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जमीअत उलेमा-ए-हिन्द के मौलाना महमूद मदनी की नजरों में जिहाद क्या है?

मौलना महमूद मदनी इन दिनों विवादों के केंद्र में हैं। उन्होंने जिहाद की ऐसी परिभाषा बताई थी, जिस पर हंगामा हो गया था। अब उन्होंने सफाई में क्या कहा है, आइए जानते हैं।

Mahmood Madani

मौलाना महमूद मदनी। (Photo Credit: PTI)

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी इन दिनों सुर्खियों में हैं। उनके जिहाद वाले बयान पर हिंदूवादी संगठनों ने कई शहरों में प्रदर्शन भी किया है। अब महमूद मदनी ने 'जिहाद' शब्द को लेकर चल रही बहस पर एक बार फिर कहा है कि उन्हें गलत समझा गया। उन्होंने कहा कि जिहाद को लेकर लोगों में जानबूझकर भ्रम फैलाया गया है। मुस्लिमों से नफरत करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने जिहाद का असली मतलब भी बताया है। 

मौलाना मदनी ने कहा है कि जिहाद का मतलब खुद को बेहतर बनाना है, आंतक के खिलाफ लड़ना है। उन्होंने कहा है कि जिहाद के बारे में लोगों में गलत जानकारी है। अगर कहीं भी जुल्म हो रहा है तो उसके खिलाफ आवाज उठाना ही सही मायनों में जिहाद है। उन्होंने कहा कि इस शब्द का सही अर्थ लोगों तक पहुंचाना ही अब उनका मिशन है।

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मौलाना मदनी की नजरों में जिहाद क्या है?

मौलाना मदनी:-
यह सही है कि कुछ कन्फ्यूजन पैदा हुआ है। जिहाद के कई मतलब हैं। सबसे बड़ा जिहाद है, अपने मकसद का साफ विजन रखना और खुद पर काम करना। अगर कोई नाइंसाफी हो तो उसके खिलाफ आवाज उठाना। यह भी जिहाद है। जब से मैं इस ऑर्गनाइजेशन में सेक्रेटरी के तौर पर आया हूं, मैंने इसे अपनी जिंदगी का मिशन बना लिया है कि मैं यह दिखाऊं कि टेररिस्ट ने इस्लामिक टर्मिनोलॉजी का कैसे गलत मतलब निकाला है। हम जिहाद को टेररिस्ट से लड़ना मानते हैं। 

'आतंकी फसादी हैं, हम जिहादी हैं'

मौलाना मदनी ने कहा, 'मैंने हमेशा कहा है, वे 'फसादी' हैं और हम 'जिहादी' हैं। पूरी मिनिस्ट्री, चाहे वह सेंटर हो, या स्टेट हो, सबने तय किया है कि अगर मुसलमानों से जुड़ी कोई भी नेगेटिव बात सामने आती है तो उसे 'जिहाद' कहा जाएगा। जिहाद एक पवित्र शब्द है। हम जिहाद के असली मतलब के लिए लड़ रहे हैं।

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मौलाना मदनी:-
लव जिहाद, लैंड जिहाद, 'थूक' जिहाद, और वोट जिहाद मुसलमानों को गाली देने के लिए नए शब्द बनाए गए हैं। जिहाद शब्द का इस्तेमाल प्लान के साथ इस्लाम को गाली देने के लिए किया जा रहा है। यह चलता रहा और अब सरकारी लेवल पर मुसलमानों को गाली दी जा रही है। यह मान लिया गया है कि सभी मुसलमान 'जिहादी' हैं और इसलिए 'फसादी' हैं। यह मेरी जिम्मेदारी बन गई कि मैं समझाऊं कि जिहाद असल में क्या है।
 

मौलाना मदनी ने क्या कहा था?

मौलाना महमूद मदनी:-
मौजूदा दौर में इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिशें बढ़ गई हैं। जिहाद जैसे मुकद्दस शब्द को आतंक और हिंसा से जोड़ना जानबूझकर किया जा रहा है। लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक जिहाद जैसे शब्द मुसलमानों को बदनाम करने के लिए गढ़े गए हैं। इस्लाम में जिहाद का मतलब अन्याय और ज़ुल्म के खिलाफ संघर्ष है। जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गवर्निंग बॉडी की बैठक बीते शनिवार को हुई थी। मौलाना महमूद मदनी ने ऐसा बयान दिया था, जिस पर हंगामा बरप गया था। बीजेपी और हिंदू संगठनों ने मदनी का पुतला फूंका था। उनके बयान पर हंगामा बरपा था। अब मौलाना महमूद मदनी ने सफाई पेश की है और कहा है कि उनका मकसद, समाज में तनाव पैदा करना नहीं था। 

मौलाना महमूद मदनी हैं कौन?

मौलाना महमूद मदनी जमीयत उलेमा-ए-हिंद (JUH) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। मदनी का परिवार हमेशा चर्चा में रहा है। उनके दादा मौलाना हुसैन अहमद मदनी स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। इस्लाम के बड़े विद्वानों में शुमार रहे हैं। उनके पिता मौलाना असअद मदनी 17 साल तक राज्यसभा सांसद रहे। महमूद मदनी ने दारुल उलूम देवबंद से इस्लाम की पढ़ाई की। वह भी साल 2006-2012 तक राज्यसभा सांसद रहे। हाल के दिनों में उन्होंने कई विवादित बयान दिए हैं।  


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