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कौन हैं हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी, जिनका है 51 शक्तिपीठों में स्थान

देवी सति के 51 शक्तिपीठों में से दो शक्तिपीठ हरिद्वार में स्थित हैं। इनमें माया देवी मंदिर इस स्थान की अधिष्ठात्री देवी हैं। आइए जानते हैं इस स्थान से जुड़ी मान्यताएं।

Image of Maya Devi Mandir

माया देवी मंदिर, हरिद्वार(Photo Credit: Wikimedia Commons)

हिंदू धर्म में हरिद्वार को मोक्षदायिनी नगरी माना जाता है। इस धाम से जुड़े अनेक धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों देशभर में प्रसिद्ध हैं। गंगा तट पर बसे इस पवित्र नगर में एक प्रसिद्ध देवी मंदिर है, जिसे माया देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि माया देवी हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी हैं और इस मंदिर को 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है, जिसका अपना एक विशेष धार्मिक महत्व है।

माया देवी कौन हैं?

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, माया देवी को शक्ति स्वरूपा हैं, जो ब्रह्मांड की रचयिता और पालनकर्ता देवी हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वे सती का ही एक रूप हैं। पुराणों में कहा गया है कि जब माता सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में भगवान शिव का अपमान होते हुए देखा तो इसके कारण उन्होंने यज्ञ कुंड में आत्मदाह कर लिया था। तब भगवान शिव अत्यंत क्रोधित हो उठे। उन्होंने सती के मृत शरीर को लेकर तांडव नृत्य किया, जिससे सृष्टि में भारी संकट उत्पन्न हो गया।

 

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इस आपदा को रोकने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए, जो धरती पर अलग-अलग स्थान पर गिरे, जो शक्ति पीठ के रूप में प्रसिद्ध हुए। माना जाता है कि हरिद्वार में माता सती का हृदय और नाभि गिरी थी, इनमें से एक मनसा देवी हैं और दूसरा माया देवी मंदिर।

माया देवी मंदिर की मान्यता

माया देवी मंदिर को शक्ति उपासकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मंदिर भक्तों के लिए श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र है। कहा जाता है कि देवी माया की कृपा से साधक को मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है और हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।

 

इस मंदिर में देवी की तीन मूर्तियां स्थापित हैं- माया देवी, काली देवी और कामाख्या देवी। भक्तों का विश्वास है कि यहां की गई प्रार्थना शीघ्र ही फलदायी होती है।

हरिद्वार में देवी माया का महत्व

हरिद्वार को पंच तीर्थों में गिना जाता है और माया देवी मंदिर इसी का अभिन्न हिस्सा है। यह मंदिर न केवल शक्ति साधकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हरिद्वार के इतिहास और संस्कृति का प्रतीक भी है।

 

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ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे हृदय से यहां दर्शन करता है, उसे सुख-समृद्धि और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। यही कारण है कि हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु माता माया देवी के मंदिर में अवश्य जाते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

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