देशभर में 18 दिसंबर को CSIR UGC-NET की परीक्षा हुई। इस परीक्षा में पेपर आउट होने की बात सामने आ रही है। यह परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने आयोजित करवाई थी। इस परीक्षा का पेपर हरियाणा में 17 दिसंबर को ही आउट हो गया था। पेपर लीक में पूरा गिरोह शामिल था और बच्चों से लाखों रुपये लेकर उन्हें यह पेपर दिया गया। हरियाणा की सीएम फ्लाइंग को इस मामले की जानकारी मिली तो वह भी मौके पर पहुंची और कार्रवाई की लेकिन इसे सीक्रेट रखा गया।
इस मामले का खुलासा दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गोहाना के सदर थाने में इस मामले में एक FIR दर्ज हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि परीक्षा से एक दिन पहले ही आउट हो गया था। स्टूडेंट्स से पेपर के बदले 3 से 4 लाख रुपये लिए जा रहे थे। जिन स्टूडेंट्स के साथ डील हुई थी, उन्हें एक गाड़ी में बैठाकर गोहाना में बनी एक कबड्डी एकेडमी में लाया गया। इस एकेडमी में छात्रों को अगले दिन होने वाले पेपर की जानकारी दी गई। एकेडमी में बैठाकर ही पेपर सॉल्व करने की प्रैक्टिस भी करवाई जा रही थी।
यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र निकाय चुनाव: बार-बार जीती महायुति, हर बार MVA की हार, गलती कहां हुई?
सीएम फ्लाइंग ने मारा छापा
कबड्डी एकेडमी में पेपर लीक की बात की भनक हरियाणा की सीएम फ्लाइंग को लग गई। जिल गाड़ी में छात्रों को कबड्डी एकेडमी लाया गया उसी गाड़ी का पीछा करते सीएम फ्लाइंग भी वहां पहुंच गई। सीएम फ्लाइंग को मौके पर 37 स्टूडेंट मिले। इसमें कैमिस्ट्री के 16 स्टूडेंट और लाइफ साइंस के 21 स्टूडेंट थे। मौके पर पेपर के कुल 66 पेज भी मिले। इस मामले में पेपर सॉल्व करवा रहे दो लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस कार्रवाई को गुप्त रखा गया है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कार्रवाई को हरियाणा विधानसभा के सत्र के कारण गुप्त रखा गया ताकि पेपर लीक मुद्दे पर विपक्ष हमलावर ना हो जाए।
मोबाइल पर मिला पेपर
सीएम फ्लाइंग ने मौके पर मौजूद स्टूडेंट्स और उनकी मदद कर रहे दोनों लोगों से पूछताछ की। FIR में पेपर सॉल्व करवा रहे दोनों लोगों का नाम है लेकिन स्टूडेंट्स के नाम नहीं हैं। सीएम फ्लाइंग के एसआई कर्मबीर ने दैनिक भास्कर से इस मामले में बात की। उन्होंने कहा, 'हमने गोहाना एरिया में रेड की थी। कुछ पेपर और अन्य सामान बरामद हुआ है। मौके पर 37 स्टूडेंट मिले थे। इन स्टूडेंट्स को अगले दिन होने वाले पेपर के प्रश्न दिए गए थे। जो पेपर मौके से मिले हैं, उन पेपरों का मिलान किया जा रहा है। जांच पूरी होने पर आगे कार्रवाई होगी।'
यह भी पढ़ें- बंगाल में 'जागो मां' गाने पर बवाल, गायिका लग्नजीता के साथ अभद्रता का आरोप
आरोपियों ने क्या बताया?
इन मामले में अरेस्ट किए गए दोनों आरोपियों नीरज और सचिन को गिरफ्तार कर लिया है। नीरज ने बताया कि उसका भाई धीरज मोबाइल फोन पर पेपर भेजता था। वह लैपटॉप और दो प्रिंटर के जरिए प्रिंट निकालकर छात्रों में पेपर बांटता था। उन्होंने बताया कि वे दोनों अगले दिन होने वाली CSIR UGC-NET की परीक्षा के लिए पेपर दे रहे थे। हर एक स्टूडेंट से 3 से 4 लाख रुपये लिए गए थे। CSIR UGC-NET पीएचडी एडमिशन, असिस्टेंड प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा है।इस मामले में जांच जारी है।