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50 देशों ने शुरू की बातचीत, कुछ हुए नाराज; ट्रंप ने टैरिफ पर क्या कहा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से नए टैरिफ लगाए जाने के बाद दुनियाभर में उथल-पुथल मच गई है। कई देश अमेरिका से नाराज भी हो गए हैं। वहीं, ट्रंप का कहना है कि वे इस फैसले से पीछे नहीं हटेंगे।

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डोनाल्ड ट्रंप। (Photo Credit: PTI)

अमेरिका के टैरिफ से दुनियाभर में उथल-पुथल मच गई है। दुनियाभर के कई देश अमेरिका से नाराज हो गए हैं। कुछ देश इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी बातचीत कर रहे हैं। इस बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने के अपने फैसले का बचाव किया है। उन्होंने साफ किया कि वे तब तक टैरिफ पॉलिसी से पीछे नहीं हटेंगे, जब तक दूसरे देश अमेरिका के साथ कारोबार को बैलेंस नहीं करते।


ट्रंप ने पिछले हफ्ते 185 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। 9 अप्रैल से टैरिफ की यह दरें लागू हो जाएंगी। ट्रंप के इस टैरिफ अटैक से दुनियाभर के बाजारों में हड़कंप मच गया है। मंदी की आशंका भी बढ़ गई है। अमेरिकी शेयर मार्केट में भी जबरदस्त गिरावट आई थी, जिससे निवेशकों को 6 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो गया था।

 

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50 देशों ने बातचीत शुरू की

एक तरफ जहां मंदी का खतरा बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ ट्रंप सरकार का दावा है कि टैरिफ को लेकर 50 से ज्यादा देशों ने व्हाइट हाउस से संपर्क किया है।


ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने दावा किया कि टैरिफ के ऐलान के बाद 50 से ज्यादा देशों ने अमेरिका के साथ बातचीत शुरू कर दी है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि किस देश ने बातचीत की पेशकश की है। उन्होंने कहा, 'अमेरिका को यह देखना होगा कि बाकी देश क्या ऑफर करते हैं और क्या वे भरोसेमंद हैं।'


बेसेंट ने कहा, 'जरूरी नहीं है कि मंदी ही आए। शेयर बाजार एक दिन या हफ्ते में कैसी प्रतिक्रिया देगा, किसे पता है?' उन्होंने दावा किया कि टैरिफ लगाकर वे लंबे समय के लिए आर्थिक मजबूती का आधार बना रहे हैं।

 

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ट्रंप ने टैरिफ को 'दवा' बताया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को 'दवा' बताया है। उन्होंने कहा, 'कभी-कभी कुछ ठीक करने के लिए दवा लेनी पड़ती है।'


ट्रंप ने कहा, 'मैंने यूरोप, एशिया और दुनिया भर के कई नेताओं से बात की। वे समझौता करने के लिए बेताब हैं। मैंने कहा कि हम आपके देश के साथ व्यापार घाटा नहीं रखेंगे। मेरे लिए घाटा मतलब नुकसान है। हमारे पास या तो सरप्लस होगा या सबसे खराब स्थिति में बराबरी होगी।'


उन्होंने कहा, 'दूसरे देशों ने अमेरिका के साथ इतना बुरा बर्ताव किया, क्योंकि हमारी लीडरशिप बेवकूफ थी, जिन्होंने ऐसा होने दिया।' वहीं, बाजारों में उथल-पुथल पर ट्रंप ने कहा, 'शेयर मार्केट का क्या होगा, मैं नहीं बता सकता लेकिन हमारा देश बहुत मजबूत है।'

 

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नाराज हुए देश, वियतनाम ने मांगा वक्त

ट्रंप के इस टैरिफ से दुनिया के कई देश नाराज हो गए हैं। व्हाइट हाउस के इकोनॉमिक एडवाइजर केविन हेसेट ने माना कि दूसरे देश 'नाराज' हैं और 'जवाबी कार्रवाई' कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कई देश बातचीत के लिए भी आ रहे हैं।


अमेरिका से नाराज होने वालों में इजरायल भी शामिल है। इजरायल पर अमेरिका ने 17% टैरिफ लगाया है। इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका आ रहे हैं। वे ट्रंप के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। बताया जा रहा है कि नेतन्याहू और ट्रंप के बीच गाजा युद्ध के साथ-साथ टैरिफ को लेकर भी चर्चा होगी।


अमेरिका के एक और सहयोगी वियतनाम ने भी ट्रंप सरकार से बातचीत शुरू कर दी है। ट्रंप ने दावा किया कि वियतनाम के एक नेता ने फोन पर कहा है कि उनका देश अमेरिका के साथ समझौते के लिए अपने टैरिफ को शून्य करना चाहता है। वियतनाम पर ट्रंप ने 46% टैरिफ लगाया है। बताया जा रहा है कि वियतनाम ने इस फैसले को 45 दिन टालने की अपील की है।


इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी भी इससे नाराज हैं। उन्होंने कहा कि वे ट्रंप के टैरिफ से असहमत हैं लेकिन अपने कारोबार के लिए सभी जरूरी उपाय और बातचीत करने के लिए भी तैयार हैं।

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दुनियाभर में छिड़ा ट्रेड वॉर

ट्रंप ने 2 अप्रैल को नए टैरिफ का ऐलान किया था। कई देशों ने इस पर आपत्ति जताई है लेकिन ट्रंप का कहना है कि वे इस फैसले से पीछे नहीं हटेंगे। ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा था, 'हम जीतेंगे। डटे रहो, यह आसान नहीं होगा।'


इस टैरिफ को लेकर दुनिया में एक नया ट्रेड वॉर शुरू हो गया है। अमेरिका ने चीन पर 54% टैरिफ लगाया है। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर 34% टैरिफ लगा दिया है। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होने का खतरा है। जेपी मॉर्गन के इकोनॉमिस्ट का अनुमान है कि टैरिफ के कारण अमेरिका की जीडीपी में 0.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है। साथ ही बेरोजगारी दर भी बढ़कर 5.3 फीसदी होने का अनुमान है।


हालांकि, इसके बावजूद टैरिफ की दरें कम होने या फैसला वापस लेने की कोई उम्मीद नहीं है। कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने साफ कहा कि टैरिफ को टाला नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, 'टैरिफ आ रहे हैं। बिल्कुल आ रहे हैं।' उन्होंने इसे वैश्विक व्यापार को रिसेट करने के लिए जरूरी कदम बताया है।

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