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चंडीगढ़ में IG ने खुद को क्यों मारी गोली? बेसमेंट में मिली लाश

चंडीगढ़ में हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली है। साउडफ्रूफ बेसमेंट में उनकी लाश मिली है। उनकी आईएएस पत्नी जापान में है। बुधवार तक चंडीगढ़ पहुंचने की उम्मीद है।

Inspector General of Police Y Puran Kumar.

पुलिस महानिरीक्षक वाई पूरन कुमार। ( Photo Credit Social Media)

चंडीगढ़ में हरियाणा के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को खौफनाक कदम उठा लिया है। उन्होंने सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली। चंडीगढ़ पुलिस मामले की जांच में जुटी हैं। मौके पर मोबाइल फोन और कुछ दस्तावेज मिले हैं। घटनास्थल पर सीएफएसएल की टीम भी पहुंच चकी है।

 

वाई पूरन सिंह की पत्नी अमनीत पी. कुमार आईएएस अधिकारी हैं। मौजूदा समय में वह हरियाणा के विदेश सहयोग विभाग में सचिव के पद पर तैनात हैं। वह सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जापान पहुंचे अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं। उम्मीद है कि वह बुधवार तक जापान से लौट सकती हैं। 

 

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वाई पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। 29 सितंबर को उन्हें रोहतक की सुनारिया जेल में तैनात किया गया। मगर उन्होंने अभी तक सुनारिया जेल में ड्यूटी ज्वाइन नहीं की थी। यह वही सुनारिया जेल है, जहां साध्वी यौन शोषण मामले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम बंद है।   

 

 

चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने कहा, 'आज दोपहर करीब 1:30 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर 11 के मकान नंबर 116 से खुदकुशी की सूचना मिली। मृतक की पहचान हरियाणा कैडर के 2001 बैच के आईपीएस पूरन कुमार के तौर पर हुई है। घटनास्थल पर सीएफएसएल टीम मौजूद है। आगे की कार्रवाई जारी है।

 

कहा जा रहा है कि उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारी है। वहीं खबरें यह भी हैं कि सोमवार को उन्होंने एक गनमैन से बंदूक छीनी थी। उनकी बेटी ने घर के बेसमेंट में उनकी लाश देखी। साउंडफ्रूफ होने की वजह से गोली चलने की आवाज बाहर भी नहीं आई। चंडीगढ़ पुलिस ने शव को सेक्टर-16 स्थित सरकारी अस्पताल पहुंचा दिया है। कहा जा रहा है कि मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। 

 

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सरकारी आवास, प्रमोशन पर सवाल; क्यों खफा थे वाई पूरन सिंह?

आईजी पूरन सिंह ने अतिरिक्त मुख्य सचिव और हरियाणा के पूर्व डीजीपी पर जाति के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था। मामला आयोग तक पहुंचा था। सरकारी अधिकारियों को आवास आंवटन मामले में भी उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कई अधिकारियों के खिलाफ शिकायत में कहा था कि प्रदेश में वन अफसर वन हाउस नीति है। बावजूद इसके कई अधिकारियों के पास एक से अधिक सरकारी आवास हैं। उन्होंने साल 1991, 1996, 1997 और 2005 बैच के कुछ आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन पर भी सवाल उठाया था। हरियाणा सरकार ने वाई पूरन कुमार को एडीजीपी रैंक से आईजी के पद पर तैनात कर दिया था।

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