उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले ही भारी भीड़ और जाम की स्थिति बन गई है। खासकर नैनीताल, मसूरी, ऋषिकेश और कैची धाम जैसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों पर वीकेंड के दौरान हजारों पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है, जिससे सड़कें जाम हो गई हैं और यात्रा काफी कठिन हो गई है।
नैनीताल में वीकेंड पर आए 40 हजार से ज्यादा पर्यटक
नैनीताल, जिसकी आबादी लगभग 40 हजार है, वहां इस वीकेंड 40 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंच गए। ऐसे में पूरे शहर में भारी जाम लग गया, पार्किंग फुल हो गई, होटल ओवरबुक हो गए और स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नैनीताल के रूसी बाईपास पर अब वाहनों को 8 किलोमीटर पहले ही रोक दिया ताकि भीड़ को थोड़ा नियंत्रित किया जा सके।
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मसूरी का हाल भी कुछ ऐसा ही है। आमतौर पर देहरादून से मसूरी की दूरी 1 घंटे में तय हो जाती है लेकिन जाम की वजह से यह सफर 4 से 5 घंटे तक खिंच रहा है। ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग का आनंद लेने वाले पर्यटक भी जाम में फंसे हुए थे।
बाबा नीम करौली के मंदिर के लिए प्रसिद्ध कैची धाम में भीड़ इतनी बढ़ गई है कि गाड़ियों की एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी गई। श्रद्धालुओं को शटल सर्विस के जरिए मंदिर तक पहुंचाया गया। सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मंदिर परिसर के बाहर लंबी कतारें देखी गई। बढ़ते भीड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां 10 दिन में हेलीपैड बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि श्रद्धालु भविष्य में हेलीकॉप्टर से भी मंदिर दर्शन कर सकें।जह
30 अप्रैल से शुरू हो रही है चार धाम यात्रा
चार धाम यात्रा 30 अप्रैल से गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ शुरू होगी और अब तक करीब 15 लाख श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। इतने बड़े स्तर की यात्रा के लिए राज्य प्रशासन की तैयारी और व्यवस्थाएं बड़ी चुनौती बन गई हैं।
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इस बीच, गृह मंत्रालय ने एक अलर्ट जारी करते हुए लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से सावधान रहने की सलाह दी है। पर्यटकों को होटल और टैक्सी बुकिंग के लिए केवल सरकारी पोर्टल्स या भरोसेमंद एजेंसियों का ही सहारा लेने को कहा गया है, ताकि किसी भी प्रकार की ठगी से बचा जा सके।