दुनियाभर में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। भारत में भी ऐसा हो रहा है। 2015 से 2024 के बीच 10 साल में भारत में कैंसर के मामले 10% से ज्यादा बढ़ गए हैं। इन 10 साल में कैंसर के सबसे ज्यादा मामले केरल में बढ़े हैं। केरल के अलावा नागालैंड और दिल्ली में भी कैंसर के मामलों में 50% तक की बढ़ोतरी हो गई है। यह सारी जानकारी केंद्र सरकार की ओर से संसद में दिए गए डेटा में सामने आई है।
कैंसर मामलों को लेकर केरल की सांसद कनिमोई करुणानिधि ने स्वास्थ्य मंत्रालय से सवाल किया था। स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने इसका जवाब देते हुए बताया कि सबसे ज्यादा कैंसर मरीजों के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है।
उन्होंने बताया कि ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी और इंटरनेशनल एजेंसी ऑफ रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) का अनुमान है कि अमेरिका और चीन के बाद कैंसर के सबसे ज्यादा मामले भारत में आते हैं।
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भारत में कितने कैंसर के मामले?
स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि अनुमान है कि भारत में कैंसर के मामलों की दर अमेरिका और चीन के बाद सबसे ज्यादा है।
भारत में हर एक लाख आबादी पर कैंसर की दर 98.5 है। यानी, भारत में एक लाख लोगों में से हर साल औसतन 98 या 99 नए कैंसर मरीज सामने आते हैं। इस हिसाब से भारत में हर साल कैंसर के 14.13 लाख नए मामले सामने आते हैं। हालांकि, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में कैंसर के 15.33 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। 2015 में 13.88 लाख मामले सामने आए थे।
अमेरिका में यह दर 367 प्रति 1 लाख आबादी है। जबकि चीन में यह 201.6 है। इसका मतलब हुआ कि अमेरिका में हर एक लाख आबादी पर 367 और चीन में 202 नए मामले सामने आते हैं। चीन में कैंसर के 48.24 लाख और अमेरिका में 23.80 लाख नए मामले सामने आते हैं।
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कहां बढ़ रहे कैंसर के मामले?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो आंकड़े दिए हैं, उस हिसाब से 2015 से 2024 के बीच 10 साल में कैंसर के सबसे ज्यादा 54% मामले केरल में बढ़े हैं। केरल में 2015 में कैंसर के 39,672 मामले आए थे, जबकि 2024 में 61,175 मामले सामने आए।
दूसरे नंबर पर नागालैंड है, जहां 10 साल में कैंसर मरीजों की संख्या 49.5% बढ़ गई। 2015 में नागालैंड में कैंसर के 1,294 नए मामले सामने आए थे। 2024 में यहां 1,935 कैंसर मरीजों की पहचान हुई। वहीं, राजधानी दिल्ली में भी इन सालों में कैंसर के 48.1% मामले बढ़ गए हैं। 2015 में दिल्ली में कैंसर के 19,168 मामले सामने आए थे, जिनकी संख्या 2024 में बढ़कर 28,387 हो गई।
इन 10 सालों में केरल में कैंसर के 5.25 लाख, नागालैंड में 16,192 और दिल्ली में 2.40 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
इसके अलावा 2015 से 2024 के बीच आंध्र प्रदेश में कैंसर के नए मामले 37.53%, पंजाब में 35.48%, कर्नाटक में 34.89%, असम में 32.53%, त्रिपुरा में 30.66%, मिजोरम में 30.66%, तेलंगाना में 30.26% और तमिलनाडु में 25.31% बढ़ गए हैं।
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यूपी-बिहार और झारखंड में घटे
देश के 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 24 में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं, 13 ऐसे भी हैं जहां कैंसर के नए मामलों में थोड़ी कमी आई है।
2015 की तुलना में 2024 में कैंसर के नए मामलों में लक्षद्वीप में 61%, दमन और दीव में 55% और दादरा नगर हवेली में 41% की गिरावट आई है। मणिपुर में 22.84% और अरुणाचल प्रदेश में 8.71% की कमी आई है।
बड़े राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और राजस्थान में कैंसर के मामलों में कमी आई है। बिहार में 7.12%, उत्तर प्रदेश में 5.42%, झारखंड में 2.88% और राजस्थान में 0.70% की कमी आई है।
कैंसर के सबसे ज्यादा मामलों की बात करें तो इसमें उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। उसकी एक वजह यह भी है कि देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य भी यही है। उत्तर प्रदेश में 2024 में कैंसर के 2.21 लाख मामले सामने आए थे। इसके बाद महाराष्ट्र में 1.27 लाख, पश्चिम बंगाल में 1.18 लाख और बिहार में 1.15 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए थे।
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कितनी खतरनाक बीमारी है कैंसर?
कैंसर सबसे खतरनाक बीमारी में से एक है, क्योंकि एक बार इसकी चपेट में आने पर इससे बच पाना थोड़ा मुश्किल होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 2022 में दुनियाभर में कैंसर के 2 करोड़ से ज्यादा नए मामले सामने आए थे। जबकि 97 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इतना ही नहीं, दुनियामें 5.35 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो 5 साल से कैंसर से जूझ रहे हैं। हर 5 में से 1 शख्स को जीवन में कभी न कभी कैंसर होता है। कैंसर से महिलाओं की तुलना में पुरुषों की मौत ज्यादा होती है। हर 9 में से 1 पुरुष और हर 12 में से 1 महिला की मौत कैंसर से हो जाती है।
दुनिया में 200 तरह के कैंसर हैं और सबसे आम लंग कैंसर है। 2022 में लंग कैंसर के 25 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे। वहीं, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के 23 लाख मामले सामने आए थे।
कैंसर इसलिए भी खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इसमें सर्वाइल रेट कम होता है। हालांकि, अगर समय रहते इसका इलाज शुरू कर दिया जाए तो सर्वाइवल रेट बढ़ जाता है। WHO का अनुमान है कि 2050 में कैंसर 3.53 करोड़ से ज्यादा नए मामले सामने आ सकते हैं, जबकि 1.85 करोड़ लोगों की मौत हो सकती है। भारत को लेकर WHO का कहना है कि 2025 में 27 लाख नए मामले सामने आ सकते हैं। 2050 में 18 लाख से ज्यादा मौतें भी हो सकती हैं।
