उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित मुक्तेश्वर महादेव मंदिर अनेक श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि यहां पांडवों ने भगवान शिव के दर्शन किए थे। सावन महीने में इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है। शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा वाली यह जगह शांति प्रदान करती है। पुराणों के अनुसार, यह मंदिर भगवान शिव के 18 मुख्य मंदिरों में एक है। माना जाता है कि यहां जलाभिषेक करने से भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं।
मुक्तेश्वर महादेव मंदिर नैनीताल की सबसे ऊंची चोटियों में से एक चोटी पर स्थित है। पहाड़ की ऊंचाईयों पर स्थापित इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से जीवन की सारी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।
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मुक्तेश्वर महादेव मंदिर की पौराणिक मान्यताएं
मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि भगवान शिव अक्सर इस स्थान में तपस्या में लीन रहते थे। कहा जाता है कि एक बार यहां मंदिर के निकट स्थित 'चौली की जाली' में भगवान शिव तपस्या में लीन थे। इस दौरान बाबा गोरखनाथ के जागेश्वर धाम की यात्रा में रुकावट आ गई थी। रास्ता बनाने के लिए उन्होंने एक बड़ी सी चट्टान पर अपने गंडासे से मारकर कई छेद कर दिए थे और यात्रा में आगे बढ़ गए थे। आज भी इस छेद की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जिस भी महिला को संतान प्राप्ति नहीं होती है, वे महिला इस छेद में घुसकर निकल जाए तो उनको संतान की प्राप्ति अवश्य होती है।
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मंदिर परिसर में है इन देवताओं के मंदिर
नैनीताल से 50 किलोमीटर दूर मुक्तेश्वर महादेव मंदिर की मान्यता देश-विदेश तक फैली हुई है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस मंदिर में दर्शन किया था। मुक्तेश्वर महादेव मंदिर परिसर में भगवान भोलेनाथ के शिव लिंग के अलावा हनुमान जी, मां पार्वती, भगवान राम और ब्रह्मा की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। मंदिर परिसर में ही साधु मुक्तेश्वर महाराज की समाधि भी बनी है, जिनके शिष्य आज भी मंदिर में बने एक आश्रम में रहते हैं।
मुक्तेश्वर महादेव मंदिर कैसे जा सकते हैं
यह मंदिर उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। इस मंदिर तक जाने के कई रास्ते हैं। अगर आप ट्रेन से उत्तराखंड आते हैं तो आप काठगोदाम रेलवे स्टेशन में पर उतर कर प्राइवेट टैक्सी या फिर शेयरिंग टैक्सी से मुक्तेश्वर महादेव मंदिर तक जा सकते हैं। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से यह मंदिर 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।