हरियाणा के कार्यकारी डीजीपी ओपी सिंह ने बुधवार को प्रदेश के सभी एसपी, डीएसपी और थाना प्रभारियों को एक खास संदेश जारी किया है। उन्होंने साफ कहा कि अब पुलिस थानों और दफ्तरों में कामकाज का तरीका बदलना होगा। उन्होंने निर्देश दिया कि अपने ऑफिस की टेबल छोटी रखें और कुर्सियों से तौलिया हटा दें। डीजीपी ने कहा कि जो भी व्यक्ति पुलिस दफ्तर में आता है, उसके साथ सहजता और सम्मान से पेश आएं। उनका कहना है कि सरकारी ऑफिस जनता के पैसे से बने हैं इसलिए वहां आने वाले लोगों की मदद और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता होनी चाहिए।
डीजीपी ने पुलिस विभाग की तुलना बिजली के तार से की और कहा कि जैसे तार में करंट होता है, वैसे ही पुलिस में भी जिम्मेदारी की ऊर्जा होती है। लोगों को पुलिस से जुड़ाव और सुरक्षा चाहिए, इसलिए पुलिस का व्यवहार आम जनता के प्रति सहयोगी होना चाहिए लेकिन जो लोग जनता का शोषण करते हैं, उनके खिलाफ सख्ती जरूरी है।
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डीजीपी ने दी पुलिस वालों को चेतावनी?
हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों को जनता से बात करने की समझ नहीं है, उन्हें थाने या चौकियों से हटाया जाए। जैसे बढ़ई से बढ़ई का काम करवाना चाहिए, वैसे ही हर कर्मचारी से उसकी क्षमता के अनुसार जिम्मेदारी ली जानी चाहिए।
डीजीपी ने सभी थानों और ऑफिसों में विजिटर्स रूम बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर दफ्तर में कॉन्फ्रेंस हॉल है तो वहां आने वाले लोगों को बैठाया जाए और अगर नहीं है तो ऑफिस के किसी कमरे को विजिटर्स रूम बनाया जाए। डीजीपी ने कहा कि विजिटर्स रूम में प्रेमचंद, दिनकर और रेणु जैसे लेखकों की किताबें रखी भी जाएं। साथ ही, एक शिष्ट व्यवहार वाले पुलिसकर्मी को वहां तैनात किया जाए जो आने वाले लोगों की समस्या को ध्यान से सुने और उसे सही जगह तक पहुंचाए।
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पुलिस थानों में किया जाएगा बदलाव
डीजीपी ने सुझाव दिया कि पुलिस थानों में मेट्रो स्टेशन की तरह फुट स्टेप्स या निशान बनाए जाएं, जिससे लोग रास्ता आसानी से ढूंढ सकें। डीएवी पुलिस-पब्लिक स्कूल के इच्छुक छात्र आगंतुकों को गेट से विजिटर्स रूम तक ले जाने में मदद कर सकते हैं।
अंत में डीजीपी ने कहा कि जब कोई व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर आए, तो उसकी बात ध्यान से सुनें। बात करते समय मोबाइल फोन को दूर रखें और पूरी एकाग्रता से उसकी समस्या पर ध्यान दें। इससे जनता का पुलिस पर भरोसा बढ़ेगा और विभाग की छवि भी सुधरेगी।