उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के उन शिक्षकों को राहत दी है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की योग्यता को लेकर कहा था कि अब टीचर बने रहने के लिए भी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) को पास करना अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री योगी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का रिवीजन दाखिल करने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर किए हए एक पोस्ट में कहा, 'सीएम योगी ने बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए TET की अनिवार्यता पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया है।'
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प्रदेश के शिक्षक अनुभवी- सीएम
मुख्यमंत्री योगी ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और समय-समय पर सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाता रहा है। ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज करना सही नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में क्या है?
शीर्ष कोर्ट के आदेश के मुताबिक, TET पास करने का नियम आगे होने वाली भर्तियों पर भी लागू होगा। इसके साथ ही अभी जो शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं उन्हें भी TET पास करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते तो उन्हें रिटायरमेंट लेना होगा। कोर्ट ने कहा है कि जिन शिक्षकों की रिटायरमेंट में 5 साल से कम का समय बचा है उन्हें इस नियम से छूट मिलेगी। वे अपनी रिटायर्मेंट तक बिना TET के भी सेवाएं दे सकते हैं।
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क्या है TET एग्जाम?
टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी TET नेशनल लेवल पर होने वाला एग्जाम है। इस एग्जाम को पास करने वाले उम्मीदवार ही पहली से आठवीं कक्षा तक के टीचर बनने के लिए योग्य हैं। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने साल 2010 में टीचर बनने के लिए इस एग्जाम को जरूरी कर दिया था। यह एग्जाम केंद्र और राज्य दोनों ही अलग-अलग करवाते हैं। केंद्रीय स्तर पर CTET और स्टेट लेवल पर STET होता है। इसमें पहली से पांचवीं तक के लिए पेपर-1 और छठी से आठवीं तक पेपर-2 होता है।