अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी गोलीबारी की घटना से दहल गई। यह गोलीबारी व्हाइट हाउस से कुछ दूरी पर ही हुई है। इस गोलीबारी में नेशनल गार्ड के दो सैनिक भी घायल हुए हैं, जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। इस घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जिस किसी ने भी यह किया है, उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। बताया जा रहा है कि जिस वक्त गोलीबारी हुई, उस वक्त ट्रंप व्हाइट हाउस में नहीं थे। वह फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो में थे।


चश्मदीदों का कहना है कि उन्होंने 4-5 बार गोली चलने की आवाज सुनी। हालांकि, पुलिस का कहना है कि हमलावर ने 4 राउंड फायरिंग की थी। हमलावर को भी गोली लगी है और उसकी हालत भी गंभीर बताई जा रही है।


इस बीच ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड्स के 500 और सैनिकों की तैनाती करने का आदेश दिया है। ट्रंप ने अगस्त में वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड्स के 800 सैनिकों को तैनात किया था।

 

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कब-कैसे-क्या हुआ?

  • कब हुई गोलीबारी: डीसी मेट्रोपॉलिस पुलिस डिपार्टमेंट के जेफरी कैरल ने बताया कि गोलीबारी की यह घटना बुधवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर हुई।
  • कैसे हुई गोलीबारी: कैरल ने बताया कि हमलावर ने एक कोने में खड़े होकर गोली चलाई थी। उसने नेशनल गार्ड्स के सैनिकों पर गोली चलाई। दूसरे सैनिकों ने भी गोली चलाई और हमलावर को पकड़ लिया।
  • इसमें क्या हुआ: वॉशिंगटन डीसी की मेयर म्यूरियल बोसर ने बताया कि यह हमला 'टारगेटेड' था। हालांकि, अभी इसके पीछे का मकसद नहीं पता है। हमले में नेशनल गार्ड्स के दो सैनिक जख्मी हुए हैं।
  • कौन था हमलावर: बीबीसी के मुताबिक, हमलावर की पहचान 29 साल के रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में हुई है। रहमानुल्लाह अफगानिस्तान का नागरिक है, जो 2021 में अमेरिका आया था।

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चश्मदीदों ने क्या बताया?

हमलावर ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी थी। चश्मदीदों का कहना है कि उन्होंने कई राउंड की फायरिंग की आवाज सुनी।


स्टेसी वॉल्टर ने बीबीसी को बताया कि जिस वक्त गोलियां चलीं, उस वक्त वह उबर कैब में थीं। उन्होंने बताया, 'मैंने दो बार बूम-बूम की आवाज सुनी। तभी मुझसे उबर ड्राइवर ने कहा कि ये सब लोग भाग क्यों रहे हैं?' उन्होंने कहा कि उन्होंने लोगों को भागते हुए देखा जो मदद के लिए चिल्ला रहे थे।

 

 

जिस जगह गोलीबारी हुई, उसी से कुछ दूरी पर एक दफ्तर में काम करने वाले कोजो नाम के शख्स ने बीबीसी को बताया कि उनके कलीग ने आकर बताया कि बाहर गोलीबारी हो गई है। उन्होंने बताया, 'मेरा एक कलीग आया, जिसने बताया कि उसने बाहर गोलियों की आवाज सुनी है। मैंने खिड़की से बाहर देखा तो लोग भाग रहे थे और हालात बहुत जल्दी सीरियस हो गए।'


कोजो ने बताया कि गोलियों की आवाज इतनी तेज थी कि लगा कि कोई ट्रक टकरा गया है। उन्होंने बताया कि कुछ ही देर में वहां पुलिस आ गई थी।


एक चश्मदीद ने सीएनएन को बताया, 'पहले पांच गोलियां चलीं और फिर सब भागने लगे। लगभग 30 सेकंड बाद दो गोलियां चली और फिर तीन।'

 

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FBI करेगी इस हमले की जांच

अमेरिकी जांच एजेंसी FBI इस हमले की जांच करेगी। FBI डायरेक्टर काश पटेल ने इस गोलीबारी को 'घिनौनी घटना' बताया है।


काश पटेल ने कहा कि 'क्योंकि यह संघीय कर्मचारी पर हमला है, इसलिए संघीय एजेंसी ही इसकी जाच करेगी।' उन्होंने बताया कि इस जांच को FBI लीड करेगी। जांच में होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट और सीक्रेट सर्विस भी शामिल होगी।

 

 

वॉशिंगटन डीसी की मेयर म्यूरियल बोसर ने बताया कि यह एक 'टारगेटेड शूटिंग' थी। पुलिस अधिकारी जेफरी कैरल ने बताया कि अभी तक गोलीबारी का मकसद पता नहीं चला है। अभी यह भी नहीं पता है कि किस हथियार का इस्तेमाल किया गया था।

 

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ट्रंप बोले- भारी कीमत चुकानी पड़ेगी

इस गोलीबारी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जिस 'जानवर' ने भी यह किया है कि उसे इसकी 'भारी कीमत' चुकानी पड़ेगी।


ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा, 'जिस जानवर ने दो नेशनल गार्ड्समैन को गोली मारी, दोनों गंभीर रूप से घायल हैं, वह भी गंभीर रूप से घायल है लेकिन फिर भी उसे इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।'

 


वहीं, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने बताया कि ट्रंप ने उनसे वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड्स के 500 और सैनिकों को भेजने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, 'अगर अपराधी इस तरह की हरकतें करना चाहते हैं, दूसरों के खिलाफ हिंसा करना चाहते हैं तो हम कभी पीछे नहीं हटेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप कभी पीछे नहीं हटेंगे।'