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14 जून को ऐसा क्या होने वाला है, जो अलर्ट पर है पूरा अमेरिका?

14 जून को पूरे अमेरिका में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होगी। एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप सरकार अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगी तो दूसरे तरफ एक बड़े 'बवाल' की रूपरेखा तय की गई है।

Donald Trump.

डोनाल्ड ट्रंप। (Photo Credit: X/@POTUS)

अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा शहर लॉस एंजिल्स हिंसा की चपेट में है। चारों तरफ अराजकता और सड़कों पर जलती गाड़ियों का मंजर दिख रहा है। पूरे शहर में अप्रवासियों ने भारी उत्पात मचा रखा है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2000 नेशनल गार्ड्स को मैदान में उतारना पड़ा है। हिंसा के बीच अमेरिका में सबसे बड़ी टेंशन 14 जून की है। राजधानी वाशिंगटन डीसी समेत कई शहर हाई अलर्ट पर हैं। इस दिन एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसका अमेरिका में अभी से भारी विरोध किया जा रहा है।

 

14 जून को डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ 50 राज्य के लगभग 1500 शहरों में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की गई है। जानते हैं कि 14 जून को क्या है, इसका विरोध क्यों किया जा रहा, विरोध प्रदर्शन में कौन शामिल होगा और उनकी ट्रंप से क्या नाराजगी है?  

14 जून को अमेरिका में क्या होगा? 

14 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 79वां जन्मदिन है। इसी दिन अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ भी हैं। ट्रंप इस मौके को भव्य तरीके से मनाना चाहते हैं। राजधानी वाशिंगटन डीसी में सैन्य परेड होगी। इसमें अनुमान के मुताबिक 25 से 45 मिलियन डॉलर तक खर्च का अनुमान है। डोनाल्ड ट्रंप के दिमाग में अपने पहले कार्यकाल से इस बात की सनक सवार थी कि वाशिंगटन डीसी में सेना का शक्ति प्रदर्शन करवाना है, जबकि आमतौर पर वाशिंगटन डीसी में सैन्य परेड नहीं होती है। 

 

  • सेना की परेड शाम 6 बजे पेंटागन के उत्तरी पार्किंग स्थल से शुरू होगी और परेड 15वीं स्ट्रीट पर खत्म होगी।
  • परेड में लगभग 6600 सैनिक, 150 सैन्य वाहन और 50 हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे।
  • भीड़ का स्वागत वाशिंगटन स्मारक परिसर में किया जाएगा। यहां भोजन, पानी और शौचालय की व्यवस्था भी होगी।
  • रात 8 बजे संगीत समारोह शुरू होगा। इसमें अमेरिका के जाने-माने कलाकार शामिल होंगे। 
  • रात 9:45 बजे आतिशबाजी की जाएगी।

 

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  • आखिरी परेड: एक्सियोस की रिपोर्ट के मुताबिक वाशिंगटन डीसी में आखिरी सैन्य परेड 1991 में आयोजित की गई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश ने खाड़ी युद्ध के सैनिकों को सम्मानित किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका में आयोजित की गई ये सबसे बड़ी सैन्य परेड थी। डोनाल्ड ट्रंप भी 2018 में ऐसी ही परेड आयोजित करना चाहते थे, लेकिन वे कर नहीं पाए थे।

कहां होंगे प्रदर्शन?

14 जून को अमेरिका के 50 राज्यों के 1500 शहरों में ट्रंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। हालांकि वाशिंगटन डीसी में कोई प्रदर्शन नहीं होगा। आयोजकों का कहना है कि ये लड़ाई तानाशाही के खिलाफ है।  नो किंग्स के तहत विरोध प्रदर्शन शहर के ब्लॉक से कस्बों तक, कोर् टहाउस की सीढ़ियों से सामुदायिक पार्कों तक होंगे। आयोजकों का दावा है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद यह उनके खिलाफ सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा। लाखों लोगों के शामिल होने का अनुमान है। 

 

ट्रंप विरोधी अभियान में कौन शामिल?

14 जून को ही अमेरिका में राष्ट्रपति विरोधी रैली का आयोजन करने का एलान 100 से अधिक लोकतंत्र समर्थक वकालत समूह ने किया है। कार्यक्रम का नाम 'नो किंग्स' रखा गया है। प्रदर्शनकारियों ने nokings.org नाम से एक वेबसाइट बना रखी है। इसमें एक टूलकिट भी दी गई है। वेबसाइट में कहा गया है कि ट्रंप अपने जन्मदिन पर सड़कों पर टैंक और टीवी पर शक्ति का प्रदर्शन करना चाहते हैं। यह एक तमाशा है, जो ताकत को दिखाता है। 

 

वाशिंगटन डीसी में प्रदर्शन क्यों नहीं? 

विरोध प्रदर्शन में शामिल संगठन इंडिविजिबल की सह-कार्यकारी निदेशक लीह ग्रीनबर्ग ने बताया कि वाशिंगटन डीसी में विरोध प्रदर्शन न करने का फैसला जानबूझकर लिया गया है। हम यहां प्रदर्शन करके ट्रंप प्रशासन को संघर्ष भड़काने का मौका नहीं देना चाहते हैं। बता दें कि अप्रैल महीने में ट्रंप के खिलाफ हैंड्स ऑफ अभियान चलाया गया। इसमें 35 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था।

 

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डोनाल्ड ट्रंप का विरोध क्यों?

डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति बने अभी 6 महीने भी नहीं हुए हैं, लेकिन उससे पहले उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ये संगठन ट्रंप के खिलाफ क्यों हैं? nokings.org वेबसाइट के मुताबिक संगठन ट्रंप को लोकतंत्र विरोधी मानते हैं। उनका कहना है कि ट्रंप के जन्मदिन पर भुगतान जनता के टैक्स के पैसे से किया जाएगा। जबकि प्रशासन ने जनता को मिलनी वाली स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा स्कीम की धनराशि रोक दी है। संगठनों का आरोप है कि ट्रंप राजा की तरह व्यवहार कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका में लोग राजा के साथ नहीं है। यहां राजा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ट्रंप के खिलाफ संगठन सत्ता के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार, अदालतों की अवहेलना, निर्वासन और अरबपतियों सहयोगियों को दी गई भारी छूट को मुद्दा बनाया है। 

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