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रेप का आरोप, प्राइवेट जेट में सफर, एपस्टीन फाइल में ट्रंप को लेकर 5 बड़े खुलासे

जेफ्री एपस्टीन से जुड़ी फाइलें अब धीरे-धीरे सार्वजनिक होने लगी हैं। मंगलवार को एपस्टीन से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक हुईं, जिनमें ट्रंप पर रेप का आरोप भी लगा है।

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जेफ्री एपस्टीन और डोनाल्ड ट्रंप। (Photo Credit: Social Media)

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अमेरिका के सबसे बड़े यौन अपराधियों में से एक जेफ्री एपस्टीन की फाइलें अब सार्वजनिक होने लगी हैं। मंगलवार को एपस्टीन केस से जुड़े 30 हजार से ज्यादा दस्तावेज सार्वजनिक किए गए। इन फाइलों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर रेप का आरोप लगे होने की जानकारी सामने आई है। हालांकि, जस्टिस डिपार्टमेंट ने इन आरोपों को 'सनसनीखेज' बताते हुए खारिज कर दिया।

 

जेफ्री एपस्टीन से जुड़ी फाइलों को 19 दिसंबर तक सार्वजनिक किया जाना था। हालांकि, अभी पूरी फाइलें सार्वजनिक नहीं हुई हैं। जस्टिस डिपार्टमेंट अलग-अलग बैच में इन्हें जारी कर रहा है। अब मंगलवार को जो नई फाइलें रिलीज हुई हैं, उनमें ट्रंप का जिक्र कई बार किया गया है।

 

इन दस्तावेजों के सामने आने के बाद ट्रंप और एपस्टीन के बीच संबंधों को लेकर नई जानकारियां सामने आईं हैं। इन फाइलों में इंटरनल ईमेल, हैंडरिटन नोट्स और आपत्तिजनक कॉन्टेंट शामिल है। हालांकि, इनमें एपस्टीन से जुड़ीं इन फाइलों में ट्रंप पर सीधे किसी गलत काम में शामिल होने का आरोप नहीं है।

 

यह भी पढ़ें-- रिलीज होते ही एपस्टीन से जुड़ीं 16 फाइलें गायब, इनमें ट्रंप की तस्वीर भी शामिल

ट्रंप को लेकर 5 बड़े खुलासे

  1. एपस्टीइन फाइलों में सामने आया है कि ट्रंप और एपस्टीन कई सालों तक दोस्त थे लेकिन बाद में दोनों में झगड़ा हो गया। यह भी सामने आया है कि ट्रंप ने कम से कम 8 बार एपस्टीन के प्राइवेट जेट में सफर किया था। यह यात्रा 1993 से 1996 के बीच हुई थी। 8 में से 4 बार ट्रंप और एपस्टीन के साथ घिसलेन मैक्सवेल भी थी। घिसलेन मैक्सवेल को भी यौन अपराध में दोषी करार दिया जा चुका है।
  2. सामने आया है कि 1993 में एक फ्लाइट में ट्रंप और एपस्टीन ही थे। लेकिन एक सफर में ट्रंप और एपस्टीन के साथ एक 20 साल की महिला भी थी। दो सफर में उनके साथ दो और महिलाएं भी थीं, जिनके नाम दस्तावेजों में छिपा दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि ये दोनों महिलाएं मैक्सवेल केस में गवाह थीं।
  3. दस्तावेजों में 27 अक्टूबर 2020 की एक FBI रिपोर्ट भी शामिल है, जिसमें एक व्यक्ति ने फोन कर ट्रंप और एपस्टीन पर एक महिला का रेप करने का आरोप लगाया था। उस व्यक्ति ने दावा किया था कि वह 24 दिसंबर 1999 को एक महिला से बात कर रहा था। उस महिला ने उसे बताया था कि ट्रंप ने एपस्टीन के साथ मिलकर मेरा रेप किया था। FBI रिपोर्ट में उस आदमी का नाम हटा दिया गया है।
  4. यह भी खुलासा हुआ है कि 5 अक्टूबर 2021 को न्यूयॉर्क के फेडरल प्रॉसिक्टूयर ने ट्रंप के मार-ए-लागो को दो अदालती आदेश भी भेजे थे, ताकि घिसलेन मैक्सवेल के खिलाफ सबूत मिल सकें। इसमें मार-ए-लागो में काम करने वालों के कुछ रिकॉर्ड मांगे गए थे। एपस्टीन की पीड़ितों में से एक वर्जीनिया गिफ्रे ने दावा किया था कि जब वह 16 साल की थी, तब मैक्सवेल ने उन्हें मार-ए-लागो के लॉकर रूम में असिस्टेंट के तौर पर भर्ती किया था। वर्जीनिया गिफ्रे ने अप्रैल में आत्महत्या कर ली थी।
  5. खुलासों में एक हैंडरिटन लेटर भी है, जिसे एपस्टीन का बताया जा रहा है, जो उसने अपने साथी और यौन अपराधी लैरी नासर को लिखा था। यह लेटर अगस्त 2019 में एपस्टीन की मौत से कुछ दिन पहले लिखा गया था। इसमें लिखा था, 'हमारे राष्ट्रपति को भी जवान और आकर्षक लड़कियों से प्यार है।' इसमें ट्रंप का नाम तो नहीं है लेकिन उस वक्त ट्रंप ही राष्ट्रपति थे।

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जस्टिस डिपार्टमेंट और ट्रंप ने क्या कहा?

नए दस्तावेजों में जो कुछ खुलासे हुए हैं, उनमें से कइयों को जस्टिस डिपार्टमेंट और ट्रंप ने खारिज कर दिया है।

 

जस्टिस डिपार्टमेंट ने X पर पोस्ट कर कहा, 'ये दावे बेबुनियाद और झूठे हैं। अगर इनमें थोड़ी भी विश्वसनीयता होती तो निश्चित रूप से इनका इस्तेमाल राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ पहले ही किया जा चुका होता।'

 

 

ट्रंप भी अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर चुके हैं। सोमवार को उन्होंने मार-ए-लागो में एक इवेंट में इस विवाद के लिए डेमोक्रेट्स और कुछ रिपब्लिकन को दोषी ठहराया। ट्रंप ने कहा, 'एपस्टीन के साथ यह सब कुछ रिपब्लिकन पार्टी की जबरदस्त सफलता से ध्यान भटकाने की कोशिश है।'

 

उन्होंने यह भी कहा कि कई मशहूर हस्तियां एपस्टीन को जानती भी नहीं थीं लेकिन फिर भी तस्वीरों में आ गए।

 

वहीं, एपस्टीन का लैरी नसार को लिखे खत को जस्टिस डिपार्टमेंट ने 'फेक' बताया है। जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा कि इस लेटर पर एपस्टीन की मौत के तीन दिन का बाद का पोस्टमार्क लगा था। यह पोस्टमार्क भी वर्जीनिया का था, जबकि एपस्टीन न्यूयॉर्क की जेल में बंद था। जस्टिस डिपार्टमेंट ने यह भी दावा किया कि इस खत की लिखावट एपस्टीन की लिखावट से मेल नहीं खाती।


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