी छूट दिए जाने जैसे मुद्दों ने होटल मालिकों और उनके ग्राहकों के बीच अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है।

 

यह भी पढ़ें: कर्नाटक: हादसे में घायल हुए तो पहले इलाज होगा, फिर मांगे जाएंगे पैसे

स्विगी-जोमैटो का चार्ज ज्यादा है?

शुरुआत में, ज्यादातर रेस्टोरेंट ने स्विगी-जोमैटो के साथ पार्टनरशिप की लेकिन उसके बाद से कमीशन चार्ज लगातार बढ़कर 20 से 30% हो गया। तमिलनाडु के रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि स्विगी-जोमैटो के साथ व्यापार करना अब फायदेमंद नहीं रहा। कई रेस्टोरेंट के ऊपर हर महीने 2 से 3 लाख रुपये तक के भारी-भरकम बिल मिलने लगे हैं। इसकी वजह से रेस्टोरेंट मालिकों को अपना व्यवसाय बंद करने पर मजबूर होना पड़ा है। 

 

इसमें बिलिंग के विश्लेषण से पता चलता है कि इनमें से कई रेस्टोरेंट घाटे में चल रहे थे। इसे ध्यान में रखते हुए, एसोसिएशन ने इन ऑनलाइन एग्रीगेटर्स से खुद को अलग करने और कुड्डालोर के चिदंबरम कस्बे में स्थित जारोज़ पर विश्वास करना शुरू कर दिया है।

जारोज़ कैसे काम करता है?

जारोज़ वर्तमान में तमिलनाडु में 50 से ज्यादा जगहों पर काम कर रहा है। इसमें राज्य के टियर 2 और टियर 3 शहर शामिल हैं। जारोज़ के प्लेटफॉर्म पर 5,000 रेस्टोरेंट जुड़े हुए हैं। ये 5,000 रेस्टोरेंट्स तमिलनाडु के 8 लाख ग्राहकों को खाना उनके घर और ऑफियों में पहुंचा रहे हैं।

 

जारोज़ के संस्थापक और सीईओ राम प्रसाद हैं। राम प्रसाद कुड्डालोर जिले के मशहूर टाउन चिदंबरम के रहने वाले हैं। कंपनी के मालिक ने बताया है कि उनके डिलीवरी स्टार्टअप जारोज़ को केवल कुड्डालोर जिले के रेस्टोरेंट से हर महीने सब्सक्रिप्शन मिलता है।

कितना पैसा लेता है जारोज़?

उनके मुताबिक, 'कुड्डालोर में 75 से ज्यादा फूड जॉइंट हमारे साथ जुड़ चुके हैं। छोटे रेस्टोरेंट को हर महीने 1,500 और 18% जीएसटी देना पड़ता है जबकि बड़े रेस्टोरेंट को कंपनी को हर महीने 3,000 और 18% जीएसटी देना पड़ता है।'

 

राम प्रसाद ने साल 2019 में जारोज़ की शुरुआत की थी। शुरुआत में उन्हें कम सफलता मिली लेकिन समय और मेहनत के साथ उनकी नई नवेली कंपनी को कामयाबी मिलती गई। अब जारोज़ के पास हजारों रेस्टोरेंट और लाखों लोगों का समर्थन है।  

पहले सिंगापुर में नौकरी की

राम प्रसाद ने जारोज़ डिलीवरी ऐप की शुरुआत करने से पहले सिंगापुर में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नौकरी कर रहे थे। कंपनी वर्तमान में तमिलनाडु के अन्य छोटे और बड़े शहरों में अपना विस्तार कर रही है। आने वाले दोनों में कंपनी थेनी और इरोड जिले के पेरुंदुरई में भी अपना परिचालन शुरू करने की योजना बना रही है।

 

राम प्रसाद का कहना है, 'हम ग्राहकों, रेस्टोरेंट और डिलीवरी बॉयज़ के लिए फायदेमंद और एक पारदर्शी मॉडल का पालन करते हैं। डिलीवरी ऐप व्यवसाय की स्थायी बढ़ोतरी के लिए बनाया गया है। वर्तमान में कंपनी अपने डिलीवरी बॉयज़ को इलेक्ट्रिक बाइक प्रदान करती है और जिन लोगों को अभी तक इलेक्ट्रिक बाइक नहीं मिली हैं उन्हें पेट्रोल खर्च के रूप में 2 रुपये प्रति किलोमीटर देती है।'

 

जिस तरह से जारोज़ तमिलनाडु में अपनी जड़ें मजबूत कर रहा है और रेस्टोरेंट मालिकों के साथ में ग्राहकों को फायदा दे रहा है, आने वाले समय में यह कंपनी पूरे राज्य में अपना विस्तार कर सकती है। साथ ही लोकप्रियता इसी तरह से बढ़ती रही हो जारोज़ का तमिलनाडु के अलावा अन्य राज्यों में भी विस्तार हो सकता है।

Related Topic:#Tamilnadu News

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap