पिछले साल नवंबर में उदयपुर के ताज अरावली रिसॉर्ट में एक शाही शादी का भव्य आयोजन हुआ। सोशल मीडिया पर तस्वीरें भी खूब वायरल हुईं। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच की तो बड़ा खुलासा हुआ। दरअसल, शादी में हुए खर्च का भुगतान एक रैपिडो बाइक चालक के बैंक अकाउंट से किया गया था।
जब ईडी ने अपनी जांच आगे बढ़ाई तो सामने आया कि 19 अगस्त 2024 से 14 अप्रैल 2025 के बीच रैपिडो चालक के बैंक अकाउंट में 331 करोड़ और 36 लाख रुपये की रकम भेजी गई। जांच टीम रैपिडो चालक तक पहुंची तो उसकी हालत खस्ताहाल मिली।
मगर उदयपुर की शाही शादी में उसके खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की रकम उड़ाई गई थी। ईडी को जांच में यह भी पता चला कि दूल्हा-दुल्हन और रैपिडो चालक के बीच कोई रिश्ता नहीं है। वे एक-दूसरे को जानते तक नहीं है। जांच प्रक्रिया आगे बढ़ाने पर यह पूरा मामला 1xBet सट्टेबाजी एप से जुड़ा है। इस रैकेट से जुड़े लोगों ने रैपिडो चालक के खाते का इस्तेमाल म्यूल अकाउंट की तरह किया और अवैध धन को ठिकाने लगाया। बता दें कि म्यूल अकाउंट उन अकाउंट को कहा जाता है, जिनमें साइबर अपराधी अपनी ठगी की रकम एकत्र करते हैं और बाद अन्य खातों में यह रकम ट्रांसफर कर लेते हैं, ताकि पकड़े जाने से बच सके।
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अधिकारियों ने कहा कि जांच में सामने आया कि यह अकाउंट एक म्यूल खाते की तरह काम कर रहा था। इसमें कई जगह से रकम जमा की गई। इसके बाद यह रकम अन्य खातों में भेजी गई। अभी तक अवैध सट्टेबाजी से जुड़े एक बैंक खाते का लिंक सामने आया है। ईडी का कहना है कि किसी अन्य व्यक्ति के बैंक खाते का इस्तेमाल पकड़े जाने से बचने और रकम के असली सोर्स को छिपाने के लिए किया जाता है।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने म्यूल खाते के इस्तेमाल पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि लोग सोचते हैं कि अपने बैंक अकाउंट का एक्सेस देना नुकसानदायक नहीं होगा। मगर आपका बैंक खाता यदि अवैध धन को वैध बनाने का जरिया बना तो कानून आपको भी नहीं छोड़ेगा। अधिकारी ने लोगों को अपने बैंक अकाउंट की जानकारी किसी से भी साझा नहीं करने की अपील की।
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ईडी की इन सलाह पर जरूर ध्यान दें
- अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड, बैंक खाता, यूपीआई और नेट बैंकिंग का एक्सेस किसी को न दें।
- जिन्हें नहीं जानते हैं, उनके चेक और वित्तीय दस्तावेज पर साइन न करें।
- अगर आपके बैंकिंग दस्तावेज का कोई दुरुपयोग हो रहा है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
- अगर कोई बैंक अकाउंट देने के बदले धन लाभ पहुंचाने का लालच देता है तो बिल्कुल दूर रहें।
- अपने नाम से जारी सिम किसी को भी न दें।
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपके नाम से कितनी सिम जारी हैं और कौन इनका इस्तेमाल कर रहा है तो तुरंत TAFCOP (https://tafcop.sancharsaathi.gov.in/telecomUser/) वेबसाइट पर अपने सिमों की जानकारी हासिल करें। अगर इसमें कोई ऐसा नंबर मिलता है, जिसका आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो तुरंत उसे ब्लॉक करें।