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कश्मीर में आरक्षण नीति पर बवाल! महबूबा, इल्तिजा मुफ्ती सहित कई नेता नजरबंद

जम्मू-कश्मीर में मौजूदा आरक्षण नीति के खिलाफ छात्रों ने बड़े प्रदर्शन का आवाहन किया है। इसका समर्थन करने वाली महबूबा मुफ्ती को प्रशासन ने नजरबंद कर दिया।

Mehbooba mufti

महबूबा मुफ्ति। Photo Credit- PTI

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जम्मू-कश्मीर में मौजूदा आरक्षण नीति के खिलाफ छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इस प्रदर्शन को केंद्र शासित प्रदेश की कई पार्टियां समर्थन दे रही हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी ने भी छात्रों के इस प्रदर्शन अपना समर्थन दिया है। इसके चलते पुलिस ने दोनों नेताओं के साथ में अन्य नेताओं को नजरबंद कर दिया है।

 

अधिकारियों ने बताया कि महबूबा मुफ्ती, उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती, श्रीनगर से लोकसभा सांसद रुहुल्लाह मेहदी, पीडीपी नेता वहीद पारा और श्रीनगर के पूर्व महापौर जुनैद मट्टू को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है। प्रशासन ने कदम इन नेताओं द्वारा उन छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के बाद उठाया गया। बताया गया है कि इन नेताओं ने रविवार को गुपकर रोड पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी।

 

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समाधान के लिए समिति गठित करने की मांग

इन नेताओं ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा इस मुद्दे के समाधान के लिए एक समिति गठित किए जाने के एक साल पूरे होने के बावजूद कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकलने पर छात्रों की ओर से आयोजित मार्च में शामिल होने की मंशा जताई थी।

नेताओं ने प्रतिक्रिया दी

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए वहीद पारा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेताओं को घर में नजरबंद कर दिया गया है ताकि वे विरोध कर रहे छात्रों के साथ एकजुटता न प्रकट कर सकें। मेहदी ने शनिवार रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि उनके आवास के बाहर सशस्त्र पुलिस तैनात की गई है।

 

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उन्होंने सवाल किया, 'क्या यह छात्रों के समर्थन में हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने के लिए की गई एक पूर्व-नियोजित कार्रवाई है?' पारा ने इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला सरकार पर आरक्षण मुद्दे को हल करने की कोई मंशा नहीं दिखाने का आरोप लगाया और कहा कि मौजूदा आरक्षण नीति अस्तित्व का मामला बन गई है।

किस बात को लेकर छात्र नाराज?

बता दें कि छात्रों ने सरकार की आरक्षण को युक्ति संगत (रैशनलाइजेशन) बनाने में नाकामी के खिलाफ रविवार को श्रीनगर में धरना-प्रदर्शन का एलान किया था। ओपन मेरिट छात्रों का कहना है कि मौजूदा नीति में 60 फीसदी से ज्यादा सीटें आरक्षित श्रेणियों के लिए रखी गई हैं। ऐसे में ओपन मेरिट के लिए 40 फीसदी से भी कम सीटें बचती हैं, जो अन्यायपूर्ण है।

 


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