सोशल मीडिया पर न पार्टी का नाम, न पद का, क्या सोच रहे हैं अनिल विज?
राज्य
शुभम चंदेल• AMBALA 18 Sept 2025, (अपडेटेड 18 Sept 2025, 10:41 AM IST)
हरियाणा के परिवहन मंत्री और 7 बार के विधायक अनिल विज पार्टी से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट से कैबिनेट मिनिस्टर रेंक हटा लिया है।

अनिल विज, Photo Credit: PTI
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सीनियर नेताओं में से एक और हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज इन दिनों पार्टी से नाराज चल रहे हैं। नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि कयास लगाए जा रहे हैं कि अनिल विज पार्टी से छोड़ सकते हैं। इसके संकेत भी मिलने लगे हैं। अनिल विज ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से कैबिनेट मंत्री रैंक हटा दिया है। इस बदलाव के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि क्या अनिल विज मंत्री पद छोड़ने वाले हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था।
अनिल विज ने यह बदलाव बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे किया। पहले अनिल विज ने अपने एक्स अकाउंट पर अपने नाम के साथ मिनिस्टर हरियाणा लिखा था लेकिन अब उनके नाम के साथ केवल अंबाला कैंट, हरियाणा लिखा हुआ है। कुछ दिनों से अनिल विज लगातार पार्टी संगठन और सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। अब उनका मिनिस्टर रैंक हटाना राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है।
यह भी पढ़ें: वाराणसी कोर्ट के अंदर वकीलों ने पुलिस को पीटा, दरोगा ट्रॉमा सेंटर रेफर

समर्थकों से पूछा हम क्या करें
करीब 6 दिन पहले अनिल विज ने पार्टी की जिला इकाई पर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, 'अंबाला छावनी में कुछ लोग समानांतर भाजपा चला रहे हैं, जिन्हें ऊपर वालों का आशीर्वाद भी प्राप्त है। कमेंट बॉक्स में लिखें कि हम क्या करें? पार्टी का बहुत नुकसान हो रहा है।'

बता दें इससे पहले विधानसभा चुनावों के बाद भी अनिल विज पार्टी के नेताओं पर आरोप लगाए थे कि उन्हें हराने के लिए कुछ नेताओं ने कांग्रेस की बागी नेता चित्रा सरवारा का समर्थन किया था। उन्होंने चुनावों के बाद सीएम सैनी को लिखित में कुछ नेताओं और अधिकारियों के नाम भी दिए थे लेकिन अनिल विज का कहना है कि उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
क्यों नाराज चल रहे अनिल विज?
अनिल विज अंबाला में पार्टी संगठन पर उनके खिलाफ काम करने का आरोप लगाते रहे हैं। अनिल विज की नाराजगी की ताजा वजह बीजेपी के पूर्व कोषाध्यक्ष आशीष तायल की मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात को बताया जा रहा है। इन्हीं आशीष तायल की फोटो पर अनिल विज ने गद्दार का ठप्पा लगाया था। हालांकि, आशीष तायल का कहना है कि वह अंबाला के व्यापारियों के साथ बाढ़ के कारण हुए नुकसान और इससे संबंधित दिक्कतों को लेकर सीएम नायब सैनी से मिले थे।
यह भी पढ़ें- गोरखपुर हत्याकांड में पुलिस ने आरोपी को मारी गोली, अब तक 4 गिरफ्तार
बीजेपी पहले भी दे चुकी है नोटिस
जब से नायब सैनी हरियाणा के मुख्यमंत्री बने हैं तब से अनिल विज पार्टी में असहज महसूस कर रहे हैं। अनिल विज कई बार विवादित बयान दे चुके हैं जिसकी वजह से पार्टी आलाकमान उनसे नाराज बताया जा रहा है। उन्होंने सीएम नायब सैनी को उड़नखटोले पर सवार तक बता दिया था। वह हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष पर भी सवाल उठा चुके हैं। सीएम सैनी और मोहनलाल बड़ौली के खिलाफ बयानबाजी करने के लिए अनिल विज को बीजेपी ने नोटिस भी जारी किया था। इस पर भी काफी विवाद हुआ था।
पार्टी लाइन से बाहर दिए कई बयान
अनिल विज पिछले कई दिनों से पार्टी लाइन के बाहर जाकर बयानबाजी कर रहे हैं। अनिल विज आरोप लगा चुके हैं कि पार्टी की सरकार होने के बावजूद अधिकारी उनकी नहीं सुनते। उन्होंने फरवरी में कहा था कि मोहनलाल बड़ौली को अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उनपर महिसा से गैंगरेप के आरोप लगे थे।
अनिल विज ने पार्टी को तेवर दिखाते हुए कहा था, 'मैंने ना कभी मुख्यमंत्री का पद मांगा और ना मंत्री का। मंत्री रहते हुए भी मैंने कोई सरकारी घर नहीं लिया। अगर अब इस पद को कोई छीनना चाहता है तो बेशक छीन लें, मुझे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है लेकिन वे मेरी विधायकी नहीं छीन सकते। मुझे लोगों ने विधायक बनाया है।' इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी शिकायतों पर सीएम कोई कार्रवाई नहीं करते। पार्टी संगठन ने उनको चुनाव हराने की कोशिश करने वाले नेताओं के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की।
यह भी पढ़ें: PM मोदी की मां का AI वीडियो तुरंत हटाएं, पटना HC का कांग्रेस को आदेश
कितने ताकतवर अनिल विज?
अनिल विज हरियाणा बीजेपी का एक बड़ा चेहरा हैं। 1990 से अब तक वह 7 बार विधायक बन चुके हैं। उनकी छवि एक सख्त और ईमानदार नेता की है। अनिल विज अंबाला ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में काफी लोकप्रिय हैं। 1990 में सुषमा स्वराज के सीट खाली करने पर वह पहली बार विधायक बने। इसके बाद उन्होंने 1996 और 2000 में निर्दलीय चुनाव जीता लेकिन 2005 में उनकी हार हो गई। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते।
जब साल 2014 में बीजेपी सत्ता में आई थी तो अनिल विज सीएम की रेस में थे लेकिन उनकी जगह मनोहर लाल खट्टर को सीएम चुना गया था। 2019 से 2024 तक वह हरियाणा कैबिनेट में मंत्री रहे। सीएम नायब सैनी की कैबिनेट में नाराजगी की वजह से वह शामिल नहीं हुए थे लेकिन 2024 में 7वीं बार विधायक का चुनाव जीतने के बाद अनिल विज एक बार फिर से कैबिनेट मंत्री बन गए।
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap