logo

ट्रेंडिंग:

असम के 93 हजार 'D वोटर' कौन हैं, SIR में नाम कटा, अब आगे क्या? सब समझिए

असम में चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की है। 22 जनवरी तक लोग ड्राफ्ट लिस्ट पर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

Assam

असम में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की जगह स्पेशल रिवीजन की प्रक्रिया हुई है। Photo Credit: Election Commission

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

असम में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)) की प्रक्रिया पूरी कर ली है। असम में इसे स्पेशल रिवीजन (SR) का नाम दिया गया है। इस प्रक्रिया में 10 लाख 56 हजार से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के मुताबिक राज्य में कुल 2 करोड़ 51 लाख 9 हजार 754 मतदाता हैं। इसमें 93 हजार 21 संदिग्ध मतदाताओं को अलग रखा गया है, जिन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं है।

हटाए गए नामों में से करीब 4,79,000 हजार नाम मृतकों के थे, जबकि 5,23,000 मतदाता अपने पते पर नहीं मिले। वे कहीं दूसरी जगह जाकर बस गए हैं। 53,619 नाम डुप्लिकेट या समान पाए गए, जिन्हें सुधार के लिए हटाया गया। कुछ लोग अपने पते पर नहीं मिले, कुछ लोग दूसरी जगहों पर चले गए, कुछ लोगों की मौत हो गई। नई वोटर लिस्ट से इन नामों को हटा दिया गया है। 

यह भी पढ़ें: संत से लेकर सेक्स वर्कर तक SIR से परेशान, क्या हैं बड़ी समस्याएं?

कैसे तैयार हुई है ड्राफ्ट लिस्ट?

यह ड्राफ्ट लिस्ट 22 नवंबर से 20 दिसंबर तक घर-घर जाकर सत्यापन के बाद जारी की गई है। पूरे राज्य में 61 लाख से ज्यादा घरों की जांच की गई। अब मतदाता 22 जनवरी तक अपनी शिकायतें या दावे दर्ज करा सकते हैं। अंतिम मतदाता सूची 10 फरवरी को जारी होगी।

असम में दूसरे राज्यों की तरह स्पेशल इंटेसिव रिवीजन नहीं, बल्कि स्पेशल अमेंडमेंट किया गया, क्योंकि यहां नागरिकता के नियम अलग हैं। राज्य में अब 31 हजार 486 पोलिंग स्टेशन होंगे। इस प्रक्रिया में हजारों चुनाव अधिकारी और बूथ लेवल एजेंट शामिल थे।

यह भी पढ़ें: कभी जावेद अख्तर का विरोध करने वाला वाहियान फाउंडेशन काम क्या करता है?

लिस्ट से बाहर गए डी वोट्स कौन हैं?

ड्राफ्ट लिस्ट में 93,021 लोगों के नाम नहीं है। चुनाव आयोग ने इन्हें डी-वोटर्स का नाम दिया है। ये संदिग्ध मतदाता हैं। डी-वोटर्स वे लोग हैं जिनकी नागरिकता पर सवाल है और उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं मिलता। उनकी नाम, उम्र और फोटो वाली डिटेल्स को बिना बदलाव के रखा गया है।

नाम क्यों हटाए गए?

  • मौत: 4,78,992
  • ट्रांसफर: 5,23,680
  • डुप्लीकेट वोटर: 53,619

जिनके नाम कट गए, उन्हें क्या करना होगा?

असम की वोटर लिस्ट में यह संशोधन, 22 से दिसंबर 20 तक घर-घर जाकर वेरिफिकेशन के बाद किया गया। पूरे राज्य में 61 लाख 3 हजार 103 घरों की जांच हुई। अब मतदाता 22 जनवरी तक अपनी शिकायतें या दावे दर्ज करा सकते हैं। अंतिम मतदाता सूची 10 फरवरी को जारी होगी।

अगर नाम गलती से हटाया गया है तो फॉर्म 6 भरकर नए सिरे से नाम शामिल करने का आवेदन करें। यदि कोई त्रुटि है तो फॉर्म 8 से सुधार कराएं। आवेदन ऑनलाइन voters.eci.gov.in या Voter Helpline ऐप से कर सकते हैं। स्थानीय बूथ लेवल ऑफिसर (BLO), इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) के कार्यालय में आपत्ति जमा कर सकते हैं। 

यह भी पढ़ें: वोटर लिस्ट में नाम डलवाने के लिए किया फर्जीवाड़ा, UP में 48 के खिलाफ FIR

असम में कैसे हुई SIR?

चुनाव आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया से मतदाता सूची को पूरी तरह साफ और सही बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मृतकों के नाम हटें, जगह बदल चुके लोगों की एंट्री दर्ज हो, डुप्लीकेट नाम बाहर निकाले जाएं, तभी निष्पक्ष वोटिंग होगी। असम में कुल पोलिंग स्टेशन अब 31,486 हो गए हैं। 


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap