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दांतों की सफाई से कम होता है हार्ट स्ट्रोक का खतरा, स्टडी में खुलासा

फ्लॉसिंग ओरल हेल्थ का जरूरी हिस्सा है। इससे आपके दांत साफ रहते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं फ्लॉसिंग करने से स्ट्रोक होने का खतरा कम हो जाता है।

flossing

फ्लॉसिंग (Photo Credit: Freepik)

अमेरिका में सबसे ज्यादा मौतें हृदय संबंधी बीमारियों की वजह से हुई है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) के नए डाटा में बताया गया है कि सबसे ज्यादा मौतें हार्ट संबंधी बीमारियों की वजह से हुई है जिसमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक शामिल है। हेल्दी लाइफस्टाइल, अच्छा खान पान और रोजाना एक्सरसाइज करने से आप हृदय संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं। फ्लॉसिंग हमारे ओरल हेल्थ रूटीन का जरूरी हिस्सा होता है। इससे करने से मसूड़ों में संक्रमण नहीं होता है और आपके दांत भी साफ रहते हैं। क्या आप जानते हैं कि फ्लॉसिंग आपके हृदय के लिए भी अच्छा होता है।

 

नए अध्ययन में बताया गया कि रोजाना फ्लॉसिंग करने से स्ट्रोक और एट्रियल फिब्रिलेशन (AFib यानी अनियमित दिल की धड़कन) का खतरा कम हो जाता है। अमेरिकन स्ट्रोक एशोसिएशन इंटरनेशनल स्ट्रोक कॉन्फ्रेंस 2025 में एक स्टडी में ये खुलासा हुआ है।

 

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फ्लॉसिंग से कम होता है स्ट्रोक का खतरा

 

अध्ययन में पाया गया है कि डेंटल फ्लॉसिंग (दांतों के बीच में फंसी गंदगी को साफ करने के लिए पतले सिथेंटिक धागे का इस्तेमाल होता है) की वजह से स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। Atherosclerosis Risk in Communities (ARIC) Cohort की स्टडी में 6000 से ज्यादा लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया जो 1987 में शुरू हुआ था। इस अध्ययन में एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों के संकुचलन) पर विभिन्न जीवनशैली का क्या प्रभाव पड़ता है। इसके बार में जानकारी जुटाई गई।

 

अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया कि फ्लॉसिंग, ओरल हेल्थ केयर और हृदय संबंधी बीमारियों के बीच में खास संबंध है। अध्ययन में 65 प्रतिशत यानी 4092 लोगों ने बताया कि वे फ्लॉस करते हैं। 25 साल के समय में 434 लोगों को स्ट्रोक आया जिसमें से 97 लोगों मे कार्डियॉम्बिक स्ट्रोक की पहचान हुई। जो लोग फ्लॉस नहीं करते हैं उनके मुकाबले में जो लोग फ्लॉस करते हैं उनमें इस्कीमिक स्ट्रोक (दिमाग में खून का जम जाना) का खतरा 22 प्रतिशत तक कम हो जाता है और 44 प्रतिशत तक कार्डियॉम्बिक स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

 

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यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना स्कूल ऑफ मेडिसिन के एमडी सौविक सेन ने कहा, 'अध्य्यन में पाया गया कि ओरल हेल्थ का संबंध सूजन और धमनियों के सख्त होने से है। ऐसे में फ्लॉसिंग करने से ओरल इंफेक्शन और सूजन का खतरा कम हो जाता है। पेरियोडोंटाइटिस मसूड़ों की सूजन वाली बीमारी है जो पुरानी सूजन का कारण बन सकती है। ऐसे सबूत पाए गए है कि पेरियोडोंटाइटिस की वजह से हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसी कारण से कहा जा रहा कि ब्रशिंग और फ्लॉसिंग की वजह से हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है।

 

हार्ट को कैसे रखें हेल्दी

 

  • अच्छा खाएं
  • फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें
  • तबाकू छोड़े
  • अच्छी नींद लें
  • वजन कंट्रोल में रखें
  • ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को मेंटेन रखें

 

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