प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की। अपनी बातचीत में पीएम मोदी ने गाजा में शांति योजना की सफलता पर उन्हें बधाई दी। दरअसल, ट्रंप ने आज ही गाजा में दो साल से जारी युद्ध में एक बड़ी सफलता का संकेत देते हुए, दोनों पक्षों (हमास-इजरायल) द्वारा समझौते के पहले चरण पर सहमति जताने की घोषणा की है।
पीएम मोदी ने ट्रंप से बीतचीत की खुद जानकारी एक्स पर दी है। पीएम ने कहा, 'अपने मित्र राष्ट्रपति ट्रंप से बात की और ऐतिहासिक गाजा शांति योजना की सफलता पर उन्हें बधाई दी। साथ ही व्यापार वार्ता में हुई अच्छी प्रगति की भी समीक्षा की।'
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दोनों नेताओं में फिर होगी बात
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले हफ्तों में ट्रंप के साथ एक बार फिर से बातचीत करने की सहमति बनी है। बता दें कि अमेरिका की मध्यस्थता में तैयार गाजा में शांति समझौते का पहला फेज को इजरायल और हमास दोनों ने मंजूर कर लिया है। इस समझौते से एक उम्मीद की किरण जगी है कि गाजा में दो साल से चल रही खूनी जंग अब खत्म हो सकता है।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'इसका मतलब है कि सभी बंधकों को बहुत जल्द रिहा कर दिया जाएगा और इजराइल अपने सैनिकों को एक तय सीमा पर वापस बुलाएगा, जो एक मजबूत, टिकाऊ और दीर्घकालिक शांति की ओर पहला कदम होगा।'
क्या हुआ समझौता?
यह घोषणा मिस्र में हुई हमास और इजरायल की बैठक में हुए मसझौते के बाद हुई है। इसमें हमास ने कहा है कि इस समझौते के लागू होने के 72 घंटों के भीतर इजरायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली हो जाएगी। डोनाल्ड ट्रंप की इस युद्ध में किए गए मध्यस्ता के बाद विश्व के नेताओं ने शांति की आशा जताते हुए इजरायल-हमास से अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आग्रह किया है। हमास आने वाले दिनों में फलस्तीनी कैदियों के बदले सभी 20 जीवित बंधकों को रिहा कर देगा, जबकि इजराइली सेना गाजा के अधिकांश हिस्से से वापसी शुरू कर देगी।
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हमास ने क्या कहा है?
हमास ने कहा, 'यह समझौता गाजा में युद्ध की समाप्ति, इजरायली सेना की वापसी, मानवीय सहायता की शुरुआत और कैदियों की अदला-बदली को सुनिश्चित करेगा।' हमास ने इजरायल के साथ संघर्ष को समाप्त करने में मध्यस्थता करने के लिए मध्यस्थों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी धन्यवाद किया है।
इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'हमने सात युद्ध या बड़े संघर्ष, लेकिन युद्धों को सुलझाया है। यह आठवां युद्ध है। मुझे लगता है कि इनमें से सबसे तेजी से रूकने वाला रूस-यूक्रेन युद्ध होगा। मुझे लगता है कि ऐसा भी होगा। लेकिन इस बीच, दोनों देश हर हफ्ते लगभग 7,000 लोगों को खो रहे हैं, और यह बहुत बुरा लगता है... वह युद्ध कभी नहीं होना चाहिए था। अगर मैं राष्ट्रपति होता तो ऐसा कभी नहीं होता।'