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सीतापुर में BSA की बेल्ट से पिटाई के बाद अब तक क्या-क्या हुआ?

सीतापुर में बेल्ट से बीएसए की पिटाई मामले में अब तक तीन लोगों पर गाज गिर चुकी है। मामले की जांच जारी है। स्कूल में पढ़ाई का काम ठप पड़ा है। ग्रामीणों के बाद अब यूपी के मंत्री भी पिटाई करने वाले शिक्षक के समर्थन में उतर चुके हैं।

Sitapur News.

वीडियो से ली गई तस्वीर। ( Photo Credit: Social Media)

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उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक स्कूल के प्रधानाचार्य ने अपने बेल्ट से बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) की खूब पिटाई की। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो मामला लखनऊ तक पहुंच गया है। अब खबर है कि यूपी सरकार ने बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है। कथित तौर पर उनकी करीबी बताई जा रही शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को भी सस्पेंड किया गया है। इस बीच यूपी के तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने प्रधानाचार्य का बचाव किया और एकतरफा कार्रवाई को गलत बताया। उन्होंने प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से दखल की मांग की।

 

बीएसए की पिटाई करने वाले प्रधानाचार्य ब्रजेंद्र वर्मा सीतापुर जिले के नदवा प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं। उनके समर्थन में शुक्रवार को छात्र-छात्रों ने प्रदर्शन किया। मामला बढ़ता देख एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने आनन-फानन विद्यालय का दौरा किया। गर्मी अधिक होने से कुछ छात्र बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया गया। बच्चों ने पूरे मामले में उचित न्याय और प्रधानाध्यापक की रिहाई की मांग की।

 

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 निलंबित होने से पहले बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि नदवा विद्यालय मामले में सियासत होने लगी है। प्रधानाध्यापक को निलंबित किया गया है। उनकी जगह बुधवार को एक अन्य शिक्षक को स्कूल भेजा गया था, लेकिन ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। बीएसए पर आरोप है कि वह स्कूल न आने वाली शिक्षिका अवंतिका गुप्ता की हाजिरी लगाने का दबाव प्रधानाध्यापक पर बना रहे थे। इनकार करने पर विवाद मारपीट तक पहुंचा। 

भाजपा विधायक ने प्रधानाध्यापक को बताया गलत

महमूदाबाद से बीजेपी विधायक आशा मौर्य गुरुवार को नदवा स्कूल पहुंची थीं। उनके सुरक्षाकर्मियों ने स्कूल का ताला तोड़ा। इसके बाद विधायक ने बच्चों से पढ़ाई शुरू करने की बात कही, लेकिन बच्चों ने पढ़ाई नहीं की। विधायक आशा मौर्य का कहना है कि वीडियो में प्रधानाध्यापक बेल्ट से पीट रहे हैं। यह गलत है। अगर कोई शिकायत थी तो सही ढंग से अपनी बात रखी जा सकती थी। 

प्रधानाध्यापक के समर्थन में मंत्री आशीष पटेल

भाजपा विधायक के विपरीत अपना दल (सोनेलाल) के नेता और राज्य मंत्री आशीष पटेल खुलकर प्रधानाध्यापक में समर्थन में उतर चुके हैं। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, 'सीतापुर का शिक्षक प्रकरण बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। शिक्षक बृजेंद्र वर्मा जो कि कर्मठ, ईमानदार और नियमित विद्यालय जाने वाले शिक्षक थे। उनको इस हद तक प्रताड़ित किया गया कि उन्होंने अपना आपा खो दिया। मात्र 20 सेकंड की वीडियो क्लिप के आधार पर शिक्षक को एकतरफा दोषी ठहरा देना न्यायोचित नहीं है।'

 

उन्होंने आगे कहा, बीएसए ऑफिस में प्रवेश करने से लेकर अंत तक की सारी सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन के आधार पर जो भी दोषी हो, उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। आखिर वो कौन सी परिस्थितियों उत्पन्न हुई, जिससे एक शिक्षक यह कृत्य करने पर मजबूर हुआ, जिसकी सच्चाई सामने आना चाहिए। आशीष पटेल ने यह भी बताया कि पूरे प्रकरण में उनकी बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से बात हुई। उन्होंने आश्वस्त किया है कि घटना की निष्पक्ष जांच होगी और प्रकरण में जो भी दोषी होगा, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

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क्या है सीतापुर का बीएसए ऑफिस कांड?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानाध्यापक और बीएसए के बीच मारपीट का मामला 23 सितंबर का है। एक शिकायत के सिलसिले में बीएसए ने प्रधानाध्यापक को तलब किया था। कथित आरोप के मुताबिक बीएसए ने प्रधानाध्यक पर शिक्षिका अवंतिका गुप्ता की हाजिरी लगाने का दबाव बनाया। मगर प्रधानाध्यापक ने ऐसा करने से मना कर दिया। दोनों के बीच बहस बढ़ती चली गई। इसी बीच प्रधानाध्यपक ब्रजेंद्र वर्मा ने पहले मेज पर फाइल पटकी। इसके बाद अपनी बेल्ट निकाली और ताबड़तोड़ हमला शुरू कर दिया। बीएसए की शिकायत पर पुलिस ने प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।

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