'कोडीन भैया' बहाना, माफिया निशाना, यूपी में क्या दांव चल रहे अखिलेश यादव?
उत्तर प्रदेश की सियासत में माफियाओं पर जमकर राजनीति हो रही है। बीजेपी का कहना है कि अखिलेश यादव, माफियाओं के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं, अखिलेश ने भी ऐसे ही आरोप लगाए हैं। पूरा विवाद क्या है, आइए जनते हैं।

अखिलेश यादव, योगी आदित्यनाथ और धनंजय सिंह। (Photo Credit: Khabargaon)
उत्तर प्रदेश की सियासत में 'कोडीन' छा गया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता हों या विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (SP) के, दोनों दलों के नेता एक-दूसरे को कोडीन कनेक्शन पर घेर रहे हैं। अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया है कि 'कोडीन भैया' को सत्तारूढ़ पार्टी संरक्षण दे रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक तक के साथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। यूपी में कोडीन कफ सिरप केस की जांच में आरोपियों के नाम समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों दलों से जोड़े जा रहे हैं। दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
यूपी में कोडीन वाली कफ सिरप की तस्करी और अवैध बिक्री का बड़ा रैकेट जांच के दायरे में हैं। पुलिस ने अब तक लाखों बोतलें जब्त की हैं, दर्जनों FIR और कई गिरफ्तारियां हुई हैं। इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला समाने आया है, जिसकी जांच ईडी के अधिकारी कर रहे हैं। यूपी की सियासत में कोडीन का मुद्दा छा गया है। समाजवादी पार्टी इसे सत्ताधारी BJP और उसके सहयोगियों से जोड़ने की कोशिश कर रही है, वहीं बीजेपी की तरफ से भी ऐसी ही कावायद हो रही है।
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कौन हैं कोडीन भैया, जिनके नाम पर BJP को घेर रहे अखिलेश यादव?
अखिलेश यादव:-
मैं समाजवादी पार्टी की तरफ से मांग करता हूं कि जो जो माफिया है उसपर बुलडोजर चलना चाहिए। कालीन भैया, कोडीन भैया, सबपर बुलडोजर चलना चाहिए।
अखिलेश यादव ने इशारा किया है कि यूपी कफ सिरप केस में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के इशारे पर यह सब हो रहा है। अखिलेश यादव ने तंज भरे लहजे में यह इशारा किया है कि 'मिर्जापुर' में कालीन भैया और जौनपुर में 'कोडीन भैया।' अखिलेश यादव खुलकर धनंजय सिंह का नाम नहीं ले रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल पर धनंजय सिंह की तस्वीरें छाईं हैं। कफ सिरप केस का मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल धनंजय सिंह के साथ नजर आ रहा है। अखिलेश यादव ने उन पर तंज कसते हुए यहां तक कहा कि हजारों फीज में उनकी इमारते हैं लेकिन बीजेपी सरकार उन्हें छूती तक नहीं है।
समाजवादी पार्टी:-
तुम यहां एक तस्वीर की बात करते हो तुम्हारा तो खानदान कोडीन भैया के साथ। कोडिन कफ सिरप तस्करी का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल किसका करीबी, कोडिन भैया का। गिरफ्तार अमित सिंह टाटा किसका करीबी और छोटा भाई, कोडिन भैया का। गिरफ्तार बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह किसका पड़ोसी किसका? छोटा भाई कोडीन भैया का। जिसकी तलाश यूपी एसटीएफ और SIT कर रही उस विकास सिंह नर्वे का किससे कनेक्शन कोडिन भैया से? अमित सिंह टाटा को छोटा भाई कौन बता रहा? तुम्हारा विधायक और कोडिन भैया। कोडीन भैया या तो तस्करों को छोटा भाई बता रहे हैं या फिर तुम्हारे विधान परिषद सदस्य प्रिंसू को। कोडिन कफ सिरप का पूरा खानदान किसका करीबी, कोडिन भैया का।
कोडीन कफ सिरप केस की अवैध तस्करी और बिक्री में जिस रैकेट का नाम आया है, उसमें गिरफ्तार आरोपी धनंजय सिंह के करीबी हैं। आलोक प्रताप सिंह, अमिट टाटा और शुभम जायसवाल के साथ धनंजय सिंह की कई तस्वीरें वायरल हैं। कई सार्वजनिक सभाओं में आरोपी, धनंजय सिंह के साथ नजर आए हैं। धनंजय सिंह, अखिलेश यादव पर ठाकुर विरोधी होने के आरोप लगा रहे हैं।
https://twitter.com/samajwadiparty/status/2002318380087603557
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धनंजय सिंह:-
अगर आलोक सिंह ने कोई एजेंसी बनाकर व्यापार किया है, तो जांच में सब सामने आ जाएगा। ईडी जांच कर रही है, मैं चाहता हूं कि CBI भी जांच करे ताकि पूरा सच बाहर आए।
अखिलेश यादव ने वेब सीरीज 'मिर्जापुर' के माफिया कैरेक्टर 'कालीन भैया' का नाम लेकर 'कोडीन भैया' पर बहस छेड़ दी है। धनंजय सिंह अपने ऊपर लगे आरोपों को एक सिरे से नकारते हैं। उनका कहना है कि अखिलेश यादव का बयान हास्यास्पद है। गंभीर मामलों पर मजाक नहीं बनाया जाना चाहिए। धनंजय ने साफ कहा कि उनका इस नारकोटिक्स केस से कुछ भी लेना-देना नहीं हैं। कुछ गिरफ्तार लोग उनके बचपन के जानकार या रिश्तेदार हैं, लेकिन इससे उनकी गलती नहीं ठहराई जा सकती।
https://twitter.com/mediacellsp/status/2001984897393856700
कफ सिरप मामले में गिरफ्तार व्यापारी आलोक सिंह और धनंजय सिंह का भी कनेक्शन सामने आया है। धनंजय सिंह ने खुद का है कि वह आलोक सिंह को बचपन से जानते हैं। आलोक सिंह के बड़े भाई, उनके दोस्त है। उनके रिश्तेदारों के घर आलोक सिंह के पड़ोस में रहा है। वह भी करीबी रहे हैं।
बीजेपी ही अखिलेश के निशाने पर क्यों?
अखिलेश यादव यूपी में कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध कारोबा पर योगी सरकार को घेर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार सच्चाई छिपा रही है, असली माफियाओं को बचा रही है। बीजेपी सिर्फ समाजवादी पार्टी को बदनाम करने के लिए पुरानी तस्वीरें दिखा रही है। 36 जिलों में 118 से ज्यादा FIR दर्ज होने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर समाजवादी पार्टी से जुड़ा कोई दोषी है तो उस पर भी बुलडोजर चला लो लेकिन सभी माफियाओं पर कार्रवाई हो। उनका कहना है कि यह मामला इंटरनेशनल नेटवर्क से जुड़ा है, इसकी वजह से बच्चों की जान खतरे में है।
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धनंजय सिंह:-
माता-पिता को भी अपने बच्चों की हर हरकत का पता नहीं होता तो मैं दूसरों की गतिविधियों के लिए कैसे जिम्मेदार हूं?
धनंजय सिंह कौन हैं?
धनंजय सिंह उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से आते हैं। वह सांसद भी रह चुके हैं। यूपी के सबसे विवादित चेहरों में एक नाम उनका भी है। उनकी और अभय सिंह की अदावत सुर्खियों में रही है। छात्र जीवन के दौरान वह टीडी कॉलेज और लखनऊ विश्वविद्यालय की राजनीति में सक्रिय रहे। साल 2002 और 2007 में वह रारी और मल्हानी से विधायक रहे हैं। साल 2009 में वह बसपा टिकट पर जौनपुर से सांसद बने थे।
धनंजय सिंह के कई पार्टियों में कनेक्शन रहे हैं। कुछ दिनों पहले तक वह जेडीयी में थे। उनके खिलाफ 40 से ज्यादा मुकदमे चल रहे थे। अब धनंजय सिंह ने खुद का है कि सिर्फ 4 मुकदमे अदालत में उनके खिलाफ चल रहे हैं। धनंजय सिंह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट, हत्या, अपहरण और रंगदारी जैसे आरोप शामिल हैं। इनमें से कुछ में वे बरी हो चुके हैं। उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी हैं। जौनपुर के चर्चित चेहरे हैं।
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अखिलेश यादव को क्यों घेर रही है बीजेपी?
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री:-
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह बात हर व्यक्ति जानता है कि प्रदेश के लगभग हर माफिया के संबंध समाजवादी पार्टी से रहे हैं। प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि एसटीएफ या उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई में पकड़े गए कुछ अभियुक्तों के संबंध समाजवादी पार्टी से रहे हैं। समाजवादी पार्टी, जो अपनी कार्यप्रणाली के लिए पहले से ही बदनाम और कुख्यात रही है, इस पूरे मामले में भी अपनी संलिप्तता उजागर होते हुए देखेगी।
यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने कहा, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में किसी भी तरह के मादक पदार्थ और दवाओं के अवैध कारोबार और संगठित अपराध को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर चल रही है, लेकिन इस मामले में विपक्ष की भूमिका अत्यंत चिंताजनक है। वह इस गंभीर मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, बल्कि जाति की राजनीति की आड़ में सच्चाई से बचने का प्रयास कर रहे हैं। कोडीन कफ सिंडीकेट से जुड़े लोगों के साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर का सामने आना, सामान्य बात नहीं है। इस मामले में उनकी चुप्पी समझ से परे हैं, उन्हें मामले में स्पष्टीकरण देना चाहिए।'
कफ सिरप केस में अब तक क्या हुआ है?
कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध भंडारण, वितरण और तस्करी से जुड़े मामले में दर्ज कई एफआईआर को रद्द करने और जांच के दौरान गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर हुई थीं। हाई कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि था कि यह मामला गंभीर है, विस्तृत जांच की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस केस की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित की है। अब तक करीब 3.5 लाख बोतलें जब्त की गई हैं, जिनकी कीमत 4 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है। इस केस में कुल 32 लोग गिरफ्तार हुए हैं और नेपाल-बांग्लादेश बॉर्डर तक तस्करी के सबूत मिले हैं। राज्य में इन सिरप के सेवन से कोई मौत नहीं हुई है। कोर्ट ने जांच जारी रखने का रास्ता साफ कर दिया।
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