हमारे खान-पान का असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि खाने में तेल का इस्तेमाल कम करें ताकि आप स्वस्थ रहें और बीमारियों से दूर रहे। अधिक मात्रा में तेल से बनी सब्जियों का सेवन करने से दिल पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में मन में सवाल उठता है कि हमें कितनी मात्रा में? कौन से तेल का इस्तेमाल करना चाहिए?
कौन सा तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक नहीं होता है? क्या सिर्फ तेल की वजह से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) का लेवल बढ़ता है। हमने इन सभी सवालों के जवाब जयपुर, न्यूट्रीप्लस की डायरेक्टर और सीनियर क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि फाटक से पूछा?
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क्या तेल से बढ़ सकता है कोलेस्ट्रॉल?
सिर्फ तेल से शरीर में कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ता है। तेल का सेवन हमारे शरीर में गुड और बैड दोनों प्रकार के कोलेस्ट्रॉल को बनाने का काम करता है। हमारे शरीर में कौन सी चीज ज्यादा बन रही है। ये चीजें तेल के गुणवत्ता पर निर्भर करती है। कही आप बार-बार गर्म किया हुआ तेल तो नहीं खा रहे हैं, कौन से प्रकार का तेल खा रहे हैं? आप सीड वाला या प्लांट बेस्ड तेल खा रहे हैं। उसके अंदर क्या सैचुरेटेड फैट या फिर ट्रांस फैट है? इन सभी बातों पर कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना निर्भर करता है।- सीनियर क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि फाटक
उन्होंने बताया कि एक चम्मच तेल में 120 किलो कैलोरी रहती है। अगर ये कैलोरी शरीर में इस्तेमाल नहीं हो रही है तो शरीर में फैट के रूप में जमा होने लगता है। इससे शरीर में फैट बढ़ता है, फैटी लिवर होता है और इंसुलिन रेजिस्टेंट की समस्या होती है।
कौन सा तेल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए?
डालडा वाला तेल सबसे ज्यादा बैड कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है। इसके अलावा पाम ऑयल जितना भी हम चिप्स और बाहर का जंक फूड खाते हैं उसमें इसी तेल का इस्तेमाल होता है। पाम ऑयल बहुत ही सस्ता होता है और यह हमारे हार्ट के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। इसमें सैचुरेटेड फैट होता है। इसके अलावा रेस्टोरेंट्स में एक ही तेल को बार-बार गर्म करके खाना पकाया जाता है। इस तेल को खाने से शरीर में फ्री रेडिकल्स बनते हैं जो सूजन को बढ़ाने का काम करता है। इसमें टॉक्सिन भी होते हैं जो हार्ट की आर्टरीज में जमा होता है जिसकी वजह से ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है।
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कौन सा तेल शरीर के लिए अच्छा होता है?
शरीर के लिए मूंगफली का तेल, सरसों का तेल, राइस ब्रान (भूसी का तेल) का तेल अच्छा होता है। इनमें मोनोसैचुरेटेड फैट होता है। आप इस तेल को दिन में 2 से 3 चम्मच खा सकते हैं। कितने मात्रा में तेल का सेवन करना है ये आपके लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है। आप कितना फिजिकल एक्टिविटी करते हैं? अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर रहे हैं तो धीरे-धीरे तेल फैट के रूप में शरीर में जमने लग जाएगा।
रिफाइंड ऑयल की जगह पर आप कोल्ड प्रेस्ड ऑयल ( इस तेल में केमिकल का बहुत कम इस्तेमाल होता है) का सेवन करें। कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आप तेल के साथ-साथ चीनी, मैदे के सेवन को कम करें। डाइट में फाइबर वाली चीजों को शामिल करें। तली-भूनी चीजें कम खाएं।
खराब तेल को खाने से लिवर में बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) बढ़ता है। आप गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने के लिए नट्स, देसी घी और सीड्स का सेवन करें। आप सरसों का तेल, मूंगफली का तेल, सोयाबिन का तेल, तील का तेल खा सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण
- गलत तेल
- गलत मात्रा में तेल खाना
- एक ही तेल को बार-बार गर्म करके खाना
- खराब लाइफस्टाइल
एक चम्मच तेल भी सेहत के लिए हानिकारक है। अगर उस तेल में अधिक मात्रा में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट है तो यह धीरे-धीरे बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करता है। इस वजह से हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या होती है। इसलिए जरूरी है कि सही मात्रा में सही तेल का चुनाव करें।