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गाजा युद्ध विराम पर ट्रंप ने दिखाई नाराजगी, नेतन्याहू को कहे अपशब्द

गाजा और इजरायल के बीच युद्ध रोकने की कोशिश में जुटे ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच हुई बातचीत के दौरान ट्रंप ने नेतन्याहू को जमकर सुनाया और उन्हें निगेटिव बता दिया।

Donald Trump

डोनाल्ड ट्रंप, Photo Credit- Social Media

गाजा और इजरायल के बीच कई दिनों से युद्ध विराम के संबंध में बातचीत चल रही है। इस युद्ध को रोकने के प्रयास में कोई और नहीं बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद लगे हुए हैं। इसको लेकर ट्रंप की बातचीत इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से लगातार हो रही है। ट्रंप चाहते हैं कि जल्द से जल्द इस मामले को सुलझा लिया जाए। ट्रंप ने इसे लेकर 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव दिया था, जिस पर हमास काफी हद तक सहमत हो गया है। हमास बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार हो गया लेकिन उसकी शर्त थी कि इजरायल को फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ना पड़ेगा और गाजा से अपनी सेना हटानी होगी। इजरायल ने इस शर्त को सिरे से खारिज कर दिया और हमले जारी रखे। इस पर डोनाल्ड ट्रंप इतने नाराज हो गए कि फोन पर इजरायली पीएम नेतन्याहू को अपशब्द कह डाले।

 

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के 20 सूत्री शांति प्रस्ताव को हमास ने मान लिया था। इस शांति के लिए हमास की शर्त को इजरायल ने नजरअंदाज करके हमला जारी रखा। इस शांति प्रस्ताव के तीन दिन बाद ही फिलिस्तीन में कई नागरिक मारे गए। इसके बाद दोनों देशों के नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई। इजरायल ने इन शर्तों को मानने से साफ इनकार कर दिया और प्रस्ताव को लेकर असंतुष्टि जताई। इस पर ट्रंप भड़क गए और इजरायली पीएम को 'निगेटिव' बता दिया। 

 

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एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के इस शांति प्रस्ताव पर हमास की सहमति को लेकर इजरायल पीएम ने कहा कि इसमें खुश होने जैसा कुछ नहीं है। इस पर ट्रंप ने गुस्से में कहा कि तुम कैसे निगेटिव इंसान हो जो इस बात पर खुश नहीं हो रहे हो। ट्रंप चाहते हैं कि इजरायल भी इस मामले में थोड़ा समझौता करे और किसी भी तरह से गाजा में युद्ध खत्म हो जाए। कुल मिलाकर क्रेडिट का खेल है। जैसा कि दिख रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप इस युद्ध को खत्म करने का क्रेडिट खुद लेना चाहते हैं। जैसा कि वह कई युद्धों को रुकवाने का दावा पहले भी कर चुके हैं। ट्रंप अब चाहते हैं कि जैसा भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोकने का क्रेडिट जबरदस्ती लिया (जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया)। वैसे ही इस युद्ध को रोककर शांति के दूत बन जाएं और किसी तरह उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार मिले।

हमास ने किन शर्तों को माना?

हमास बंधकों को रिहा करने को तैयार हो गया है पर इसके बदले में इजरायल को अपनी सेना गाजा से हटानी होगी। ट्रंप का मानना है कि हमास ने जो भी शर्तें मानी हैं उससे बातचीत का रास्ता खुल रहा है और इससे इजरायल को पीछे हटना चाहिए। डोनाल्ड ट्रंप पहले ही हमास को धमका चुके हैं कि अगर वह समय पर सहमत नहीं होता है तो पहले से ज्यादा बर्बादी होगी। ट्रंप को इस बात का भी डर है कि कहीं सारे किए कराए पर पानी न फिर जाए। 

 

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ऐसा बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच बहस के बावजूद एक सहमति पर हो गई है। इसके बाद इजरायल पीएम ने ट्रंप की तारीफ भी की और कहा कि व्हाइट हाउस शांति के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, इजरायल भी पहले चरण के तहत सेना को कम करने को तैयार हो गया है। ट्रंप ने घोषणा की है कि एक सप्ताह के अंदर शांति प्रयास का पहला चरण पूरा हो जाएगा। ट्रंप का कहना है कि वह इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

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