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गाजियाबाद में खोल दिया फर्जी दूतावास, STF ने एक को किया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश STF की नोएडा टीम ने बुधवार को एक फर्जी दूतावास का भंड़ाफोड़ किया है। एक आरोपी को गिरफ्तार किया है और उसके पास से लाखों रुपये और फर्जी मुहरें बरामद की गई हैं।

illegal West Arctic Embassy

आरोपी हर्षवर्धन जैन, Photo Credit: UP STF

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की नोएडा यूनिट ने गाजियाबाद में एक अवैध दूतावास का भंडाफोड़ किया है। अधिकारियों ने बुधवार को जानकारी दी कि STF ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है। आरोपी की पहचान हर्षवर्धन जैन के रूप में हुई है और वह गाजियाबाद के कविनगर इलाके में रहता है। उसने अपने इस घर का नाम 'वेस्ट आर्कटिक एंबेसी' रखा था। आरोपी किराए के घर में फर्जी दूतावास चला रहा था। STF की टीम ने छापेमारी में विदेश मंत्रालय की मुहर वाले कई फर्जी दस्तावेज, गाड़ियां और कई अन्य चीजें बरामद की हैं।

 

STF के अधिकारियों ने बताया कि वह लोगों को गुमराह करके उनसे पैसा ऐंठता था। अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने बताया, 'मुख्य आरोपी हर्षवर्धन, कविनगर में किराए पर मकान लेकर अवैध रूप से पश्चिम आर्कटिक का दूतावास चला रहा था और वह खुद को पश्चिम आर्कटिक, सेबोर्गा, पुलविया, लोडोनिया का राजदूत बताता था। वह कई फर्जी नंबर प्लेट लगी गाड़ियों का इस्तेमाल करता था।'

 

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क्या बोले अधिकारी?

इस कार्रवाई के बाद यूपी STF ने कहा, 'लोगों को गुमराह करने के लिए हर्षवर्धन प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और कई बड़े लोगों के साथ अपनी तस्वीरों का भी इस्तेमाल करता था। इन तस्वीरों को उसने एडिट करके तैयार किया था। ' STF ने यह भी बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि हर्षवर्धन जैन का मुख्य काम लोगों को और कंपनियों को विदेश से काम दिलाना था। इस काम के बदले उसे कमीशन मिलता था। इसके साथ ही वह शेल कंपनियों के जरिए हवाला गिरोह को भी चलाता था। 

पूछताछ में हुआ खुलासा

स्पेशल टास्क फोर्स ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की है। अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि आरोपी हर्षवर्धन पहले इंटरनेशनल हथियार सौदागर चंद्रास्वामी और अदनान खगोशी के संपर्क में भी था। साल 2011 में हर्षवर्धन के पास से एक अवैध सैटेलाइट फोन भी बरामद हुआ था जिसका मुकदमा कविनगर थाने में चल रहा है। 

 

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आरोपी के पास से क्या मिला?

स्पेशल टास्क फोर्स ने छापेमारी में विदेशी दूतावासों की गाड़ियों पर इस्तेमाल होने वाली डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली चार गाड़ियां बरामद कीं। इसके अलावा, दो देशों के 12 डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की स्टैंप वाले जाली दस्तावेज, दो जाली पैन कार्ड, अलग-अलग देशों की 34 कंपनियों की स्टैंप्स, दो जाली प्रेस कार्ड, 44.70 लाख रुपये कैश, कई देशों की करेंसी , 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट और विदेशी कंपनियों के डॉक्यूमेंट बरामद किए गए हैं। 


इस मामले में कविनगर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि उसका नेटवर्क कहां तक फैला हुआ है और अब तक कितने लोगों को वह अपने जाल में फंसा चुका है।

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