कर्नल से मारपीट, आरोपी भी पुलिस, जांचकर्ता भी पुलिस, समझिए पूरी कहानी
पंजाब में 2 हफ्ते पहले सेना के एक अधिकारी के साथ हुई मारपीट का मामला चर्चा में बना हुआ है। वजह यह है कि कई दिनों तक FIR नहीं लिखी गई और पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस इसमें शामिल आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश कर रही है।

कर्नल बाठ उनकी पत्नी और उनका बेटा, Photo Credit: Khabargaon
कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाठ और उनकी पत्नी जसविंदर कौर बाठ इन दिनों चर्चा में हैं। पंजाब में कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाठ से मारपीट की गई और मारपीट करने का आरोप पंजाब के कुछ पुलिस अधिकारियों पर है। पंजाब पुलिस पर आरोप है कि जानबूझकर उन लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है जिन्होंने कर्नल पुष्पेंद्र और उनके बेटे के साथ मारपीट की। घटना को लगभग दो हफ्ते हो चुके हैं और अब यह मामला काफी तूल पकड़ रहा है। पीड़ित परिवार पटियाला में धरने दे रहा है और कानूनी लड़ाई भी लड़ी जा रही है। पूर्व सैनिक भी इस मामले में कर्नल पुष्पेंद्र के परिवार के साथ खड़े हैं। मंगलवार को हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई और अदालत ने पंजाब पुलिस को फटकार भी लगाई। दबाव बढ़ता देख पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस केस को सेना बनाम पुलिस की तरह न दिखाया जाए।
हाई कोर्ट ने इस मामले में पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार से कहा है कि अगली सुनवाई पर वह इस केस में अपना विस्तृत जवाब कोर्ट को दे। इस केस की अगली सुनवाई शुक्रवार यानी 28 फरवरी को होगी। कोर्ट ने यह भी सवाल पूछा कि पुलिसकर्मियों का एल्कोहल टेस्ट क्यों नहीं किया गया और अगर किया गया तो उसकी रिपोर्ट क्यों नहीं सौंपी गई?
दरअसल, कर्नल बाठ ने कहा था कि मारपीट के वक्त पुलिसकर्मी नशे में थे। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर करके अपील की थी कि इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए। इस केस के पीड़ित कर्नल बाठ मौजूदा समय में दिल्ली स्थित आर्मी हेडक्वार्टर में तैनात हैं। हाई कोर्ट में हुई इस सुनवाई के दौरान कॉन्स्टेबल रणधीर सिंह की ओर से पेश हुए वकील विनोद घई ने कहा कि इस मारपीट में रणधीर सिंह को भी चोट आई है।
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कर्नल बाठ ने अपनी याचिका में आरोप लगाए हैं कि पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की वजह से FIR दर्ज करने में देरी हुई और वे मामले को दबाकर आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी मांग की है कि इस केस से जुड़ी CCTV फुटेज को संरक्षित करने के आदेश दिए जाएं। कर्नल बाठ का परिवार लगातार मांग कर रहा है कि पटियाला के SSP नानक सिंह का ट्रांसफर किया जाए और इस मामले की जांच CBI से करवाई जाए। पटियाला की डिप्टी कमिश्नर प्रीति यादव ने इस केस में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का भरोसा भी दिलाया है लेकिन कर्नल बाठ के परिवार ने कहा है कि जब तक CBI जांच का आदेश नहीं होगा, यह धरना जारी रहेगा।
इसी केस के सिलसिले में कर्नल बाठ की पत्नी जसविंदर कौर ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद राज्यपाल ने पंजाब के डीजीपी से बात की और उन्हें सलाह दी कि वह कर्नल के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज करें। इस बयान में कर्नल बाठ ने कुछ पुलिस अधिकारियों के नाम लिए थे। इसी बयान के बाद एक नई एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि, अभी भी कर्नल बाठ का परिवार लगातार प्रदर्शन कर रहा है और CBI जांच की मांग कर रहा है। वहीं, पंजाब पुलिस डैमेज कंट्रोल में जुट गई है और सेना के अधिकारियों के साथ मिलकर उसने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की है।
Disgraceful behavior by @PunjabPoliceInd!
— Balbir Singh Sidhu (@BalbirSinghMLA) March 17, 2025
A serving Army Colonel was brutally assaulted by Patiala Police officers, yet no proper action has been taken despite CCTV evidence. pic.twitter.com/UIsuXAgm5a
13 मार्च को क्या हुआ?
शिकायत के मुताबिक, यह घटना 13 मार्च को हुई थी। कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाठ की पत्नी जसविंदर कौर ने बताया था, '13 मार्च की रात को मेरे पति पुष्पेंद्र और बेटे अंगर सिंह पटियाला शहर में कुछ काम से गए थे। पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल के पास एक ढाबे के बगल में कुछ पुलिसकर्मियों ने उनसे मारपीट की। उस दौरान पुलिसकर्मी नशे में थे और उन लोगों ने मेरे बेटे के साथ भी बदसूलकी की। जब मेरे पति ने बताया कि वह सेना में कर्नल हैं, तब भी पुलिसकर्मी उन्हें जमीन पर गिराकर लातों से मारते रहे।'
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जसविंदर कौर ने बताया कि इस मारपीट में उनके पति पुष्पेंद्र का बायां हाथ टूट गया है और बेटे के सिर पर गहरी चोट आई थी। इसके चलते दोनों को अस्पताल में भी भर्ती करवाना पड़ा था। जसविंदर का आरोप है कि जब वह इस मामले की शिकायत लेकर पुलिस के पास गईं तो 4 दिन तक एफआईआर ही नहीं की गई और तीन थानों के साथ-साथ SSP ऑफिस के भी चक्कर लगवाए। यह भी आरोप है कि एसपी और डीएसपी ने समझौता करने का भी दबाव डाला। जब यह मारपीट की गई उस दौरान ढाबे पर काम करने वाले एक शख्स ने इस सबका वीडियो बना लिया था जिसके चलते पिटाई का सच सामने आ गया।
वीडियो सामने आ जाने के बाद पुलिस पर दबाव बढ़ा। दरअसल, इस वीडियो में दिख रहा था कि सादी वर्दी में दिख रहे कुछ लोग कर्नल पुष्पेंद्र को पीट रहे हैं। यह विवाद गाड़ी पार्क करने और हटाने को लेकर हुआ था। विवाद को लेकर कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाठ के बेटे ने अपने बयान में कहा था, 'उन्होंने हमसे अपनी कार हटाने को कहा था। जब मेरे पापा ने उनकी भाषा पर ऐतराज किया कि तो एक ने उन्हें घूंसा मार दिया। मैंने बीच-बचाव की कोशिश की तो उन्होंने मुझे भी मारा। उन्होंने हमें डंडे, रॉड और बेसबॉल बैट से पीटा। मेरे पापा और मैं बेहोश हो गए। हमें होश आया तब भी वे हमें पीट ही रहे थे। हमें कम से कम 45 मिनट तक पीटा गया था।'
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वीडियो कॉल पर मांगी माफी
कर्नल बाठ की पत्नी ने बाद में वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग भी शेयर की है जिसमें पुलिसकर्मियों ने माफी मांगी है। इन वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिसकर्मी कह रहे हैं कि वे हाथ जोड़कर माफी मांग रहे हैं। हालांकि, इस पर जसविंदर कौर भड़क जाती हैं और उनसे पूछती हैं कि क्यों मारा। इस पर एक पुलिसकर्मी ने कहा, 'हमें पता नहीं था कि वह एक आर्मी अफसर हैं।' जसविंदर कौर इस पर गुस्से में कहती हैं, 'अगर किसी ने आपके बच्चों को इसी तरह मारा होता तो क्या उसे माफ कर देते? तुम लोगों को लाइसेंस मिल गया है कि जिसको भी चाहो मार सकते हो? मुझे बताओ वह बंदा कौन था जिसने मेरे पति को मुक्का मारा?'
4 दिन बाद 12 पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए
इस घटना के बाद SSP नानक सिंह ने एक 17 मार्च को बयान दिया, 'यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। एक सैन्य अधिकारी और पुलिस के बीच मारपीट हुई थी। FIR दर्ज कर ली गई है और जांच की जा रही है। सेना का सम्मान हमारी प्राथमिकता है। पुलिस और स्थानीय सैन्य यूनिट के बीच हमेशा से सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं औऱ हम दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।' SSP नानक सिंह ने 17 मार्च यानी घटना के 4 दिन बाद बताया कि कुल 12 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है और घटना की जांच 45 दिन में पूरी करने के आदेश दिए गए हैं। जिन लोगों को सस्पेंड किया गया उनमें इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, ASI, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल रैंक के पुलिसकर्मी शामिल थे। मामला और बढ़ा तो इस केस की जांच SIT को सौंप दी गई। SIT में ADG (लॉ एंड ऑर्डर) SPS परमार, SSP संदीप मलिक और SP मनप्रीत सिंह को शामिल किया गया है।
Colonel Pushpinder Singh Bath’s wife today released recordings of the video calls made by the Punjab Police Inspectors who assaulted her husband and son.
— Man Aman Singh Chhina (@manaman_chhina) March 21, 2025
The cops are apologising to her for what they did.
It must be remembered that Punjab Police has not even released their names. pic.twitter.com/CBfM7yKZ9m
पटियाला में प्रदर्शन
जसविंदर कौर ने 21 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ सेना के कई पूर्व अधिकारी भी शामिल हुए। उसी दिन यह मामला पंजाब की विधानसभा में भी उठी। पुलिस की कार्यवाही से नाखुश कर्नल के परिवार और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने 22 मार्च को पटियाला के डीसी ऑफिस के सामने धरना भी दिया। इस मामले में कर्नल की पत्नी जसविंदर ने पंजाब के मुख्य सचिव और पटियाला के डीसी को एक चिट्ठी लिखकर मांग उठाई कि इस केस की जांच सीबीआई से करवाई जाए और केस से जुड़े पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया जाए।
#WATCH | Chandigarh | Jaswinder Kaur Bath, wife of Colonel Pushpinder Singh Bath, who was allegedly assaulted by Punjab Police personnel in Patiala, says, "We went to meet DGP Gaurav Yadav, but he was busy. We waited for one and a half hours, but then he left without meeting us.… pic.twitter.com/nBH8oefR7n
— ANI (@ANI) March 22, 2025
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जसविंदर सिंह ने कहा था, 'पुलिस ने उन लोगों को बचाने की कोशिश की। उन लोगों ने हमसे कहा कि अगर हम इनको सजा देंगे तो बड़ी बदनामी हो जाएगी। आप समझौता कर लो क्योंकि इन लोगों को आज एनकाउंटर केस में प्रमोशन दिया गया है। मुझसे कह रहे थे कि ये लोग पैर पकड़कर माफी मांग लेंगे, आपको भी तो यहीं पटियाला में ही रहना है, आपको बाद में बहुत दिक्कत हो जाएगी।'
21 मार्च को जब कर्नल बाठ के परिवार ने जब डीसी दफ्तर के बाहर धरना दिया तो इस धरने में पूर्व सांसद और बीजेपी की नेता परनीत कौर भी शामिल हुईं। उन्होंने कहा, 'भारत की नागरिक और पूर्व सैन्य अधिकारी की पत्नी के रूप में मैं पीड़ित अधिकारी और परिवार के साथ पूरी तरह एकजुट हूं। मैं इस केस की निष्पक्ष जांच की मांग करती हूं। इस केस में सेना, सरकार और पुलिस शामिल है इसलिए एक संयुक्त SIT का गठन होना चाहिए, जिसमें सेना और पुलिस के अधिकारियों के साथ एक जज को भी शामिल किया जाना चाहिए।' BJP नेता परनीत कौर के आने के बारे में जसविंदर कौर बाठ ने कहा कि वह किसी राजनेता को अपना मंच नहीं देंगी।
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22 मार्च को जब जसविंदर कौर धरने पर थीं, तब उन्होंने कहा, '12 लोग सस्पेंड किए गए हैं लेकिन नाम नहीं बता रहे हैं। हमें नहीं पता कौन सस्पेंड हो गए। एसएसपी साहब मीडिया में आकर बोलो, डरते क्यों हो? ऐसे कैसे पटियाला को संभालोगे? जब तक CBI जांच का आदेश नहीं होगा, हमारा मोर्चा चालू रहेगा। मुझे इस सिस्टम पर कोई भरोसा ही नहीं है, CBI जांच ही होनी चाहिए। यह मुद्दा सिर्फ मेरा नहीं है, यह पूरे पंजाब का मुद्दा है। मैं किसी राजनीतिक पार्टी के साथ नहीं हूं, यह इंसानियत का मुद्दा है, राजनीतिक मुद्दा नहीं है।'
हाई कोर्ट तक पहुंची बात
अब यह मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया है। 25 मार्च को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पंजाब सरकार से सख्त सवाल पूछे। हाई कोर्ट ने पूछा, 'क्या पंजाब पुलिस को लोगों को पीटने का लाइसेंस मिला हुआ है?' हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि उस अधिकारी का नाम बताएं जिसने शिकायत मिलने के बावजूद कार्रवाई नहीं की।
DGP और आर्मी की प्रेस कॉन्फ्रेंस
इस मामले पर पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव और आर्मी की वेस्टर्न कमांड हेडक्वार्टर के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वाधवा ने परियाला में 25 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट जनरल वाधवा ने कहा, 'मैं 13 मार्च की रात को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में आपसे बात कर रहा हूं, जिसमें कर्नल पुष्पेंद्र सिंह के साथ ढाबे पर मारपीट की गई। उनको सिविल अस्पताल से मिलिट्री हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया थाऔर उसके बाद कमांड हॉस्पिटल में उनका इलाज हुआ। फिलहाल वह अपनी चोटों से उबर रहे हैं। पंजाब पुलिस ने अपने कर्मचारियों के कृत्य पर अफसोस जताया है। पंजाब पुलिस ने इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों की पहचान कर ली है और उन्हें सस्पेंड करने के साथ-साथ उनका ट्रांसफर पटियाला से बाहर कर दिया गया है। मामले की जांच SIT कर रही है और हम फिर से दोहराते हैं कि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच तय समय में करके दोषियों को सजा दी जाए और सिस्टम में भरोसे को स्थापित किया जाए।'
इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा, 'कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाठ के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। मैं सबसे अपील करता हूं कि इस मामले को सेना बनाम पुलिस न किया जाए। सेना और पंजाब पुलिस राष्ट्र हित में मिलकर काम कर रही हैं।'
#WATCH | Chandigarh: On Colonel Pushpinder Singh Bath assaulted by Punjab Police personnel in Patiala, Lt Gen Mohit Wadhwa, Chief of Staff, HQ Western Command says, "...I am addressing you all about the unfortunate incident on the night of 13th March wherein a serving Colonel… pic.twitter.com/NHulSx3Z0g
— ANI (@ANI) March 25, 2025
फिलहाल, पटियाला में डीसी के दफ्तर के बाहर कर्नल बाठ के परिवार, उनके साथी और पूर्व सैन्य अधिकारियों का प्रदर्शन जारी है। लगातार मांग की जा रही है कि एसएसपी नानक सिंह का ट्रांसफर किया जाए और मामले की जांच CBI से करवाई जाए। केस की अगली सुनवाई 28 मार्च को हाई कोर्ट में होनी है। वहीं, पुलिस अभी भी यह कह रही है कि जांच की जा रही है और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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