चीन के तियानजिन शहर में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच दिखा जबरदस्त सौहार्दपूर्ण माहौल है। इस मुलाकात को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के प्रति गोलबंदी की तरह देखा जा रहा है।
दरअसल, दुनिया के तीन शक्तिशाली नेताओं ने बिना अमेरिका की मौजूदगी के एक मंच साझा किया। इस मुलाकात ने अमेरिका के साथ ही पश्चिमी देशों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अब इसको लेकर अमेरिका के रणनीतिकार ट्रंप के लिए अच्छा नहीं मान रहे हैं।
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अमेरिकी मीडिया में मोदी-शी-पुतिन
मोदी-शी-पुतिन की तिकड़ी के बीच शिखर सम्मेलन के दौरान हुई बातचीत को अमेरिकी मीडिया में भी प्रमुखता से दिखाया गया है। अब इसको लेकर अमेरिकी राजनीतिक टिप्पणीकार वैन जोन्स ने इसे 'एक नई विश्व व्यवस्था का संकेत' बताया है। उन्होंने कहा कि यह संकेतअमेरिका के लिए अच्छा नहीं है।
तीनों विश्व नेताओं की मुलाकात का जिक्र करते हुए वैन जोन्स ने इसे ऐतिहासिक रूप से बड़ी घटना बताया है। साथ ही कहा कि पुतिन और मोदी के साथ शी जिनपिंग की तस्वीर हर अमेरिकी को सिहरन पैदा कर देनी चाहिए।
सिहरन पैदा कर देनी चाहिए
उन्होंने अमेरिकी टीवी समाचार चैनल सीएनएन से कहा, 'हम आज के दिन को ऐतिहासिक रूप से एक बहुत बड़ी बात के रूप में देखेंगे। क्योंकि पुतिन के साथ शी जिनपिंग की तस्वीर भारत के मोदी के साथ, ईरान के नेता के साथ, उत्तर कोरिया के नेता के साथ, हर अमेरिकी को सिहरन पैदा कर देनी चाहिए।'
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क्यों खास है यह मुलाकात
दरअसल, तियानजिन में एससीओ की बैठक एक ऐसे समय में हुई है जब डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ में कई एशियाई देशों पर कड़े टैरिफ लगा चुके हैं। अमेरिकी टैरिफ लागू होने के कुछ दिनों बाद दुनिया के तीन सबसे शक्तिशाली नेताओं ने बिना किसी अमेरिकी नेता के यह मुलाकात की है। अमेरिकी राजनीतिक विश्लेषक वैन जोन्स ने सुझाव दिया कि अमेरिका एक बॉक्स में है, जहां देश एक बुरे साइड में खड़ा है।
जोन्स ने आगे क्या कहा?
जोन्स ने कहा, 'यह एक नई विश्व व्यवस्था है। पहले अमेरिका और चीन एक साथ थे और रूस अकेला था। अब हम त्रिकोण में बुरे पक्ष में हैं। हर कोई हमारे खिलाफ है। यह अमेरिका के लिए अच्छा नहीं है, यह हमारे लिए अच्छा नहीं है।'
शी जिनपिंग, व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन की एक संयुक्त तस्वीर की ओर इशारा करते हुए, जोन्स ने इसे पुतिन की उपलब्धि कहा। उन्होंने उस तस्वीर का जिक्र करते हुए कहा कि यह पश्चिम के दिल में एक खंजर की नोक है।