वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन सिंह आत्महत्या मामले में हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने शनिवार को बड़ा बयान दिया। पंचकूला में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पहुंचे सीएम सैनी ने कहा कि दोषी कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अधिकारी के निधन पर दुख जताया और दो मिनट का मौन भी रखा। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की।
सीएम नायाब सिंह सैनी ने कहा कि मुझे जापान में जैसे ही आईपीएस वाई पूरन के निधन की खबर मिली वैसे ही अधिकारियों को उनके घर भेजा। सरकार पूरे मामले की जांच कराएगी। दोषी कितना ही प्रभावशाली व्यक्ति क्यों न हो, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। अगर किसी व्यक्ति को कोई तंग करेगा तो हम उसे बख्सेंगे नहीं। सीएम ने आगे कहा कि परिवार के साथ अन्याय हुआ है तो न्याय देना का काम हमारी सरकार करेगी। विपक्ष को इन मुद्दों पर सियासत नहीं करना चाहिए।
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इस बीच, पंजाब और हरियाणा कांग्रेस के कई नेताओं ने वाई पूरन कुमार के परिवार के मुलाकात की। कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। परिवार के मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह हृदयविदारक घटना है। एक आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या ने देश की आत्मा को झकझोर दिया है।
दीपेंद्र ने उठाई निष्पक्ष जांच की मांग
दीपेंद्र हुड्डा ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा, 'वाई पूरन कुमार की गिनती देश के बेहतरीन आईपीएस अधिकारियों में होती थी। अगर एक सम्मानित अधिकारी को इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर किया तो आप कल्पना कर सकते हैं कि क्या हो रहा होगा। पूरा देश मृतक के परिवार के लिए न्याय चाहता है। यह तभी संभव है जब निष्पक्ष जांच हो और आरोपियों को सजा मिले।
न्याय मिलने तक लड़ेंगे: चन्नी
पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भी वाई पूरन कुमार के परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा और न्याय की मांग की। चन्नी ने कहा, , 'वह ( वाई पूरन कुमार) दलितों के अधिकारों के लिए लड़ते थे। उन्होंने अपनी जान भी दे दी। पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन उनके परिवार को न्याय नहीं मिल रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों का लगातार पूरन कुमार के घर आना जाना है। वे परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। परिवार क्या मांग कर रहा है? उनकी मांग है कि जिन लोगों ने आत्महत्या के लिए मजबूर किया, उन्हें गिरफ्तार किया जाए और सजा दी जाए। हम परिवार के साथ हैं और न्याय मिलने तक लड़ेंगे।'
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वाई पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित आवास पर उनकी लाश मिली थी। कटपटी पर गोली का निशाना था और लाश खून से लथपथ थी। जान देने से पहले उन्होंने आठ पन्नों का सुसाइड नोट अपनी पत्नी को भेजा था। इसमें हरियाणा के पूर्व और मौजूदा डीजीपी समेत कई अफसरों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। दो दिन बीत जाने के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने कुल 15 बड़े अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।