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IPS पूरन कुमार केस: SIT ने शुरू की जांच, हरियाणा सरकार को लिखा पत्र

वाई. पूरन कुमार की खुदकुशी को छह दिन बीत चुके हैं। अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। परिवार आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी पर अड़ा है। इस बीच चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी ने अपनी जांच तेज कर दी है।

IPS Y. Puran Kumar.

वरिष्ठ आईपीएस वाई. पूरन कुमार। ( Photo Credit: Social Media)

चंडीगढ़ पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की कथित खुदकुशी मामले की जांच शुरू कर दी है। अभी तक वाई. पूरन कुमार का पोस्टमार्टम नहीं हुआ। इस बीच चंडीगढ़ पुलिस ने उनकी पत्नी और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार को पत्र लिखा है। इसमें उनसे शव की पहचान करने का आग्रह किया गया है। 

 

एसआईटी ने हरियाणा सरकार को भी पत्र लिखा है। इसमें आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने की अपील की ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके। मामले की जांच के संबंध में एसआईटी की एक टीम रोहतक भी जाएगी।

 

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समिति ने 48 घंटे का दिया अल्टीमेटम

उधर, मामले में गठित 31 सदस्यीय समिति ने हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। समिति ने तय समय के भीतर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पद से हटाने की मांग की। चंडीगढ़ के सेक्टर 20 स्थित गुरु रविदास भवन में आयोजित महापंचायत में समिति ने यह फैसला लिया। शत्रुजीत कपूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने और आईपीएस वाई. पूरन कुमार को प्रताड़ित करने का आरोप है। 

 

समिति के प्रवक्ता ने कहा, 'हरियाणा के डीजीपी और रोहतक के पूर्व एसपी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हरियाणा सरकार को डीजीपी को पद से हटाना चाहिए। हमने 48 घंटे का समय दिया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई तय करेंगे।'

छह दिन बीते, पोस्टमार्टम नहीं हुआ

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार का खून से लथपथ शव उनके घर के बेसमेंट में मिला था। घटना के छह दिन बीत चुके हैं। अभी तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। परिवार आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी पर अड़ा है। हरियाणा सरकार परिवार को पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार के लिए मनाने में जुटी है। अभी तक बात नहीं बनी है। 

 

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2001 बैच के आईपीएस वाई. पूरन कुमार ने आठ पन्नों का अपना अंतिम नोट छोड़ा था। इसमें उन्होंने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी रहे नरेंद्र बिजारनिया समेत आठ अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ित करने और जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया था।

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