कन्नौज में ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर आफका खां अपने एक वायरल वीडियो की वजह से लाइन हाजिर हो गए हैं। एक इंटर कॉलेज में कार्यक्रम के दौरान इस्लाम की शिक्षा देने की वजह से उन पर विभागीय गाज गिरी है। उनके भाषण को लेकर पहले हिंदूवादी नेताओं ने आपत्ति जताई, उसके बाद अब उन्हें लाइन हाजिर किया गया है।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस मुख्यालय में पहुंचकर एसपी विनोद कुमार से मुलाकात की और शिकायत पत्र सौंपा। नेताओं ने कहा कि वर्दी पहनकर, धर्म विशेष की बात करना, संविधान के खिलाफ है।
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आखिर आफाक खान ने कहा क्या था?
TSI आफाक खान, ठठिया के आदर्श नगर इंटर कॉलेज में गए थे। वहां उन्होंने छात्राओं को कुछ नसीहतें दी थीं, जिस पर विश्व हिंदू परिषद ने ऐतराज जताया। हिंदू संगठनों का कहन ाहै कि वर्दी पहन कर ड्यूटी के वक्त ऐसी शिक्षाएं, हिंदू लड़कियों देना गलत है।
TSI आफाक खान:-
अरब देशों में पहले बेटियों को मार दिया जाता था। उनकी कोई शादी नहीं करता था। शादी को तौहीन समझा जाता था। मोहम्मद साहब आए और उन्होंने बेटियों को बचाने के लिए कोशिशें कीं। मोहम्मद साहब ने बेटियों को सुरक्षा दी। जिस घर में बेटी पैदा होती है उसे घर में रहमत बरसती है।
हिंदू संगठन नाराज क्यों हैं?
हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि वह वर्दी पहनकर इस्लामिक बातें कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। वह अपनी कट्टरपंथी मजहबी सोच दिखा रहे हैं। हिंदू संगठनों ने कहा है कि आफाक खान लोगों हिंदू संतों की गाड़ियां रोकते हैं, उन पर दबाव बनाते हैं, जबकि दूसरे धर्म के लोगों को जाने देते हैं।
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अपनी सफाई में क्या कह रहे हैं आफाक खान?
'मैं यातायात जागरूकता अभियान में छात्राओं को भावुक मैसेज दे रहा था। मैंने अरब देशों और मोहम्मद साहब का जिक्र कर दिया। इसको कुछ लोग वेवजह तूल देने लग गए हैं। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।
कौन हैं आफाक खान?
आफाक खान, कन्नौज में ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। वह सोशल मीडिया पर भी चर्चित रहते हैं। सोशल मीडिया पर उनके 9 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं। वह हर वर्ग में पसद किए जाते हैं। ट्रैफिक पर लापरवाही से चलने वाले लोगों को वह नियम सिखाते हैं, उन्हें रोकते हैं। आफाक खान लोगों को हेलमेट लगाने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने की नसीहत भी देते हैं। कई साधु संतों के साथ भी उनकी तस्वीरें वायरल होती हैं। उनके वीडियोज को लाखों लोग देखते हैं। कन्नौज में वह बेहद लोकप्रिय हैं। अपनी सहजता के लिए वह जाने जाते हैं। वह बड़े-बुजुर्गों से दुआएं लेते हैं, उनकी तस्वीरें शेयर करते हैं। उनके समर्थकों ने उनके लाइन हाजिर होने पर नाराजगी जाहिर की है।
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लाइन हाजिर होना क्या होता है?
लाइन हाजिर होना पुलिस विभाग में एक अनुशासनात्मक कार्रवाई है। पुलिसकर्मियों को लापरवाही, गलती या शिकायत की वजह से सक्रिय ड्यूटी से हटाया दिया जाता है। ड्यूटी से हटने के बाद उन्हें पुलिस लाइन में रिपोर्टिंग के लिए भेज दिया जाता है। यहां वे सामान्य ड्यूटी नहीं करते, बल्कि जांच पूरी होने तक इंतजार करता करते हैं। इसे सजा की तरह समझा जाता है। दिलचस्प बात यह है कि यह औपचारिक निलंबन नहीं है। इस दौरान सैलरी नहीं रुकती, बार-बार लाइन हाजिर होने पर प्रमोशन में दिक्कतें आती हैं। पुलिस विभाग में इसे ठीक नहीं समझा जाता है।