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'किसान नेता को दिए थे 45 लाख', US से डिपोर्ट किए गए शख्स ने लगाए आरोप

45 लाख रुपये लेकर डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजने के आरोप में पंजाब पुलिस ने किसान नेता सुख गिल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वह भारतीय किसान यूनियन (टोटेवाल) के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

BKU (Totewal) leader sukh gill । Photo Credit: X/@MeghUpdates

भारतीय किसान यूनियन (टोटेवाल) नेता सुखविंदर सिंह उर्फ सुख गिल । Photo Credit: X/@MeghUpdates

पंजाब पुलिस ने मंगलवार को किसान यूनियन के नेता सुखविंदर सिंह उर्फ ​​सुख गिल, भारतीय किसान यूनियन (टोटेवाल) के प्रदेश अध्यक्ष और तीन अन्य के खिलाफ अमेरिका से निर्वासित जसविंदर सिंह से 45 लाख रुपये की ठगी करने और उसे अवैध ‘डंकी’ मार्ग से विदेश भेजने के आरोप में मामला दर्ज किया है। गिल एक इमिग्रेशन फर्म चलाते हैं।

 

मोगा जिले के पंडोरी अरियान गांव के दसवीं पास जसविंदर उन निर्वासितों के दूसरे जत्थे में शामिल थे, जो 15 फरवरी को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरे थे। अपनी शिकायत में जसविंदर ने कहा कि उसने अपने परिवार की जमीन बेच दी, अपना घर गिरवी रख दिया और अपनी भैंसें बेचकर 45 लाख रुपये का इंतजाम किया, जो उसने कथित तौर पर गिल को तब चुकाए, जब उसे अमेरिका में सुरक्षित तरीक से एंट्री दिलाने का वादा किया गया था।

 

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FIR दर्ज

गिल, उनकी मां प्रीतम कौर, रिश्तेदार तलविंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह के खिलाफ मोगा के धर्मकोट पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 143, 318(4), 61(2) और उत्प्रवास अधिनियम की धारा 24 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

 

एफआईआर के अनुसार, गिल और उनका परिवार धर्मकोट में फतेह इमिग्रेशन नाम से एक ट्रैवल एजेंसी चलाते हैं। जसविंदर ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने विदेश जाने की अपनी योजना के बारे में गिल से सलाह ली, तो गिल ने कहा कि वह उन्हें कानूनी तौर पर फ्लाइट के जरिए अमेरिका भेज देंगे और तीन साल के लिए उनके वर्क परमिट का भी इंतजाम करेंगे। 

मांगे थे 45 लाख रुपये

एफआईआर के अनुसार, गिल ने नौकरी के लिए 45 लाख रुपये मांगे। जसविंदर ने आगे कहा कि रकम का इंतजाम करने के लिए उनके पिता सुखदेव सिंह ने अपनी पुश्तैनी जमीन 1 किला 5 कनाल 40 लाख रुपये में बेच दी। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी मां प्रीतम कौर और तलविंदर सिंह की मौजूदगी में गिल को 30 लाख रुपये नकद दिए। एफआईआर के अनुसार, नवंबर 2024 में गिल जसविंदर को चंडीगढ़ के एलांते मॉल में एक ऑफिस में ले गए, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि वह 'अमेरिकी दूतावास का ऑफिस' है, जहां उनसे कथित तौर पर कुछ दस्तावेज जमा करने और 14,000 रुपये ‘फीस’ के तौर पर देने को कहा गया।

 

कुछ दिनों बाद, गिल ने कथित तौर पर उसे बताया कि उसका यूएस वीज़ा आ गया है और उसे 12 दिसंबर, 2024 को दिल्ली से उड़ान भरनी है, एफआईआर में जसविंदर के हवाले से कहा गया है। उन्होंने कहा कि प्राग (चेक गणराज्य) पहुंचने के बाद ही उन्हें पता चला कि उन्हें शेंजेन वीज़ा दिया गया था, न कि यूएस का।

बाद में फिर मांगे और पैसे

जसविंदर ने आरोप लगाया कि 30 दिसंबर 2024 तक गिल के सहयोगियों ने उसे प्राग के एक होटल में बंधक बनाकर रखा, जिन्होंने और पैसे मांगे और उसे व्हाट्सएप कॉल पर गिल से बात करने के लिए मजबूर किया। जसविंदर ने कहा कि उसे बकाया राशि मेसर्स एकम ट्रैवल्स के खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा गया, जिसके मालिक गुरप्रीत सिंह हैं। अपनी शिकायत में जसविंदर ने कहा कि उसके परिवार ने गुरप्रीत के खाते में 4 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद 2-2 लाख रुपये के दो और ट्रांजेक्शन हुए, जिन्हें जसविंदर के पिता ने कथित तौर पर खाते में ट्रांसफर कर दिया। 

 

एफआईआर के अनुसार, पैसे ट्रांसफर होने के बाद जसविंदर को प्राग से स्पेन के लिए फ्लाइट में बैठाया गया। स्पेन पहुंचने के बाद जसविंदर के परिवार से कथित तौर पर 3.50 लाख रुपये और देने को कहा गया और एक और किश्त मिलने के बाद एजेंटों ने उसे अल साल्वाडोर के लिए फ्लाइट में बैठा दिया। 

 

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‘डंकर्स’ ने की पिटाई

जसविंदर ने आरोप लगाया कि उन्हें ‘डंकर्स’ (अवैध अप्रवासियों को कई देशों में ले जाने वाले एजेंटों के सहयोगियों के लिए एक अनौपचारिक शब्द) द्वारा एक होटल में ले जाया गया, जो गिल को जानते थे और उनके पास पहले से ही उनकी (जसविंदर की) तस्वीर थी। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि ‘डंकर्स’ ने होटल में उनकी पिटाई की और उनसे 2,725 डॉलर भी छीन लिए।

अमेरिका में हुए गिरफ्तार

एफआईआर में कहा गया है कि जसविंदर ने पनामा के रास्ते सामान्य ‘डंकी’ रूट लिया और नावों, टैक्सियों और बसों के माध्यम से 27 जनवरी को अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर पहुंचे, जहां उन्हें अवैध रूप से सीमा पार करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया और 13 फरवरी को निर्वासित कर दिया गया।

 

धर्मकोट पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह ने कहा, 'शिकायतकर्ता के अनुसार, बीकेयू नेता सुख गिल और उनके परिवार के सदस्य इस इमिग्रेशन फर्म को चलाते हैं। एफआईआर दर्ज कर ली गई है और शिकायतकर्ता के बयान के अनुसार तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।'


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