गोवा अग्निकांड मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शनिवार को कहा कि अर्पोरा के नाइट क्लब में आग लगने के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रमोद सावंत ने कहा है कि घटना होने के 45 मिनट के अंदर पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की टीम मौके पर मौजूद थी। कुछ मुश्किलों की वजह से फायर डिपार्टमेंट की टीम के लिए ठीक क्लब तक पहुंचना मुश्किल था। आधे घंटे के अंदर वहां जो फायर कंट्रोल करना था।
गोवा हादसे में 25 लोगों की जान गई है, जिनमें 5 पर्यटक भी शामिल हैं। मरने वालों में ज्यादातर क्लब स्टाफ हैं। पुलिस ने कहा है कि तीन लोग झुलसने की वजह से मरे, बल्कि अन्य 22 की मौत धुएं और दम घुटने से हुई है। हादसे में कम से कम 6 लोग जख्मी भी हुए हैं, जिनमें से 5 का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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कितने लोगों की मौत हुई है?
मृतकों में 20 स्टाफ सदस्य और 5 पर्यटक शामिल हैं। पर्यटकों में दिल्ली के 4 लोग थे। स्टाफ उत्तराखंड, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल राज्यों से आए थे। 4 नेपाली नागरिकों की भी मौत हुई है।
हादसे पर CM ने क्या कहा है?
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि नाइटक्लब ने बेसिक फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं किया था। उन्होंने कहा, 'उन्हें ऊपर सिर्फ दो लाशें दिख रहीं थीं। पहले उन्होंने सिर्फ 2 लाशों की बात की। जब क्लब के निचले हिस्से में गए तो 23 लाशें दिखीं। इन शवों पर कोई फायर इंजरी नहीं थी। इन लाशों पर झुलसने के कोई निशान नहीं थे। दम घुटने की वजह मौतें हुईं हैं।
क्यों नहीं निकल पाए लोग?
ज्यादातर लोग ग्राउंड फ्लोर और किचन में फंसकर दम घुटने से मारे गए। संकरी गलियों की वजह से फायर इंजन मौके पर नहीं पहुंच सके, पानी के टैंकर को करीब 400 मीटर दूर खड़ा करना पड़ा।
अब तक क्या ऐक्शन हुआ है?
पुलिस ने क्लब के चार मैनेजमेंट सदस्यों को गिरफ्तार किया। होटल के चीफ जनरल मैनेजर, जनरल मैनेजर, बार मैनेजर और गेट मैनेजर को गिरफ्तार किया गया है।
क्लब मालिकों और इवेंट ऑर्गेनाइजर के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। सुरक्षा उल्लंघन के बावजूद 2023 में क्लब को चलाने की अनुमति देने के लिए गोवा सरकार के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को सस्पेंड किया गया।
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जांच के लिए समिति बनी
जांच के लिए साउथ गोवा कलेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर फायर सर्विसेज और डायरेक्टर फॉरेंसिक लैब की कमेटी गठित की गई है। एक सप्ताह में रिपोर्ट सामने आ जाएगी।
मृतकों के लिए मुआवजे का एलान
राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि घोषित की। शवों को मृतक परिवारों को सौंपा जाएगा।
अब क्या करेगी सरकार?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने शोक संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना अनुमति चल रहे नाइटक्लबों और हाई-फुटफॉल स्थलों का ऑडिट होगा। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
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सवाल क्या उठ रहे हैं?
विपक्ष से लेकर सोशल मीडिया तक, हर किसी का कहना है कि आखिर ऐसे हादसों के बाद क्यों सरकार जागती है। अगर कड़ी मॉनिटरिंग होती तो शायद इस घटना को होने से रोका जा सकता था।