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सरकार ने कल बुलाई सर्वदलीय बैठक, किन मुद्दों पर होगी चर्चा?

सर्वदलीय बैठक के दौरान, सरकार लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सुचारू कामकाज को चलाने के लिए सभी दलों से सहयोग मांगेगी।

Winter Session of Parliament

संसद का शीतकालीन सत्र।

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संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर (सोमवार) से शुरू हो रहा हैइससे पहले सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई हैसर्वदलीय बैठक रविवार को सुबह 11 बजे होगी, जिसके बाद शाम 4 बजे लोकसभा और राज्यसभा दोनों की बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल की बैठक होगीवहीं, विपक्षी इंडिया अलायंस के फ्लोर लीडर्स की बैठक सोमवार को ही सुबह 10 बजे राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ऑफिस में होगी।

 

सर्वदलीय बैठक के दौरान, सरकार लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सुचारू कामकाज को चलाने के लिए सभी दलों से सहयोग मांगेगी। शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कई जरूरी कानूनों पर चर्चा होगी और उन्हें पास किया जाएगा।

 

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तृणमूल कांग्रेस का SIR को लेकर हमला

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी तृणमूल और विपक्षी दल सत्र के दौरान पश्चिम बंगाल और देश के दूसरे हिस्सों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) एक्सरसाइज और उससे जुड़ी कथित मौतों का मुद्दा उठाएंगी। दरअसल, टीएमसी के साथही समूचा विपक्ष चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहा है कि वह कम समय और काम न आने वाली डेडलाइन के जरिए ग्राउंड स्टाफ पर SIR से जुड़ा अमानवीय दबाव डाल रहा है।

 

 

 

 

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BLO और लोगों में डर- डेरेक

डेरेक ओ'ब्रायन ने दावा किया कि तेज़ी से वोटर रिवीजन करने से BLO और लोगों में डर, थकान और मौतें हुई हैं। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी सवाल उठाएगी कि पश्चिम बंगाल की सबसे ज्यादा गहन जांच क्यों की गई? जबकि एक जैसे डेमोग्राफिक्स वाले कई बॉर्डर वाले राज्यों को छूट क्यों दी गई है।

 

ओ'ब्रायन ने पूछा, 'बांग्लादेश और म्यांमार जैसे बॉर्डर वाले देशों से घिरे, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर को पूरी तरह से छूट क्यों दी गई है? असम में स्पेशल रिविजन इतना हल्का क्यों है? क्या असली इरादा बंगाली पहचान को चुनौती देना और सिस्टमैटिक तरीके से बंगाली वोटरों को रोल से हटाना है?'

 

 


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