चीन रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। इस कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाटो देशों से चीन पर 50 से 100 फीसदी तक टैरिफ लगाने का अनुरोध किया। अब चीन ने ट्रंप की इस पहल का करारा जवाब दिया। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है। यह सिर्फ मामलों को जटिल बनाता है। अपने सख्त संदेश में चीन ने कहा कि वह न तो युद्ध की साजिश रचता है और न ही इसमें हिस्सा लेता है।
स्लोवेनिया की राजधानी लुब्लियाना में एक संवाददाता सम्मलेन में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि युद्ध किसी समस्या का इलाज नहीं है। प्रतिबंध सिर्फ जटिलता पैदा करते हैं। स्लोवेनिया के उप प्रधानमंत्री, विदेश एवं यूरोपीय मामलों के मंत्री तान्जा फाजोन से मुलाकात के बाद वांग यी ने बोले, 'युद्ध में चीन हिस्सा नहीं लेता है। न ही युद्ध की साजिश रचता है। चीन शांति वार्ता का पक्षधर है। बातचीत के जरिये मुद्दों के सियासी समाधान को बढ़ावा देता है।'
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ट्रंप ने नाटो से क्या मांग की?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "मेरा मानना है कि नाटो एक समूह के तौर पर चीन पर 50 से 100 प्रतिशत टैरिफ लगाए। इसे रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म होने के बाद पूरी तरह से वापस ले लिया जाएगा। इससे घातक युद्ध को खत्म करने में बहुत मदद मिलेगी। चीन का रूस पर एक मजबूत नियंत्रण और पकड़ है। यह शक्तिशाली टैरिफ उस पकड़ को तोड़ देंगे।
यूरोप को साधने में जुटा चीन
वांग यी ने अपने संबोधन में कहा, 'यूरोप और चीन प्रतिद्वंद्वी नहीं है। दोनों के बीच दोस्ती होनी चाहिए। दोनों पक्षों को एक-दूसरे का सामना करने की जगह सहयोग करना चाहिए। सदी के सबसे बड़े बदलाव के बीच सही का चुनाव करना उन जिम्मेदारियों को दिखाता है, जिन्हें दोनों पक्षों के इतिहास और लोगों के हित में निभाना चाहिए।' वांग यी के बयान से साफ होता है कि चीन न केवल भारत बल्कि यूरोप के साथ भी अपने रिश्ते सुधारना चाहता है। दूसरी तरफ ट्रंप भारत और चीन के खिलाफ टैरिफ लगाने का दबाव लगातार यूरोप पर बढ़ा रहे हैं।
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साजिश का आरोप लगा चुके ट्रंप
3 सितंबर को चीन में सबसे बड़ी सैन्य परेड का आयोजन हुआ। इसके बाद ट्रंप ने एक बयान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के खत्म होने के ठीक एक दिन बाद यह सैन्य परेड हुई। इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह शी जिनपिंग ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कभी एक बात पर नहीं टिकने वाले नेता हैं। पहले उन्होंने शी जिनपिंग पर साजिश रचने का आरोप लगाया और कुछ घंटों बाद यह कहते हुए सबको चौंका दिया कि उनके चीनी शीर्ष नेतृत्व के साथ अच्छे रिश्ते हैं।