बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी एसआईआर को लेकर घमासान मचा हुआ है। जहां सत्ता पक्ष इसे जरूरी बता रहा है वहीं विपक्ष इस पर हमलावर हो रहा है। इसी क्रम में आरजेडी ने खासतौर पर हमला बोला। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि एसआईआर को लेकर हमलोगों ने कई बार आपत्ति दर्ज की है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया और जिस तरह से चुनाव आयोग का प्रोसेस है और जिस तरह से गड़बड़ियां हो रही हैं बिना वोटर के ही बीएलओ फॉर्म साइन करके, अंगूठा लगा के अपलोड कर दे रहे हैं। जो प्रवासी बिहारी हैं, जो बाहर काम करने के लिए गए हैं वे कैसे वोटर बनेंगे, यह बड़ा सवाल है।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है और वहीं से लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की जा रही है और ऐसे में अगर लाखों लोगों का वोट खत्म किया जा रहा है तो हम लोग चुप बैठने वाले नहीं हैं, हम लोग तो उन्ही की बात को उठाते हैं। देश का नागरिक कौन होगा कौन नहीं होगा यह चुनाव आयोग तय नहीं करेगा बल्कि गृह मंत्रालय भारत सरकार करेगा। इन्हीं के वोट से प्रधानमंत्री तीन बार प्रधानमंत्री बने हैं।
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चुनाव आयोग से गठजोड़
वहीं आरजेडी सांसद संजय यादव ने कहा कि एनडीए और चुनाव आयोग का गठजोड़ है और एनडीए के निर्देश पर ही यह हो रहा है और चूंकि चुनाव आयोग उनका सहयोगी दल है इसलिए लग अपने सहयोगी दल की खिलाफ तो नहीं बोलेगा।
उन्होंने कहा, 'एसआईआर की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है, इसमें विसंगतियां और घोटाला है। परसों चुनाव आयोग ने कहा कि 95.93% प्रक्रिया पूरी हो गई है। लेकिन यह केवल कागजों पर हुआ है। उन्होंने अपने स्वयं के एसओपी का पालन नहीं किया है... बिहार में 20 साल से एनडीए सरकार है और केंद्र में 11 साल से भाजपा सरकार है। अगर उन्हें लगता है कि हम कुछ अनाधिकृत लोगों को बचा रहे हैं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है और उनका नाम मतदाता सूची में कैसे आया?... हम प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, हम चुनाव आयोग के कामकाज और समय पर सवाल उठा रहे हैं'
'विपक्ष भ्रम फैला रहा'
वहीं चिराग पासवान ने इसका बचाव किया। उन्होंने कहा, 'सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, इसलिए सदन चलने दीजिए और सवाल पूछिए, हम सब कुछ समझाने के लिए तैयार हैं... SIR को लेकर विपक्ष जिस तरह से भ्रम फैला रहा है, वह उनकी पुरानी राजनीति का हिस्सा है... हम भी उसी राज्य से हैं, और हमारे लोग भी वहीं हैं... क्या ये सच नहीं है कि महाराष्ट्र और लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने वोटों की डुप्लीकेसी का मुद्दा उठाया था... आप खुद शिकायत करते हैं, और उन शिकायतों को कैसे ठीक किया जाता है, ये इसी (SIR) माध्यम से हो सकता है, लेकिन जब हम इसे अपनाते हैं, तो आपको दिक्कत होती है...'
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'बीजेपी नई रणनीति बना रही'
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, 'हर चुनाव जीतने के लिए बीजेपी नई रणनीति बनाती है. आठ करोड़ वोट हो जाएंगे और 1-1.5 महीने में नई वोटर लिस्ट बना दोगे... उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए उपचुनावों के दौरान पुलिस ने बंदूक के बल पर वोट रोके. मैं दावे से कहता हूं कि कुंदरकी में अगर आप सीसीटीवी चेक करेंगे तो पुलिस वोट डालते हुए मिलेगी. अयोध्या में ये लोग हार गए, इसलिए मिल्कीपुर हराना जरूरी था... बिहार में नई वोटर लिस्ट बनाने का मतलब है कि बीजेपी ने धोखाधड़ी की कोई बड़ी तैयारी कर ली है...'