खराब लाइफस्टाइल और तनाव की वजह से कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है। पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामले में तेजी से बढ़े हैं। किसी को नाचते-गाते समय तो किसी को चलते-फिरते हार्ट अटैक आ जाता है। हाल ही में 8 साल के बच्चे को स्कूल में पढ़ते समय हार्ट अटैक आ गया। इस वजह से उसकी मौत हो गई। इस पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं।
इतनी छोटी उम्र में बच्चे को हार्ट अटैक आना चिंता की बात है। बच्चों को हार्ट अटैक क्यों होता है? इसके बारे में हमने दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल अस्पताल के प्रोफेसर और डॉक्टर आर.के कौशिक से बातचीत की।
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डॉक्टर कौशिक ने बताया कि बच्चों में हार्ट अटैक होने का चांस बहुत कम होता है। अगर किसी बच्चे की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है तो उसे जन्म से ही हृदय संबंधी कोई बीमारी होगी। अगर मैं बात यंग एडल्टस की करूं जिनकी उम्र 40 से कम है उनके खानपान की वजह से हार्ट अटैक हो सकता है लेकिन बच्चों में ऐसा कुछ नहीं होता है। अगर बच्चे को भागने-दौड़ने में सांस चढ़ती हैं तो उसका चेकअप करवाना जरूरी है।
क्या बच्चों में ओबेसिटी की वजह से हार्ट अटैक होता है?
डॉक्टर आर के कौशिक ने बताया कि बच्चों में ओबेसिटी की वजह से हार्ट अटैक से मौत नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि ओबिज बच्चे को अपने यंग ऐज में हृदय संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। अगर कोई बच्चा ओबीज है तो उसकी हार्ट अटैक से मौक हो जाए। इस बात में कोई डायरेक्ट रिलेशन नहीं है।
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क्या जेनिटिक फैक्टर की वजह से हार्ट अटैक होता है?
उन्होंने बताया कि अगर माता-पिता के हार्ट में कोई वलवर डिफेक्ट है तो वो बच्चों में भी हो सकता है। अगर कोई ऐसा बच्चा है तो उसे हार्ट फेलियर होने का खतरा ज्यादा होता है।
कैसे करें बचाव
डॉक्टर ने कहा, अगर बच्चा अपनी उम्र के बच्चों से कम भाग-दौड़ करता है तो उसका चेकअप करवाना जरूरी है। क्या पता उसके हार्ट में कोई छोटा-मोटा डिफेक्ट हो जिसकी वजह से उसे यंग ऐज में हार्ट अटैक होने का खतरा हो सकता इसलिए बच्चे का पीडियाट्रिशन से चेकअप जरूर करवाएं। इसके अलावा बच्चे को हेल्दी खाना खिलाएं। बाहर का जंक फूड ना खाने दें। बच्चे की फिजिक्ल एक्टिविटी पर ध्यान देना जरूरी है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध सामान्य जानकारी और डॉक्टर से बातचीत पर आधारित है। सही परामर्श के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।