logo

ट्रेंडिंग:

माघ प्रदोष व्रत: भगवान शिव की पूजा के लिए सही समय क्या, यहां जानिए

माघ महीने में प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विशेष उपासना की जाती है। आइए जानते हैं माघ प्रदोष व्रत पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

Image of Bhagwan Shiv

भगवान शिव(Photo Credit: Pexel)

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर भगवान शिव की विशेष उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। बता दें कि जल्द ही माघ महीने का अंतिम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा माघ महीने का प्रदोष व्रत।

माघ प्रदोष व्रत 2025 पूजा विधि

वैदिक पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रवि प्रदोष व्रत का पालन किया जाएगा। बता दें कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 09 फरवरी शाम 07:25 बजे से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 10 फरवरी शाम 06:57 बजे पर होगा। ऐसे में माघ महीने का अंतिम प्रदोष 09 फरवरी 2025, रविवार के दिन रखा जाएगा।

 

यह भी पढ़ें: देवताओं की सरकार: भगवान गणेश को क्यों कहा जाता है मुख्यमंत्री?

प्रदोष व्रत नियम और विधि

  • शास्त्रों में बताया गया है कि प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए। इस दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और विधि-विधान से भगवान शिव की उपासना करें।
  • प्रदोष काल, यानी संध्या काल में एक बार फिर स्नान-ध्यान करने के बाद शिव जी की प्रतिमा या मिट्टी से बने शिवलिंग को ईशान कोण में स्थापित करें। पूजा के दौरान भगवान शिव को दूध, दही, घी, शक्कर, बेलपत्र, भांग और धतूरा अर्पित करें।
  • बता दें कि प्रदोष व्रत के दिन शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इससे देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पूजा के दौरान तुलसी के पत्तों का प्रयोग भूलकर भी न करें। एक नियम यह भी बताया गया है कि प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन जैसे प्याज-लहसुन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पूजा का फल नष्ट हो जाता है।
  • प्रदोष व्रत को अत्यंत शुद्ध माना जाता है। इसलिए इस दिन मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से देवी-देवता क्रोधित हो जाते हैं। इसके साथ ही पूजा के बाद भगवान शिव की आरती करना न भूलें। ऐसी मान्यता है कि बिना आरती के पूजा अधूरी मानी जाती है।

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap