logo

ट्रेंडिंग:

चोरी के 7 बीज से धुआंधार उत्पादन तक, भारत में कॉफी की दिलचस्प कहानी

पीएम मोदी ने 'मन की बात' में 'कॉफी पर चर्चा' की। उन्होंने कहा कि भारतीय कॉफी अब काफी लोकप्रिय हो रही है। ऐसे में जानते हैं कि भारत में कॉफी आई कैसे? भारतीय कॉफी का बाजार कितना बड़ा है?

indian coffee market

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

अक्सर 'चाय पर चर्चा' करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब 'कॉफी पर चर्चा' की। रविवार को 'मन की बात' में पीएम मोदी ने कहा कि 'चाय के साथ मेरा जुड़ाव तो आप सभी जानते हैं लेकिन आज मैंने सोचा कि क्यों न कॉफी पर चर्चा की जाए।' उन्होंने कहा, 'कुछ समय पहले ओडिशा के कई लोगों ने मुझसे कोरापुट कॉफी को लेकर भी अपनी भावनाएं साझा की । उन्होंने मुझे पत्र लिखकर कहा कि 'मन की बात' में कोरापुट कॉफी पर भी चर्चा हो।'


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मुझे बताया गया है कि कोरापुट कॉफी का स्वाद गजब होता है, और इतना ही नहीं, स्वाद तो स्वाद, कॉफी की खेती भी लोगों को फायदा पहुंचा रही है| कोरापुट में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपने पैशन की वजह से कॉफी की खेती कर रहे हैं। कॉर्पोरेट वर्ल्ड में अच्छी-खासी नौकरी करते थे, लेकिन वो कॉफी को इतना पसंद करते हैं कि इस फील्ड में आ गए और अब सफलता से इसमें काम कर रहे हैं। ऐसी कई महिलाएं भी हैं, जिनके जीवन में कॉफी से सुखद बदलाव हुआ है। कॉफी से उन्हें सम्मान और समृद्धि, दोनों हासिल हुई है। सच ही कहा गया है कोरापुट कॉफी अत्यंत सुस्वादु। एहा ओडिशार गौरव।'


उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर में भारत की कॉफी बहुत लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल की कॉफी लोकप्रिय है। अब नॉर्थ ईस्ट में भी कॉफी की खेती हो रही है, जिसने भारतीय कॉफी की पहचान दुनियाभर में और मजबूत कर दी है।

 

यह भी पढ़ें-- रूसी तेल की बड़ी खरीदार है रिलायंस, ट्रंप के प्रतिबंधों का असर क्या होगा?


अब जब पीएम मोदी ने मन की बात में 'कॉफी पर चर्चा' की है। तो ऐसे में जानते हैं कि भारत की कॉफी का मार्केट कितना बड़ा है? भारतीय कॉफी का एक्सपोर्ट कहां-कहां होता? मगर उससे पहले जानते हैं कि भारत में कॉफी आई कहां से?

कॉफी के चोरी के 7 बीज!

कॉफी का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है, मगर इसके बारे में दुनिया को 450-500 साल पहले ही पता चला है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉफी की जड़ें यमन और इथियोपिया से जुड़ीं हैं। 


ऐसा माना जाता है कि शुरुआत में कॉफी की खेती यमन में ही होती थी। तब लोगों ने इसे 'कहवा' नाम दिया था। शुरुआत में इसका सेवन सिर्फ सूफी संत ही करते थे। शुरुआत में कॉफी सिर्फ मध्य पूर्व तक ही सीमित थी। 17वीं सदी में यह यूरोप पहुंची।


भारत में भी कॉफी यमन से ही आई। ऐसा कहा जाता है कि 1670 में सूफी संत बाबा बुदन जब हज गए थे, तो वहां उन्होंने कॉफी पी थे। उन्हें यह इतनी पसंद आई कि वह लौटते समय यमन से 7 बीज छिपाकर भारत लेकर आ गए। उन दिनों कॉफी का सिर्फ एक्सपोर्ट होता था, ताकि कोई दूसरा देश इसकी खेती न कर सके और यमन से खरीदना मजबूरी बन जाए। भारत आकर कर्नाटक के चिकमंगलूर की पहाड़ियों में उन्होंने कॉफी के इन 7 बीजों को लगाया। इस तरह से भारत में कॉफी की खेती शुरू हुई। 

 


कॉफी के चोरी के उन 7 बीजों से शुरू हुई खेती ने आज भारत को दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक बना दिया है। आज भारत दुनिया का 7वां बड़ा देश है, जहां कॉफी का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है।

 

यह भी पढ़ें-- मजबूर होकर LIC ने डाले अडानी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर? पूरे बवाल की ABCD समझिए

भारत में कितना होता है कॉफी का उत्पादन?

दुनिया में कॉफी का सबसे ज्यादा उत्पादन ब्राजील में होता है। इस मामले में भारत 7वें नंबर पर है। भारत में कॉफी का 95% से ज्यादा उत्पादन दक्षिण के सिर्फ तीन राज्य- कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में होता है। इसमें भी अकेले कर्नाटक में ही 70% से ज्यादा उत्पादन होता है।


भारत में मुख्य रूप से अरेबिका और रोबस्टा कॉफी उगाई जाती है। यह दोनों कॉफी की किस्म है। अरेबिका कॉफी थोड़ी मीठी होती है और इसमें कैफीन भी थोड़ा कम होता है। इसकी बजाय रोबस्टा कॉफी कड़वी होती है और इसमें कैफीन भी बहुत ज्यादा होता है। ज्यादातर उत्पादन रोबस्टा किस्म की कॉफी का ही होता है।


कॉफी बोर्ड के मुताबिक, 2024-25 में भारत में कॉफी का 3.63 लाख टन से ज्यादा उत्पादन हुआ था। 2025-26 में यह बढ़कर 4.03 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है। इसमें 1.18 लाख टन अरेबिका और 2.84 लाख टन से भी ज्यादा रोबस्टा कॉफी का उत्पादन होगा।

 


कर्नाटक में तीन जगहों- चिकमंगलुरू, कोडागू और हासन में कॉफी की खेती होती है। इसमें भी सबसे ज्यादा कोडागू में होती है। 2025-26 में कर्नाटक में 2,80,275 टन पैदावार होने की उम्मीद है। इसी तरह केरल में 81,150 टन और तमिलनाडु में 20,315 टन उत्पादन होने की संभावना है। इन तीनों राज्यों में 2025-26 में कॉफी का 3,85,740 टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। 


इनके अलावा, आंध्र प्रदेश में 16,550 टन और ओडिशा में 500 टन उत्पादन होने का अनुमान है। अब पूर्वोत्तर के भी कुछ राज्यों में कॉफी का उत्पादन होने लगा है। पूर्वोत्तर राज्यों में 2024-25 में कॉफी का 175 टन उत्पादन हुआ था। 2025-26 में यह बढ़कर 210 टन तक पहुंचने की उम्मीद है।

 

यह भी पढ़ें-- लालच, त्योहार या अमीरी..., आखिर साल दर साल महंगा क्यों होता जाता है सोना?

कितनी कॉफी पीते हैं भारतीय?

भारत में कॉफी का जितना उत्पादन होता है, उसका ज्यादा हिस्सा विदेशों में एक्सपोर्ट कर दिया जाता है। क्योंकि भारत में कॉफी की खपत उतनी ज्यादा नहीं है।


हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि भारत में कॉफी का क्रेज नहीं है। भारत में भी कॉफी की खपत लगातार बढ़ती जा रही है। कैफे और कॉर्पोरेट कल्चर बढ़ने के कारण कॉफी की खपत लगातार बढ़ रही है। 


कॉफी बोर्ड की रिपोर्ट बताती है कि 2012 में भारत में कॉफी की खपत 84 हजार टन थी, जो 2023 में 91 हजार टन हो गई। 2024 में यह खपत और बढ़कर 95 हजार टन तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया था। 

 


दुनियाभर में कॉफी की सबसे ज्यादा खपत अमेरिका और यूरोप में होती है। अमेरिका में हर व्यक्ति सालभर में औसतन 5.1 किलो कॉफी की खपत करता है। वहीं, यूरोप में रहने वाला हर व्यक्ति सालाना औसतन 4.5 किलो की खपत करता है। भारतीय इस मामले में बहुत पीछे हैं। हर भारतीय औसतन सिर्फ 67 ग्राम की खपत ही करता है। 


भारत में गांवों की तुलना में शहरों में कॉफी की खपत 4 गुना ज्यादा है। इसी तरह महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा कॉफी पीते हैं। महिलाओं की मुकाबले पुरुष 1.4 गुना ज्यादा कॉफी पीते हैं।

 

यह भी पढ़ें-- 9 साल में ATM और कैश को खत्म नहीं कर पाया UPI, कैसे डिजिटल होगा भारत?

और एक्सपोर्ट कितनी हो जाती है?

भारत में कॉफी की खपत उतनी नहीं है, जितनी उत्पादन होता है। इसलिए इसका ज्यादातर हिस्सा एक्सपोर्ट कर दिया जाता है।


भारतीय कॉफी का एक्सपोर्ट लगातार बढ़ता जा रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 2023-24 में भारतीय कॉफी का एक्सपोर्ट 1.29 अरब डॉलर का था। 2024-25 में यह बढ़कर 1.80 अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारतीय करंसी में यह रकम लगभग 16 हजार करोड़ रुपये होती है।

 


भारत की कॉफी का सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट यूरोपीय देशों में होता है। भारतीय कॉफी का 36% से ज्यादा एक्सपोर्ट तीन यूरोपीय देश- इटली, जर्मनी और बेल्जियम में होता है।


2025-26 में भारत ने इटली में 32.6 करोड़ डॉलर की कॉफी का एक्सपोर्ट किया था। इसके बाद जर्मनी को लगभग 20 करोड़ डॉलर और बेल्जियम को 13.4 करोड़ डॉलर की कॉफी एक्सपोर्ट की थी। रूस को 9.52 करोड़ डॉलर, संयुक्त अरब अमीरात को 9.17 करोड़ डॉलर और अमेरिका को 8.18 करोड़ डॉलर की कॉफी एक्सपोर्ट की गई थी।


भारत में कॉफी का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। एक्सपोर्ट भी बढ़ रहा है। हालांकि, अभी अर्थव्यवस्था में इसका योगदान बहुत छोटा है। अनुमान है कि भारत की जीडीपी में कॉफी का योगदान 0.2% से 0.4% के आसपास होगा। हालांकि, इसकी वजह से लाखों लोगों की रोजी-रोटी चल रही है। माना जाता है कि भारत में कॉफी की 98% खेती छोटे किसान करते हैं। अकेले कर्नाटक में 6.7 लाख से ज्यादा किसान कॉफी की खेती से जुड़े हैं।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap