13000 करोड़ का फ्रॉड, फिर नीरव मोदी के जीजा को माफी कैसे मिल गई?
PNB फ्रॉड केस में नीरव मोदी के जीजा मयंक मेहता ने गवाह बनने का फैसला किया है और इस आधार पर मयंक मेहता को माफी मिल गई है।

नीरव मोदी और मयंक मेहता, Photo Credit: Sora AI
भगोड़े नीरव मोदी के जीजा मयंक मेहता ने अपने साले के खिलाफ कोर्ट में गवाही देने का फैसला किया है और PNB लोन फ्रॉड केस में वह अब सरकारी गवाह बन गए हैं। मयंक, नीरव मोदी के साथ इस PNB लोन फ्रॉड केस में आरोपी थे। उनके खिलाफ भी केस चल रहा था लेकिन अब मयंक मेहता ने सरकारी गवाह बनना स्वीकार किया है और अपने साले के खिलाफ गवाही और सबूत देने की शर्त पर उन्हें मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने माफी दे दी है।
मयंक रिश्ते में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के जीजा हैं। वैसे तो वह ब्रिटेन के नागरिक हैं लेकिन पिछले 35 साल से हॉन्गकॉन्ग में रह रहे हैं। मयंक को कैसे माफी मिली, यह जानने के लिए पहले आपको वह अपराध बता देते हैं, जिसमें नीरव मोदी के साथ मयंक को आरोपी बनाया गया था।
क्या है PNB लोन फ्रॉड केस?
इस केस को हम PNB लोन फ्रॉड के नाम से जानते हैं। जो कि 13 हजार करोड़ रुपये का है। मेहुल चोकसी और नीरव मोदी इस घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। इसकी जांच CBI और ED दोनों कर रहे हैं। मेहुल और नीरव पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई के ब्रैडी हाउस PNB ब्रांच में रिश्वत देकर लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट हासिल किया और इन दोनों कागजात के दम पर 13 हजार करोड़ से ज्यादा सरकारी रकम गबन कर दी।
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इस पूरे मामले में नीरव मोदी के जीजा मयंक मेहता पर आरोप है कि नीरव ने जो पैसे गबन किए, उसका कुछ हिस्सा मयंक मेहता और उनकी पत्नी पूर्वी मेहता की कंपनी को ट्रांसफर किया। यानी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला। पूर्वी मेहता, नीरव मोदी की बहन हैं। ऐसे में CBI और ED ने मयंक और पूर्वी मेहता को फ्रॉड में हिस्सेदार होने और मनी लॉन्ड्रिंग में मदद करने का आरोपी बनाया। मयंक के ऊपर आपराधिक षड्यंत्र की धारा 120-बी, धोखाधड़ी की धारा 420, आपराधिक विश्वासघात की धारा 409 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत CBI ने केस दर्ज कर लिया था।
लंवे वक्त तक केस चला लेकिन कोर्ट में साल 2021 में असली मोड़ आया। मयंक मेहता और उनकी पत्नी पूर्वी ने ED की पूछताछ में मदद की पेशकश की। मयंक के वकील अमित देसाई और मानवेंद्र मिश्रा ने बताया, 'जनवरी 2021 में PMLA कोर्ट ने ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में मयंक और पूर्वी को माफी दे दी थी। दोनों ने ED के पूछताछ में मदद की। साल 2021 में खुद से हॉन्गकॉन्ग से भारत आकर जांच एजेंसियों का सहयोग किया। इस बात के सबूत पेश किए कि जिस मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप उन पर लगे हैं, उस मामले में पैसे सीधे नीरव मोदी की कंपनियों को ट्रांसफर हुए थे न की मयंक या उनकी पत्नी पूर्वी की कंपनी को और वे पैसे मयंक मेहता के इस्तेमाल में नहीं आए।
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यानी कि मयंक को ED के मामले में साल 2021 को ही माफी मिल गई थी। बड़ी बात यह कि मयंक ने उस वक्त एजेंसियों को नीरव मोदी की सपंत्ति जब्त करने में मदद भी की थी और सितंबर 2021 को हुई मयंक की गवाही के दम पर एजेंसियों ने नीरव की करीब 500 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। यानी मयंक पहले से ही सरकारी गवाह बन चुका है। अब जानते हैं CBI के केस के बारे में। इस मामले में मयंक को क्यों माफी दी गई है?
कैसे मिली माफी?
वैसे तो मयंक ने साल 2022 से ही ट्रायल कोर्ट में CBI केस को लेकर माफी की अर्जी लगा दी थी। दलील दी थी कि जिस तरह उसने ED की इस केस में मदद की है। उसी तरह वह CBI की भी मदद करने को तैयार है। इसे लेकर जुलाई 2022 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने CBI को आदेश दिया था कि मयंक के खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए जाएं। फिर सालों तक यह केस लटका रहा। इस बीच मयंक ने माफी की अर्जी पर सुनवाई करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिस पर अब कहीं जा कर जुलाई 2025 में सुनवाई हुई और हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मयंक की माफी की अर्जी पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।
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मयंक की ओर से पेश हुए वकील अमित देसाई और मानवेंद्र मिश्रा ने ट्रायल कोर्ट को बताया कि मयंक को पहली ही ED के PMLA कोर्ट से माफी मिल चुकी है। उसने स्वेच्छा से 2021 में भारत आकर सरकारी एजेंसियों की मदद की थी। ऐसे में उन्हें CBI केस में भी माफी दी जाए। साथ ही उन्होंने एजेंसी को मदद का ऑफर भी पेश किया। अभियोजन पक्ष यानी CBI की ओर से पेश हुए वकील विक्रम सिंह ने भी इस माफी याचिका पर कोई आपत्ति नहीं जताई। CBI ने कोर्ट में कहा कि उन्हें मयंक की हिरासत की जरूरत नहीं है। CBI उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करेगा और उन्हें CBI केस में भी मयंक को माफी मिलने से कोई आपत्ति नहीं है।
ऐसे में कोर्ट ने मयंक मेहता को अप्रूवर के रूप में चिह्नित कर लिया है यानी कि सरकारी गवाह के तौर पर। कोर्ट ने मयंक को आदेश दिया है कि भारत आकर वह कोर्ट और CBI के सामने पेश होंगे। साथ ही नीरव मोदी के 13 हजार करोड़ के PNB लोन घोटाले की जांच में एजेंसी की मदद करेंगे। यानी मयंक ने जिस तरह से पहले नीरव की 500 करोड़ की संपत्ति जब्त करने में मदद की थी। ठीक उसी तरह अब CBI को भी सबूत और संपत्ति जब्त करने में मदद करेंगे। नीरव मोदी अभी ब्रिटेन की जेल में बंद है जबकि मेहुल चोकसी बेल्जियम में प्रत्यपर्ण का सामना कर रहा है।
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